श्रीलंका-पर्यटन के प्रचार-प्रसार का कार्यक्रम 30 अगस्त को राजधानी पेईचिंग में शुरू हुआ। तीन दिवसीय गतिविधि में चीनी दर्शक श्रीलंका के परंपरागत नृत्य और ढोल का मज़ा लेने के साथ-साथ विश्व प्रसिद्ध बहुमूल्य पत्थर श्रीलंका के नीलम, कढ़ाई के उत्पादन, श्रीलंकाई काली चाय और अन्य विशेष श्रीलंकाई उत्पादन भी देख सकते हैं। 30 अगस्त से शुरू होने के बाद पेईचिंग, शांघाई, छंगतू और क्वांचो, इन चार शहरों में 300 बड़ी बसों के माध्यम से श्रीलंका-पर्यटन का चीन के लोगों से परिचय कराया जाएगा।
चीन स्थित श्रीलंकाई राजदूत रंजीत उयांगोडा ने कहा कि हाल के वर्षों में श्रीलंका में चीनी पर्यटकों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है। श्रीलंका सरकार चीनी बाज़ार को बहुत महत्व देती है, चीनी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये श्रीलंकाई पर्यटन प्रचार ब्यूरो की योजना है कि इस वर्ष चीन में सिलसिलेवार श्रीलंका-पर्यटन के प्रचार-प्रसार की गतिविधि आयोजित की जाएगी।
(रमेश)