स्थानीय समुयानुसार 7 दिसंबर को, मध्य अफ्रीका गणराज्य के बोउआर(Bouar)में, स्थानीय लोगों ने फ्रांसीसी सेना का स्वागत किया। इससे पहले फ़्रांसीसी रक्षा मंत्री ले ड्रियान ने 6 दिसम्बर को घोषणा की थी कि फ़्रांस मध्य अफ्रीका में अपना हस्तक्षेप शुरू कर लिया है। यह अभियान 6 महीनों तक चल सकता है। फ़्रांसीसी सेना का लक्ष्य मध्य अफ्रीका को उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा की पुनःस्थापना के लिए बहुराष्ट्रीय सैन्य टुकड़ियों की तैनाती में मदद देना है।
गौरतलब है कि संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परीषद ने 5 दिसंबर को यह प्रस्ताव पारित किया कि अफ़्रीका संघ के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय सहायता दल और फ्रांसीसी सेना को मध्य अफ़्रीका में आम नागरिकों की सुरक्षा और शांति का अधिकार दिया गया है। साथ ही मध्य अफ़्रीका को हथियारों की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है।
प्रस्ताव में कहा गया कि मध्य अफ़्रीका में मौजूदा स्थिति खराब है। सामाजिक व्यवस्था नियंत्रण से बाहर है और सांप्रदायिक संबंधों में अभी भी तनाव बना हुआ है। सुरक्षा परिषद मध्य अफ़्रीका सामान्य व्यवस्था बहाल करने को लेकर चिंतित है। सुरक्षा परिषद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से शीघ्र ही इनके प्रति संबंधित कदम उठाने की अपील करती है। साथ ही सुरक्षा परिषद अफ़्रीका संघ को अफ्रीका संघ के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय सहायता दल का निर्माण करने का अधिकार देता है। इस सहायता दल का मिशन एक साल तक चलेगा, और प्रस्ताव पास होने के 6 महीनों के भीतर इस सहायता दल की जांच की जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय सहायता दल मध्य अफ्रीका के आम नागरिकों की सुरक्षा के साथ ही मानवाधिकार सहायता देने का भी काम करेगी।
साथ ही प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि अपनी शक्ति की परिधि में और अपने तैनाती वाले क्षेत्रों में फ्रांसीसी सेना सभी ज़रूरतमंद कदम उठा सकती है, ताकि अंतर्राष्ट्रीय सहायता दल का मिशन और आसान हो सके।
(रमेश)