वर्ष 1963 में अनिभा और उसके पति ने पहला बच्चा गोद लिया था, वह एक हासाख जाति का तीन वर्ष की उम्र का बच्चा था। वर्ष 1977 में 11 वर्ष की उम्र की ह्वी जातीय बच्ची को अनिभा द्वारा गोद लिया गया था।
उस समय अनिभा के पति का वेतन कम था, इसलिए बच्चों को बेहतर जीवन देने के लिए अनिभा और उनका पति बहुत काम करता था, अनिभा ने कहा:
"उस समय हम अक्सर नौकरी खोजते रहते थे, घर में दो गाय थे, और मैं दही बेचती थी, मैं खुद बच्चों के लिए वस्त्र बनाती थी। "
हालांकि इन बच्चों को गोद लेने में बहुत कठिनाई थी, लेकिन अनिभा और उन के पति का विचार नहीं बदला, उन के विचार में इस घर में विभिन्न बच्चों के बीच कोई अंतर नहीं है, छिन ह कांउटी के अधिकारी नुएर के कहा:
"अनिभा हमेशा कहती हैं कि हम परिवार हैं, कोई अंतर नहीं है, इस बात को सुनकर हम बहुत प्रभावित हैं।"
अनिभा की छोटी बेटी र हेई ने कहा:
"हम एक ही घर में पले-बढ़े हैं, लेकिन बचपन में मुझे यह समझ में नहीं आता था। दूसरे सहपाठियों ने मुझ से कहा था कि अगर तुम्हारे घर में कोई अनाथ नहीं होता तो तुम भी हमारी तरह बहुत सारे नये कपड़े पहन सकती हो। मैं यह सुनकर बहुत दुखी हुई। रात को माताजी ने मुझ से कहा कि वे अनाथ नहीं है, वे सभी मेरे भाई-बहन हैं। इस के बाद मुझे माताजी का विचार समझ आया और मुझे लगता है कि हमलोगों के बीच बहुत अच्छी भावना है।"
अनिभा की कार्यवाही अपने बच्चो को बड़ा प्रभावित करती है, इसलिए वे भी अक्सर दूसरों की मदद करते हैं, हालांकि उन के पास कुछ कठिनाई है, लेकिन गरीब छात्रों की मदद करना उन के जीवन का एक भाग बन गया है।
अनिभा की कहानी से सारी समाज प्रभावित है, इसलिए वे शिनच्यांग में दस सर्वश्रेष्ठ माता में से एक बन गयी हैं, और चीनी राष्ट्रीय प्रतीक के रुप में अनिभा ने विश्व से चीनी माता की छवि प्रदर्शित की है। वर्ष 2011 में अनिभा चीनी राष्ट्रीय नैतिक मॉडल बन गयी थीं।
छिन ह कांउटी के अधिकारी नुएर ने संवाददाता से कहा कि अनिभा की कार्यवाही की प्रशंसा करने के लिए कांउटी सरकार ने अनिभा के लिए एक नया मकान की स्थापना कराने का निर्णय किया है, नए मकान में एक प्रदर्शनी भवन होगा, जिस में अनिभा की कहानी को दिखाया जाएगा।