आज सुबह नाश्ता करके 9:30 बजे घूमने के लिए निकले. सबसे पहले हमने चीन में रहने वाले कुछ आदिवासियों के जीवन की कुछ झाकी देखी. उनका एक गाँव रूप झाकी बना हुआ था, जिसमे उनके रहन सहन, जीवन, कला आदि का समझाने का प्रयास किया जाता हैं. वो आदिवासी जाति चीन के अल्पसंख्यक जातियों में से एक हैं. जब हमने उनके गाँव में प्रवेश किया, तो दों बंदे हमें लेने के लिए आये और अपने पारम्परिक अंदाज़ से हमारा स्वागत किया. जब अपने मुहँ पर हाथ रख कर आवाज़ निकालते हैं तो इसका मतलब हैं की वो आपका अभिवादन कर रहे हैं. उनके यह गाँव की झाकी पेई हाए शहर में थी. जब हमें उनके गाँव में आगे बढ़े तो उन्होंने अपने कबिलाई करतब दिखाने शुरू किये. इसके बाद उन्होंने हमें साप के ज़हर और उसके बचने की कुछ नुस्के बताया. इससे आगे बढ़े तब उनके गीत संगीत वादन की जानकारी दी.
इसके बाद हम वियतनाम के आदिवासी गाँव की झाकी देखी. उनका भी रहन सहन का तरीका और उनके जीवन के बारें में जानकारी दी. वहाँ उनका पारंपरिक नृत्य पेश किया गया, और साथ ही साथ उनके कुछ हैरतअंगेज़ करतब भी देखने को मिले. टूटे हुए काँच पर नंगे पैरों से नृत्य करना, और तेज धार वाली तलवार की सीढ़ी पर चलना एवम झूलना, यह सब उन्होंने हमें करके दिखाया. वहाँ उनके कच्चे घर भी देखे. उनका यह गाँव मुझे बहुत पसंद आया.
उसके बाद हम दोपहर का खाना खाने गए. आज खाने में पिज्जा था. यह देख कर जरूर काफी लोगो के मुहँ में पानी आ गया होगा. हम पिज्जा हट में गए थे. वहाँ हमने पहले सूप पिया और फिर पिज्जा खाया. सच में पिज्जा काफी स्वादिस्ट था.
उसके बाद हम पेई हाए शहर के "यिन थान" नाम के जगह पर गए जो एक समुद्री तट था. वहाँ एक बहुत विशाल समुद्र मेरी आँखों के सामने था. वहाँ हम समुद्र के किनारे गए और खूब मस्ती की. उसके बाद हम अपने होटल वापिस आ गए. शाम को 6:30 बजे फिर हम इकट्टा हुए. हम रात का भोजन करने के लिए एक होटल में गए जहाँ पेई हाए का परंपारिक भोजन मिलता हैं. भोजन काफी स्वाद था. वो होटल हमारे होटल से काफी नजदीक था, इसलिए टहलते हुए हम अपने होटल वापिस आ गए.
अखिल पाराशर
10/12/2011