आज फोकस में है, दक्षिण एशिया में महिलाओं की स्थिति। महिलाएं समाज का आधा भाग हैं और पारिवारिक इकाई का केंद्र भी। लेकिन फिर भी महिलाओं को आज भी समाज में पुरुषों के बराबर जगह नहीं मिल पाई है। इस के लिए पढ़ लिख कर और पुरुषों के लिए माने जाने वाले कार्यस्थलों पर भी अपनी उपस्थिति दर्जा करा कर महिलाएं अपनी योग्यता और काबलियत पहले ही मनवा चुकी हैं। लेकिन फिर भी पुरुष प्रधान समाज उन्हें अपने बराबर जगह देने को कितना तैयार हुआ है कितना नहीं, और इस से जुड़े अन्य पहलुओं पर हम ने भारत में इगनों में कार्यरत और सामाजिक चितंक सुश्री पूनम भूषण से बात की।