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चीन के पवन ऊर्जा उद्योग में हस्ती जांग ले की कहानी
2011-08-25 13:32:40

भारत में बिजली कैसे उत्पादित होती है?कोयले से या जल से ? चीन के डाइ हू झील के तट पर स्थित वू शी जांग यिन टेकनॉलजी पार्क में एक पवन ऊर्जा संशोधन केंद्र है,जहां चीन के पवन ऊर्जा के उपकरणों और पवन ऊर्जा कारखानों के उत्पादन व प्रबंधन का केंद्र है।लेकिन इस विश्व स्तरीय पवन ऊर्जा अड्डे की स्थापना में सिर्फ चार साल लगे।इसकी स्थापना और जांग ले नाम के एक आदमी के बीच बड़ा घनिष्ठ संबंध है।आज के कार्यक्रम में मैं जांग ले की कहानी आपको सुनाऊंगी।

जांग ले वू शी जांग यिन टेकनॉलाजी पार्क में स्थित पवन ऊर्जा कारखाने में काम करते हैं। इंजीनियरिंग विभाग की स्क्रीन पर कई ऑनलाइन पवन ऊर्जा कारखानों में बिजली के उत्पादन की स्थिति पल-पल स्थिति दिखाई देती है।इंजीनयरिंग विभाग के ज़िम्मेदार व्यक्ति श्ये दे ख्वे के अनुसार अब जो स्क्रीन पर दिखाई दे रहा है, वह अपनी कंपनी की ओर से फ़ू च्यैन प्रांत में लगाये गये 33 पवन टरबाइन जनरेटर के प्रचलन की स्थिति है।इस जैसे पवन ऊर्जा कारखाने चीन में कई स्थानों पर बिखरे हुए हैं।

यह हमारा निगरानी केंद्र है।यहां पर वर्तमान में जो कारखाने चल रहे हैं,उनकी सूचनाएं तथा आंकड़ों की निगरानी की जा सकती है।हम इंटेलिजेंट पवन ऊर्जा की प्रबंधन प्रणाली बनाना चाहते हैं,जिसके तहत हम एक ही जगह पर सभी पवन टरबाइन जनरेटरों पर नियंत्रण कर सकें।चाहे किसी भी पवन टरबाइन जनरेटर में कोई खराबी हो,हम इस जगह से समाधान कर सकेंगे।हाल में 200 से अधिक पवन टरबाइन जनरेटर बिजली के उत्पादन में लगे हैं।साथ ही 100 से ज़्यादा का निर्माण जारी है।

प्रति सफल आदमी ने एक ही शुरूआत यानि सपना देख कर अपना पहला कदम उठाया।दस साल पहले जब जांग ले विदेश में पढ़ाई व काम कर रहे थे,उनका एक ही सपना था——पवन ऊर्जा के डिज़ाइन के लिये एक चीनी विशेषता वाला रास्ता बनाना।वे सोचते हैं कि पवन ऊर्जा उद्योग के सामने विकास की व्यापक गुंजाइश है।उन्हें विश्वास है कि कार्बन उत्सर्जन वाली ऊर्जा आखिरकार जीवाश्म ईंधन की जगह लेगी।जबकि लागत के तौर पर पवन ऊर्जा एक ऐसी स्वच्छ ऊर्जा है, जो तेल-रसायन जैसी ऊर्जा के बराबर समझी जा सकती है।

वर्ष 2007 की फरवरी में जांग ले ने दसेक सदस्यों से गठित एक तकनीकी दल के साथ जांग यिन में अपना रोज़गार शुरू किया।इस दल के सभी सदस्यों ने विदेशों में पढ़ाई की है।वर्ष 2008 के अप्रेल में उनकी कोशिशों से अपने स्वाधीन बौद्धिक अधिकार के साथ-साथ 1.5 मेगावाट पवन ऊर्जा प्रणाली पूरी की गयी ।बाद में पहला जनरेटर कार्यांवित बिजली नेटव्रक में शामिल हुआ।इस जनरेटर के सब सूचकांक अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे हैं।इसके साथ-साथ इस जनरेटर की क्षमता उसी पवन ऊर्जा कारखाने के विदेशी जनरेटरों की अपेक्षा अधिक ऊंची है।

डिज़ाइन ड्राफ्ट बनाकर सैंपल जनरेटर को बिजली नेटवर्क में लाने से बड़ी संख्या में जनरेटरों का उत्पादन करने तक जांग ले अपने दल के साथ ये सब काम तीन साल से कम समय में पूरे किये।जिससे उनका कारखाना पहला ऐसा पवन ऊर्जा उद्यम बन गया है,जो मेगावाट स्तरीय पवन टरबाइन जनरेटर बना सकता है और मुख्य नियंत्रण का सिस्टम भी स्थापित कर सकता है।

पिछले साल जांग ले की पवन ऊर्जा कंपनी की बिक्री राशि 2 अरब य्वान तक पहुंची।कहा जा सकता है कि उन्होंने अपने सपने का एक भाग पूरा किया है।जांग ले ने हमें बताया

मूल तकनीक की चर्चा में हमने बिल्कुल अग्रणी स्थान बना लिया है।हाल में ही हमने जनरेटर का एक नया नमूना निर्मित किया है, जो पहले कभी नहीं किया गया।हम ने 1.5 मैगावाट जनरेटर में 87 मीटर इंपेल्लेर(impeller) लगाया,जिसके कारण पुराने जनरेटर से नये वाले की क्षमता में 10 फीसदी की वृद्धि हुई।यह माना जा सकता है कि हम इस उद्योग के नवाचार का नेतृत्व कर रहे हैं।

कंपनी के स्थापक व प्रबंधक होने के नाते जांग ले समझते है कि प्रतिभाओं को आकर्षित करने तथा उन का कौशल प्रदर्शित करने से अपनी कंपनी के भविष्य में लगतार विकास होगा।

वर्तमान में जांग ले के पास 200 से अधिक सदस्यों से गठित एक दल है,जिनमें से 40 प्रतिशत सदस्यों के पास मास्टर डिग्री है।इस कंपनी के संशोधन विभाग के सभी सदस्य विश्व स्तरीय पवन ऊर्जा उद्यमों से आये हैं, जिन की औसत उम्र 35 वर्ष से कम है।माना जा सकता है कि यह विभाग एक जवान एवं तरूण युवा विभाग है।इंजीनयरिंग विभाग के ज़िम्मेदार व्यक्ति श्ये दे ख्वे के शब्द

मुझे लगता है कि हम रोज़-रोज़ एक नया लक्ष्य स्थापित करते हैं।हमने एक पवन ऊर्जा कंपनी से एक स्वच्छ ऊर्जा कंपनी बनायी है।विश्वास है कि दुनिया भर के नये ऊर्जा व तकनीक उद्योग में हमारी कंपनी का बड़ा विकास होगा।

नवाचार एक उद्योग के विकास के लिये मूल शक्ति माना जाता है।जांग ले अपने संशोधन दल के साथ हमेशा विश्व में सबसे श्रेष्ठ व ताज़ा पवन ऊर्जा की तकनीक पर ध्यान रखते हैं।वे असाधारण साहस से सामने आने वाली कठिनाइयों को दूर करते रहते हैं,जिससे यह कंपनी चीन में विश्व में अग्रणी स्थान पर खड़ी हो सके।

जांग ले के अनुसार वे अपनी कंपनी को केवल एक निर्माता नहीं मानते।जबकि वे कंपनी को शोधकर्ता जैसी कंपनी समझते हैं।श्री जांग की नज़र में वह कंपनी पवन ऊर्जा की कड़ी में सभी ज्ञान व तकनीक समायोजित कर रहे हैं।वर्तमान में उनकी कपनी का विश्व संशोधन केंद्र तथा सेवा केंद्र जांग यिन में है,विश्व प्रचलन केंद्र शांग हाई में है, विश्व नवाचार केंद्र डेनमार्क में है, और उत्तर अमेरिका कार्यालय शिकागो में है।अमेरिका से पूरे विश्व बाज़ार में कंपनी का व्यवसाय किया जा रहा है।और कंपनी के विकास के लिये रिस्क पूंजी यूरोप से आती है।जांग ले ने कहा

हम ऐसा उद्यम बनाना चाहते हैं ,जिस में चीन की बुद्धिमत्ता दिखाई दे ।इसके अलावा यह उद्यम कड़ी प्रतिस्पर्द्धाएं जीत सकता है और सम्मान भी हासिल कर सकता है।इसी विचार के तहत इन श्रेष्ठ प्रतिभाओं को हमारी कंपनी में आकर्षित किया गया है।

भविष्य के बारे में जांग ले के बहुत विचार हैं।वे अपनी कंपनी में संशोधन करके चीनी विशेषता वाले उद्यमों के विकास के लिये रास्ते की खोज करना चाहते हैं।वे देश स्तरीय पवन ऊर्जा के टेस्ट सेंटर के साथ साथ विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय संशोधन संस्थान स्थापित करने का विचार रखते हैं।उन का विदेशी शेयर बाज़ार में अपनी कंपनी पंजीकृत कराने का इरादा भी है।उनकी उम्मीद है कि दस साल के अंदर उनकी कंपनी विश्व में एक श्रेष्ठ कार्बन उत्सर्जन तकनीक व स्वच्छ ऊर्जा तकनीक वाली कंपनी बन जाएगी।

(लिली)

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