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12-01-31
2012-02-01 10:57:47

न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में, मैं हेमा कृपलानी आप सब का हार्दिक स्वागत करती हूँ।दोस्तों, हम आपको समय-समय पर यहाँ चीन में होने वाली गतिविधियों के बारे में, बदलाव के बारे में, समाज-संस्कृति की खबरें बताते रहते हैं। आज हम यहाँ चीन में गृहिणियों की स्थिति पर, गृहिणियों की ओर समाज के नजरिए पर एक नज़र डालेंगे। ये जानने की कोशिश करेंगे की एक महिला जब अपने करियर को छोड़, घर में रहकर अपने घर-परिवार की देखभाल करने का फैसला लेती है, यह सोच की घर पर रहकर वह अपना पूरा समय अपने परिवार को दे सकती है, ताकि उसके पति-बच्चे अपने भविष्य को सुनहरा बना सकें। क्या वही समाज गृहिणियों के अधिकारों और हितों के बारे में भी उतना ही ध्यान से सोचता है। चलिए, जानने की कोशिश करते हैं।

चीन की पारंपरिक अवधारणाओं के अनुसार पुरुषों को घर के बाहर काम करना चाहिए और महिलाओं को घर का काम तथा बच्चों की देखभाल करनी चाहिए। इस प्रकार गृहिणियों का चीन में एक बड़ा समूह बन गया है। चीन की राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार 1982 में लगभग 69.5 करोड़ महिलाएँ घर के बाहर काम करने की बजाय घर की बागडोर संभालती थी। चौथी राष्ट्रीय जनगणना जो कि 1990 में की गई थी, तब 62.6 करोड़ महिलाएँ काम नहीं करती थीं।हालांकि,संख्या में भारी कमी देखी गई। लेकिन हैरत की बात है कि 2000 से जब पांचवीं राष्ट्रीय जनगणना आयोजित हुई तो पता चला 67.4 करोड़ महिलाएँ गृहिणियाँ थीं। 2005 में देखा गया कि लगभग 73 प्रतिश्त चीनी महिलाएँ जिनकी आयु 16 साल या उससे अधिक हैं –वे भी गृहिणियाँ हैं।

गृहिणियों का समाज में एक बड़ा समूह है, उनकी स्थिति एक समूह के रूप में, महिलाओं के विकास और महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन को दर्शाता है। राष्ट्रीय सेंपल सर्वेक्षण में यह भी संकेत दिया गया कि बेरोजगार लोगों में 62 प्रतिशत महिलाएँ हैं जिनमें एक तिहाई से अधिक गृहिणियाँ हैं। जो पेशेवर तरीके से घरेलू कर्तव्यों को निभाती हैं। इस बीच, बेरोजगार पुरुषों में से केवल 5.7 प्रतिशत ही खुद को घर का कामकाज करने के लिए समर्पित करते हैं। 91.7 प्रतिशत महिलाएँ ही घरेलू कामकाज के लिए जिम्मेदार हैं। नमूनों के परिणाम बताते हैं कि समाज में दोनों की एक स्पष्ट लिंग परिभाषा और घर के कामकाज के विभाजन के बारे में स्पष्ट अपेक्षाएँ हैँ।

नमूनों के परिणाम ये भी दर्शाते हैं कि 72 प्रतिश्त घर में रहकर, घर के काम-काज को संभालने वाले पुरुषों की आयु 60 से ज्यादा है जबकि 28 प्रतिश्त गृहिणियाँ उस आयु वर्ग में आती हैं। 30 प्रतिश्त गृहिणियाँ 40 साल से कम उम्र की थीं जबकि उस उम्र के पुरुषों में से शायद ही कोई घर पर रहना पसंद करता है। 60 साल के पुरुषों ने घर पर रहना इसलिए मंजूर किया क्योंकि सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें काम ढ़ंढ़ने में कठिनाई हो रही थी। हालांकि, बहुत बड़ी संख्या में युवा महिलाओं ने गृहिणी बनना चुना। 1990 से पहले चीन में कई लोगों को लगा कि महिलाओं के पास कोई विकल्प नहीं था, गृहिणी बनने के अलावा - क्योंकि उनमें शिक्षा और नौकरी कौशल का अभाव था। उनके मूल्यांकन कुछ गलत नहीं थे। 1990 की जनगणना से संकेत मिला कि गृहिणियों में लगभग 90 प्रतिशत महिलाओं ने केवल प्राथमिक स्कूली शिक्षा पूरी की थी। उन में से कई महिलाएँ अनपढ़ थी या केवल सेमीलिटरेट थीं।

लोगों की शिक्षा के सामान्य स्तर में सुधार के साथ, गृहिणियों के सांस्कृतिक स्तर में काफी सुधार हुआ। अनपढ़ और सेमीलिटरेट महिलाओं के अनुपात में तेजी से गिरावट देखी गई। 2000 की जनगणना ने राष्ट्रव्यापी संकेत दिया। उस समय तक, एक तिहाई गृहिणियों ने जूनियर, मिडिल स्कूल या उच्चतर शिक्षा प्राप्त कर ली थी। 2005 तक कुछ 600,000 गृहिणियों ने कॉलेज की डिग्री या उससे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर ली थी। पारंपरिक चीनी महिलाओं की तुलना में, आज की गृहिणियाँ युवा, ज्यादा पढ़ी-लिखी,परिवार और समाज दोनों में अधिक प्रभावशाली हैं।

चीन में विकास और सामाजिक परिवर्तन को देखते हुए, घर के कामकाज की ओर लोगों के नजरिए में बदलाव आया है, उदाहरण के लिए, शिक्षित महिलाओं को रोजगार के बाजार में प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए अब गृहिणी बनना ज्यादा पसंद है जो एक आधुनिक जीवन शैली का हिस्सा है। सन् 2000 में 94.3 प्रतिशत गृहिणियों को उनके परिवार के सदस्यों से समर्थन प्राप्त हुआ जो कि 2005 में 92.7 प्रतिशत रह गया। संकेत मिला कि कामकाजी महिलाओं की अपेक्षा गृहिणियाँ खुद पर निर्भर रहने में असमर्थ थी अगर उन्हें उनके परिवारों से समर्थन नहीं मिलता।

गृहिणियों के स्वास्थ्य की स्थिति भी कार्यरत महिलाओं की तुलना में अच्छी नहीं थी। 2005 में, गृहिणियों में 86.9 प्रतिशत का स्वास्थ्य अच्छा था और कार्यरत महिलाओं में 97.9 प्रतिशत स्वस्थ थी।

कहने का मतलब यह है कि अभी भी चीन में गृहिणियों को सामाजिक सुरक्षा प्रणाली का समर्थन नहीं मिलता।2005 में केवल पांच प्रतिशत गृहिणियों के पास वृद्धावस्था बीमा था और सिर्फ 20 प्रतिशत के पास चिकित्सा बीमा था। लेकिन, 14 प्रतिशत कार्यरत महिलाओं को वृद्धावस्था बीमा द्वारा कवर किया गया और 31.5 को चिकित्सा बीमा द्वारा कवर किया गया था।

अगर सीधे-सादे शब्दों में कहा जाए तो सर्वेक्षण से यही पता चलता है चीन में गृहिणियाँ अपने पति और बच्चों पर बहुत ज्यादा आश्रित हैं। गृहिणियों की ओर समाज को और अधिक ध्यान देना चाहिए और गृहिणियों को बेहतर संरक्षण प्रदान करने की जरूरत है।नीति पर विचार करते समय गृहिणियों के अधिकारों और हितों के बारे में भी ध्यान से सोचना चाहिए।

चलिए, गृहिणियों के बाद हम आज आपको मिलवाते हैं चीन की महिला अंगरक्षकों से।

आप को भी सुनकर हैरानी हो रही होगी। पहले मैंने आपको चीन में गृहिणियों के बारे में बताया और अब मैं आपको यहाँ की महिला अंगरक्षकों के बारे में बताने जा रही हूँ।

काले रंग का स्मार्ट बिजनेस सूट और पैरों में ऊंची हील की सैंडल पहनने वाली चेन हाई रॉन्ग को देख कर कोई यही कहेगा कि वो एक साधारण कामकाजी महिला हैं।

लेकिन जैसे ही वो गाड़ी से बाहर निकल कर अपनी बंदूक हाथ में लिए एक सैनिक जैसी मुद्रा धारण करती है, तो ऐसा लगता है कि आँखों से ही कोई चूक हुई हो। लेकिन फिर वो गिद्ध जैसी नजर से पार्किंग मैदान का सर्वेक्षण करना शुरू करती है।

मुड़ कर देखा तो गाड़ी में से जैसे ही एक अमीर महिला निकलती है, तो चेन हाई दौड़ कर उनके साथ बंदूक थामे तेजी से चलने लगती है। अंगरक्षक चेन हाई कहती हैं, 'कभी कभी ऐसा होता है कि महिलाएँ पुरुषों के मुकाबले ज्यादा शक्तिशाली और बेहतर होती हैं।'

21 वर्षीय चेन हाई चीन की उन सैंकड़ों महिलाओं में से एक है, जिनमें अंगरक्षक या बॉडीगार्ड बनने की होड़ सी लगी है। एक अनुमान के मुताबिक चीन में करीब 3,000 अंगरक्षक कंपनियां, सुरक्षा प्रदान करने की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए आपस में मुकाबला कर रही हैं।

'बहन जैसा साथ' चीन में समृद्ध लोगों की बढ़ती तादाद में महिलाएं अब पीछे नहीं है। अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ते फासलों के चलते इन महिलाओं को तेजी से निजी सुरक्षा की जरूरत महसूस हो रही है।

ऐसे में वेन कुई ने अमीर कामकाजी महिलाओं को निजी सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक कंपनी खोली, जिसमें उन्होंने महिला अंगरक्षकों को प्रशिक्षित किया। वेन कुई ने ऐसी कंपनी खोलने की योजना तब बनाई, जब उन्हें खुद बिजनेस-यात्राओं के दौरान खतरे का सामना करना पड़ा।

वेन कुई कहती हैं, 'महिला अंगरक्षक पास होने से महिलाओं को ऐसा अहसास होता है कि उनके साथ उनकी बहन ही मौजूद है, जो उनकी रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। दूसरा फायदा यह भी है कि बिजनेस-यात्राओं के दौरान महिलाएं अपनी अंगरक्षक के साथ एक ही कमरे में ठहर सकती हैं।'

वेन कुई को हाल ही में महिला अंगरक्षकों को प्रशिक्षित करने के 30 नए ऑर्डर मिले हैं। वे अपने स्टाफ को कुंग-फू, निगरानी रखने के गुणों के अलावा पूर्व सैनिकों से भी प्रशिक्षित कराती हैं, ताकि किसी भी तरह की कमी की कोई गुंजाइश न हो। उनका कहना है कि महिला ग्राहक महिला अंगरक्षक ही चाहती हैं क्योंकि वे उनके साथ ज्यादा सहज भी महसूस करती हैं।

श्रोताओं, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। इसी के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।

तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार

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