"शांति मिशन-2013" नामक चीन-रूस संयुक्त आतंक विरोधी सैन्याभ्यास 27 जुलाई से 15 अगस्त तक रूस के शेलयाबिंस्क में आयोजित हो रहा है। यह सैन्याभ्यास दोनों देशों के बीच संपन्न सहमति के अनुसार किया जाता है।
27 जुलाई से सैन्याभ्यास में शामिल चीनी टुकड़ियों ने पूर्व योजनानुसार रूस में सैनिकों को भेजना शुरू किया। आने वाले 20 दिनों में चीन और रूस के सैनिक अलग-अलग चरणों में व्यापक प्रशिक्षण करेंगे, जिनमें बल वितरण, अभियान योजना और लड़ाई कार्यान्वयन आदि शामिल हैं।
गौरतलब है कि संयुक्त सैन्याभ्यास किसी अन्य पक्ष के खिलाफ नहीं है, जिसका प्रमुख लक्ष्य चीन-रूस चतुर्मुखी रणनीतिक साझेदारी और रणनीतिक सहयोग का स्तर उन्नत करने, दोनों सेनाओं के बीच रणनीतिक विश्वास और व्यवहारिक सहयोग बढ़ाने, आतंकरोधी संचालन, सहयोग और संयुक्त कार्रवाई की गारंटी का प्रशिक्षण करने के लिए है, ताकि आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने में दोनों सेनाओं की क्षमता बढ़ सके।
वर्तमान सैन्याभ्यास दोनों देशों के नेताओं के बीच संपन्न सहमति के अनुसार किया जा रहा है, जो राजनीतिक विश्वास और मैत्रीपूर्ण व व्यवहारिक सहयोग बढ़ाने का अहम कदम माना जाता है। सैन्याभ्यास क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए लाभदायक है।