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डब्ल्यूटीओ में भागीदारीः
2011-11-29 18:27:17

नवम्बर 1995 में जीएएटी संबंधी चीनी कार्यदल का नाम बदलकर डब्ल्यूटीओ संबंधी चीनी कार्यदल हो गया।

28 नवम्बर 1995 को अमरीका ने चीन को एक अनौपचारिक दस्तावेज दिया,जिसमें डब्ल्यूटीओ में चीनी भागीदारी के लिए 28 मांगें रखी गई थीं।

12 फरवरी 1996 को चीन और अमरीका के बीच डब्ल्यूटीओ में चीनी भागीदारी पर 10वें दौर की वार्ता हुई।

22 मार्च 1996 को जेनेवा में शुरू हुई डब्ल्यूटीओ के चीनी कार्यदल की पहली औपचारिक बैठक में लुंग युंग-थु के नेतृत्व में चीनी प्रतिनिधि मंडल ने भाग लिया।

6 अगस्त 1997 को चीन और न्यूजीलैंड के बीच पेइचिंग में चीन के डब्ल्यूटीओ का सदस्य बनने के सवाल पर समझौता संपन्न हुआ।

26 अगस्त 1997 को चीन और कोरिया गणराज्य के बीच सियोल में संबंधित समझौता संपन्न हुआ।

1997 की 13 से 24 अक्तूबर तक चीनी वैदेशिक व्यापार मंत्रालय के प्रथम वार्ताकार लुंग युंग-थु और उन के शिष्टमंडल ने जेनेवा में यूरोपीय संघ,औस्ट्रेलिया,नार्वे,ब्राजील,भारत,मेक्सिको और चिली आदि डब्ल्यूटीओ के 30 सदस्यों के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं कीं,हंगरी,चेक,स्लोवाकिया और पाकिस्तान के साथ डब्ल्यूटीओ में चीनी भागीदारी संबंधी बाजार-प्रवेश के मुद्दे पर वार्ता को समाप्त करने वाले समझौते पर हस्ताक्षर किए तथा चिली,कोलम्बिया,अर्जेटीना और भारत के साथ बाजार-प्रवेश के मुद्दे पर वार्ता का मौटे तौर पर अंत हुआ।

1997 की 26 अक्तूबर से 2 नवम्बर तक चीनी राष्ट्राध्यक्ष च्यांग ज-मिंग निमंत्रण पर अमरीका गए।उन के और अमरीकी राष्ट्रपति क्लिंटन के द्वारा जारी एक संयुक्त वक्तव्य में दोहराया गया कि डब्ल्यूटीओ में चीन की हिस्सेदारी पर वार्ता को गति दी जाएगी और वार्ता का यथाशीघ्र अंत किया जाएगा।

1997 की 1 से 16 नम्बर तक चीन और जापान के बीच डब्ल्यूटीओ में चीनी भागीदारी संबंधी बाजार-प्रवेश के मुद्दे पर वार्ता अपने अंजाम तक पहुंची।

1997 की 2 नवम्बर को एपेक के मंत्री स्तरीय सम्मेलन में उपस्थित वरिष्ठ चीनी व अमरीकी पदाधिकारियों ने डब्ल्यूटीओ में चीनी भागीदारी के सवाल पर चतुर्मुखी तौर पर विचार-विमर्श किया।

1997 की 1 से 12 दिसम्बर तक चीनी प्रतिनिधि मंडल ने जेनेवा में डब्ल्यूटीओ संबंधी चीनी कार्यदल की छठी बैठक में भाग लिया और प्रोटोकोल व कार्य-रिपोर्ट की अधिकांश भागों पर सहमति जताई।इस के अलावा चीनी प्रतिनिधि मंडल ने अमरीका,यूरोपीय संघ,जापान,औस्ट्रेलिया,ब्राजील और मेक्सिको आदि देशों से साथ भी द्विपक्षीय सलाह-मशविरे किए।

1998 की 28 मार्च से 9 अप्रैल तक डब्ल्यूटीओ संबंधी चीनी कार्यदल की 7वीं बैठक में चीनी प्रतिनिधि मंडल ने डब्ल्यूटीओ के सचिवालय को करीब 6000 विषयों पर चुंगी को कम या माफ करने वाली एक सूची सौंपी।इसे प्रमुख सदस्यों ने बहुत सकारात्मक बताया।

1998 की 18 से 22 मई तक लुंग युंग-थु की अगुवाई में चीनी प्रतिनिधि मंडल ने जेनेवा में बहुपक्षीय व्यापारिक व्यवस्था की स्थापना की 50वीं सालगिरह पर आयोजित समारोह और डब्ल्यूटीओ के व्यापार मंत्रियों के द्वितीय सम्मेलन में भाग लिया।

1998 की 17 जून को चीनी राष्ट्राध्यक्ष च्यांग ज-मिंग ने अमरीकी पत्रकार को दिए अपने साक्षात्कार में ऐसे 3 सिद्धांत पेश किए कि एक,चीन की भागीदारी के बैगर डब्ल्यूटीओ संपूर्ण नहीं है।दो,चीन एक विकासशील देश के नाते निस्संदेह डब्ल्यूटीओ की सदस्यता प्राप्त करेगा और तीन,डब्ल्यूटीओ में चीन की भागीदारी अधिकारों,हितों व कर्तव्यों के बीच संतुलन पर आधारित है।

1998 की 16 नवम्बर को चीनी राष्ट्राध्यक्ष च्यांग ज-मिंग ने अमरीकी उपराष्ट्रपति गोर के साथ कुआलालम्पुर में आयोजित एपेक-सम्मेलन के दौरान वार्ता की।दोनों नेताओं ने उम्मीद प्रकट की कि 1999 के शुरू में चीन-अमरीकी वार्ता का अंत हो जाएगा।

1999 की 3 मार्च को चीन और अमरीका के उच्च स्तरीय व्यापार-प्रतिनिधि मंडलों के बीच चुंगी को घटाने,कृषि,दूर संचार,वित्त और बीमा-बाजार को और अधिक खोलने पर आधी रात तक वार्ता हुई।

1999 की 4 से 13 अप्रैल तक चीनी प्रधान मंत्री चू रुंग-ची अमरीका की यात्रा पर गए।10 अप्रैल को चीन और अमरीका के बीच चीन-अमरीका कृषि-सहयोग समझौता संपन्न हुआ। और डब्ल्यूटीओ में चीन की भागीदारी पर एक साझा वक्तव्य जारी किया गया।अमरीका ने वादा किया कि वह 1999 में डब्ल्यूटीओ का सदस्य बनने के लिए चीन का डटकर समर्थन करेगा।

1999 के अप्रैल के अंत में अमरीका के प्रथम वार्ताकार कसिटी ने पेइचिंग आकर चीनी पक्ष के साथ संबंधित अनसुलझे मसलों पर वार्ता की।

1999 की 8 मई को अमरीका की अगुवाई वाले नाटो ने यूकोस्लाविया स्थित चीनी दूतावास पर हवाई हमला किया।इससे विवश होकर चीन सरकार ने डब्ल्यूटीओ में शामिल होने के सवाल पर वार्ता को बन्द कर दिया।

1999 की 6 सितम्बर को चीन-अमरीकी वार्ता पुनःशुरू हुई।

1999 की 8 सितम्बर को चीनी राष्ट्राध्यक्ष च्यांग ज-मिंग ने औस्ट्रेलिया में डब्ल्यूटीओ में चीन के भागीदारी के 3 सिद्धांत दोहराए।

1999 की 11 सितम्बर को च्यांग ज-मिंग और अमरीकी राष्ट्रपति क्लिंटन ने 7वें एपेक-सम्मेलन में औपचारिक वार्ता की।

1999 की 15 नवम्बर को चीन और अमरीका के बीच डब्ल्यूटीओ में चीनी भागीदारी पर समझौता संपन्न हुआ।

2000 की 12 अप्रैल को चीन और मलेशिया के बीच समझौता संपन्न हुआ।

2000 की 16 मई को चीन लिथुवानिया के बीच समझौता संपन्न हुआ।

2000 की 26 सितम्बर को चीन और स्वीट्जरलैंड के बीच समझौता संपन्न हुआ।

2000 की 19 मई को चीन और यूरोपीय संघ के बीच समझौता संपन्न हुआ।

2000 की 13 सितम्बर को चीन और मेक्सिको के बीच समझौता संपन्न हुआ।

2001 की 2 नवम्बर को लूंग युंग-थु ने डब्ल्यूटीओ में चीन की भागीदारी की समय-सीमा घोषित की और 11 नवम्बर को डब्ल्यूटीओ का सदस्य बनने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।

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