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युन्नान की फुएर चाय विश्व में प्रसिद्ध है
2012-02-04 15:59:39

दोस्तो, यह सर्वविदित है कि चीन की चाय दुनिया में प्रसिद्ध है। इतिहास के अनुसार मानव जाति का चाय बनाने व चाय पीने का सबसे पुराना रिकॉर्ड चीन में है। चीन में चाय पीने का इतिहास कई हजार साल पुराना है। प्राचीन समय से ही चीन में विभिन्न प्रकार की चाय में फुएर चाय लोगों को विशेष तौर पर पसंद है। फुएर चाय का इतिहास भी पुराना है, बनाने की तकनीक भी विशेष है और लोगों के स्वास्थ्य के लिए यह अच्छी भी है।

वास्तव में फुएर चाय एक प्रकार की काली चाय है, जिसका उत्पादन चीन के युन्नान प्रांत के फुएर क्षेत्र में होता है, इसी पर इस का नाम पड़ा है। लम्बे इतिहास में फुएर चाय चीन की रंगबिरंगी चाय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण भाग बन गई है।

युद्ध व रोग आदि वजह से किंग राजवंश के अंत से फुएर चाय के विकास में बाधा पड़ी। वर्ष 1993 तक पहले फुएर चाय दिवस के आयोजन से व वर्ष 2005 में एक सौ घोड़ों से यह चाय पेइचिंग पहुंचाई जाने के बाद लगभग एक सौ साल तक अनजान बनी रहने वाली फुएर चाय धीरे-धीरे दुनिया के सामने अपना नाम रोशन कर रही है।

चीन के युन्नान प्रांत के फुएर शहर के चाय संघ के अध्यक्ष च्वू ची एन ने इस दौर के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि किंस राजवंश के अंत से युद्घ व रोग आदि विभिन्न प्रकार की वजहों से फुएर चाय के बाजार में मंदी आई । नए चीन की स्थापना के बाद और सुधार व खुलेपन की नीति लागू होने के 30 साल पहले तक चीन में लम्बे समय से चली आ रही रोटी कपड़े की समस्या का समाधान नहीं किया जा सका था। इसलिए लोगों के जीवन में फुएर चाय पीने की आदत नहीं थी और चाय का उत्पादन भी बन्द हो गया था। बाद में वर्ष 1993 से सी माउ शहर के नेता ने चीन के पहले फुयर चाय दिवस के आयोजन का सुझाव पेश किया, जिसका लक्ष्य था, इस प्रकार की चाय का विकास करना और इस संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना। वर्ष 2005 में हमने एक सौ घोड़ों से चाय पेइचिंग पहुंचाने की कार्यवाही की। साढे पांच महीनों में 7 प्रांतों से हो कर एक सौ घोड़ो से फुएर चाय पेइचिंग पहुंची। इस कार्यवाही से देश के लोगों को इस चाय की जानकारी मिली।

फुएर चाय का इतिहास पुराना है। इस चाय के सबसे पहले के रिकॉर्ड के अनुसार 3 हजार साल पहले के प्राचीन समय में युन्नान के नागरिक यह चाय पीते थे। लेकिन उस समय इस का नाम फुएर चाय नहीं था। थांग राजवंश तक फुएर चाय का बड़े पैमाने पर उत्पादन हुआ है, उस समय इस का नाम था फू चाय। सोंग व मिंग राजवंश तक मध्य चीन में इस चाय का बड़ा विकास हुआ, जिससे फुएर चाय ने राष्ट्रीय सामाजिक व आर्थिक व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। और किंग राजवंश तक फुएर चाय के विकास का महत्वपूर्ण चरण शुरू हुआ ।

फुएर चाय के बड़े विकास से चाय के परिवहन के एक रेशम मार्ग की स्थापना भी हुई , जिसका एक अन्य नाम है चाय होर्स रोड। इस रोड से फुएर चाय देश के विभिन्न प्रांतों के साथ साथ भूटान, नेपाल, भारत, सिंगापुर, मलेशिया, म्यांमार, थाईलैंड, कोरिया, जापान, फ्रांस व ब्रिटेन आदि देशों तक पहुंचाई जाती थी। धीरे-धीरे फुएर चाय विश्व में प्रसिद्ध हो रही है।

लेकिन आधुनिक समय में फुएर चाय का विकास स्थगित होने की वजह से दुनिया में इस चाय का प्रभाव भी कम हुआ। श्री च्वू ची एन ने कहा कि इधर के सालों में फुएर चाय चीन में दुबारा अच्छी तरह प्रसिद्घ होने से दुनिया में इस का प्रभाव भी धीरे-धीरे अधिक हो रहा है, विशेषकर दक्षिण-पूर्वी एशिया में।

उन्होंने कहा कि दुनिया में फुएर चाय का प्रभाव दिन प्रति दिन बढ रहा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है क्योंकि बाहर यह प्रमुख रूप से दक्षिण-पूर्वी एशिया में बेची जाती है और विशेषकर सिंगापुर व मलेशिया में अधिक । मेरे विचार में दक्षिण-पूर्वी एशिया में इस चाय का प्रभाव किंग राजवंश की स्थिति तक नहीं बहाल हुआ । मलेशिया में सिर्फ चीनी लोग इसे खरीदते हैं और स्थानीय लोगों को इस के बारे में कम जानकारी है। कोरिया गणराज्य, जापान, यूरोप व अमरीका में भी इस का प्रभाव अधिक नहीं है।

श्री च्वू ची एन के अनुसार हाल ही में फुएर चाय की निर्यात मात्रा धीरे-धीरे बढ रही है, लेकिन इतनी ज्यादा नहीं है। पहले समय में फुएर चाय ने खाना हजम करने में मदद देने वाली दवा के रुप में यूरोप व अमरीका में प्रवेश किया , लेकिन अब ज्यादा लोग इसे पेय मानते हैं। वास्तव में चाय विशेष कर फुएर चाय को 21 शताब्दी में मानव जाति के लिए एक स्वास्थ्य पेय बनाना चाहिए। फुएर चाय के उत्पादन का वातावरण हरित व प्रदूषण रहित है। इसलिए अन्य प्रकार की चाय में यह श्रेष्ठता नहीं है।

फुएर पत्रिका के उपाध्यक्ष हवांग यान ने कहा कि फुएर चाय का पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए इस का लाभकारी होना दुनिया में इस की प्रसिद्घि का मुख्य कारण है।

अब दुनिया में खाद्यपदार्थों की सुरक्षा में कुछ सवाल मौजूद हैं, लेकिन फुएर चाय सही रुप में हरित चाय है, जिससे दुनिया के लोगों को इस पर ध्यान देना चाहिए।

इधर के सालों में युन्नान प्रांत विशेषकर फुएर शहर फुएर चाय को विश्व बाजार में प्रसिद्घि दिलाने की बड़ी कोशिश कर रहा है।

श्री च्वू ची एन ने कहा कि इधर के सालों में हमने बड़ी कोशिश की। वर्ष 1993 से लगातार 11 बार फुएर चाय दिवस का आयोजन किया गया। पहले फुएर चाय दिवस में अमरीका, फ्रांस, जापान व कोरिया गणराज्य के चाय विशेषज्ञों ने फुएर चाय की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लिया था। हमने भारत, श्रीलंका व कीनिया जैसे चाय के क्षेत्र में अच्छी तरह विकसित देशों में निरीक्षण दौरा किया। साथ ही जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, थाईलैंड जैसे देशों के प्रतिनिधि मंडलों ने भी फुएर शहर में चाय के विकास की स्थिति का निरीक्षण दौरा किया।

22 अप्रेल को छठा युन्नान फुएर चाय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला खुनमिंग शहर में उद्घाटित हुआ। देश-विदेश से आए 2 सौ से अधिक उपक्रमों ने इस में भाग लिया और 30 करोड़ य्वान के सहयोग समझौते संपन्न हुए। इस के बाद अंतर्राष्ट्रीय चाय सम्मेलन यानि चाय मेला पिछले अक्तूबर में हांग चो शहर में हुआ। ब्रिटेन, रूस, मोरक्को आदि विश्व प्रसिद्घ उपक्रमों से आए प्रतिनिधियों ने चीन के चाय जगत के जाने-माने व्यक्तियों के साथ चाय के विकास की स्थिति पर विचार-विमर्श किया। कनाडा के चाय संघ के अध्यक्ष ने कहा कि कनाडा में आप्रवासियों की संख्या तेजी से बढने के साथ-साथ चाय बाजार विविध हो रहा है, जिसमें फुएर चाय के विकास का भविष्य सुन्दर है।

विदेशी बाजार में फुएर चाय के विकास के सामने मौजूद अनेक सवालों की चर्चा करते हुए श्री च्वू ची एन ने कहा कि हम लोगों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी चाय फुएर चाय की गुणवता की गारंटी देते हैं। हम उत्पादन करने व बेचने का काम अच्छी तरह करते रहेंगे। अयोग्य उत्पाद बाजार में नहीं जा सकेगा, मुझे विश्वास है।

विश्व के तीन प्रमुख पेयों में से एक चाय है विशेष कर फुय़र चाय जिसे पीने से लाभ होता है। फुएर चाय पीते हुए इस की पुरानी संस्कृति व रंगबिरंगे जीवन को दुबारा देखा व महसूस किया जा सकता है। आधुनिक दुनिया में स्वास्थ्य कारी जीवन के लिए इस की विशेष भूमिका हो सकती है।

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