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अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमिस्कार।
वनिता:सभी श्रोताओं को वनिता का भी प्यार भरा नमस्कार।
अनिल:दोस्तो, आज के प्रोग्राम में सबसे पहले हमेशा की तरह श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। उसके बाद श्रोताओं की च्वाइस क्रम में एक श्रोता के साथ हुई बातचीत पेश की जाएगी।
दोस्तो, हमारी नई हिंदी वेबसाइट चाइना डाट कॉम लांच हो चुकी है, कई श्रोताओं ने वेबसाइट विजिट की, इस बारे में हमें ई-मेल भेजे और बधाई दी है। श्रोता रवि श्रीवास्तव ने हमें भेजे ई-मेल में चाइना डाट कॉम वेबसाइट शुरू करने पर बधाई दी है। इस तरह के इंटरनेट पोर्टल की खास जरूरत महसूस हो रही थी। जो वास्तव में चीन की तस्वीर को अलग-अलग दृष्टिकोण से व्यक्त करती हो. मैंने इस वेबसाइट को देखा है, अच्छी है।
वनिता:वहीं पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल ने भी इस नई वेबसाइट के लांच होने पर बधाई दी है। उम्मीद है कि इससे हमें चीन के बारे में नई-नई जानकारी मिल सकेगी। इसमेँ हिन्दी भी शामिल है। इसके अलावा सीआरआई की हिंदी वेबसाइट भी है। इसके बाद चीन को जानना और समझना और आसान हो गया है। पिछले 19 जनवरी हेमाजी से न्यूशिंग स्पेशल सुना। प्रेमी-प्रेमिकाओं के मिलन बिषय पर रोचक जानकारी के साथ पांच गाने भी सुनने को मिले। अंत मेँ उत्तर प्रदेश के शकील अहमद के साथ बातचीत अच्छा लगा। इस प्रस्तुति के लिए धन्यवाद।
अनिल:अगला पत्र हमें भेजा है दिल्ली से राम कुमार नीरज ने। लिखते हैं कि आपकी हिंदी सेवा की साईट के साथ-साथ चाइना डॉट कॉम वेबसाइट शुरू किया जाना दिलचस्प लगा। यह जानकर बेहद खुशी हुई कि चाइना डॉट कॉम बहु भाषीय वेबसाइट 18 जनवरी को लांच हुई। इसमें हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी, रूसी, जापानी, स्पेनिश और फिलीपींस आदि 11 भाषाएं शामिल हैं। कुछ नए उद्देश्य और कलेवर के इस मंच पर न्यूज, बिजनेस, टूरिज्म और कल्चर आदि से जुड़ी जानकारी होगी। यह हम जैसे उन तमाम लोगों को रोमांचित करता है, जिन्हें चीन के प्रति बेहद लगाव है और जो चीन के हर पहलू को करीब से जानना चाहते हैं। सबसे बड़ा योगदान ये है कि इंटरनेट में। आम लोग किसी भी विषय पर, सरकार की किसी भी नीति के बारे में अपनी राय एक पटल पर रख सकते हैं। साथ ही जनता अपनी आवाज़ न केवल अपने ही देश की जनता के सामने बल्कि पूरी दुनिया के सामने रख सकती है।
वनिता:बिलासपुर छत्तीसगढ़ से चुन्नीलाल कैवर्त लिखते हैं कि बहुत ही खुशी की बात है कि सीआरआई ने नई अंतर्राष्ट्रीय मीडिया समूह की स्थापना करते हुए हिंदी भाषा में भी चाइना डॉट कॉम लांच की है। इसके द्वारा हमें चीन की संस्कृति,पर्यटन,बिजनेस आदि के अलावा राजनीतिक और आर्थिक गतिविधियों की ताज़ा और नवीनतम जानकारियां मिला करेंगी lआशा है कि यह वेबसाइट चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक दूत का काम करेगी l
नई वेबसाइट पर ध्यान देने के लिए आप सबको धन्यवाद। अगर आपके पास कोई राय या सुझाव हो, तो ई-मेल या पत्र के जरिए हमें भेज सकते हैं। चलिए हम अब दूसरे पत्र पढ़ते हैं।
अनिल:सुरेश अग्रवाल ने चीन का भ्रमण प्रोग्राम के तहत चीन की दस महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक जातियों में से एक उज़बेक जाति, जो कि इस्लाम धर्मावलम्बी जाति है, के वैवाहिक रीति-रिवाज़ और उसके बदलते जीवन स्तर पर अहम जानकारी हासिल हुई. चीनी जनजीवन के हर पहलू से यूं जोड़े रखने के लिए धन्यवाद।
वनिता:और आगे लिखा है कि गत् 15 जनवरी को पेश "आपका पत्र मिला" के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों पर श्रोताओं की राय के अलावा प्रश्नों के उत्तर भी सुनने को मिले। चीन के सबसे लोकप्रिय खेलों की सूची में टेबल टेनिस का स्थान सबसे ऊपर होने की बात के अलावा चीन में रेलवे की शुरुआत छिंग राजवंश काल ही में होने तथा पहले भांप इंजिन का निर्माण जुलाई 1952 में शी फांग कारखाने में होने की जानकारी काफी सूचनाप्रद लगी। भागलपुर के श्रोता डॉक्टर हेमन्त कुमार द्वारा प्रेषित "माँ" शीर्षक कविता हृदयस्पर्शी लगी।
अनिलः सबसे महत्वपूर्ण यह कि "श्रोताओं की च्वाइस" क्रम में दक्षिण दिनाजपुर, दौलतपुर, पश्चिम बंगाल के रतन कुमार पॉल से ली गई भेंटवार्ता सुन पता चला कि वह सीआरआई हिन्दी के प्रति कितना समर्पित हैं। वहीं यह जानकर दुख हुआ कि अब हेमा जी सीआरआई के साथ नहीं होंगी। मुझे यह कहने में तनिक संकोच नहीं कि हेमाजी ने अपनी कार्यशैली से सीआरआई हिन्दी को एक नया आयाम दिया और साप्ताहिक "टॉप फ़ाइव" एवं "न्यूशिंग स्पेशल" के ज़रिये उन्होंने श्रोताओं के दिल में एक विशेष जगह बनायी। उनकी कमी बहुत खलेगी। प्रचलित लोकप्रिय साप्ताहिकों को बन्द करने और हेमाजी की सीआरआई से विदाई को लेकर श्रोताओं में निराशा है। इस परिप्रेक्ष्य में आज शिवहर, बिहार से श्रोता मुकुन्द तिवारी द्वारा फ़ोन पर अपनी भावनाओं का इज़हार करते हुए अपनी प्रतिक्रिया आप तक पहुंचाने का मुझसे आग्रह किया गया। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि सीआरआई कार्यक्रमों में बदलाव के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करेगा।
देखिए तिवारी जी सीआरआई के प्रोग्राम में हर साल नए बदलाव होते हैं और इस बार भी चेंज किया जा रहा है। बदलते दौर में सीआरआई भी तमाम नए और युवा श्रोताओं को जोड़ने की कोशिश कर रहा है। लेकिन हम पुराने श्रोताओं का भी ख्याल रखते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि आप इसी तरह सीआरआई के साथ आगे भी जुड़े रहेंगे।
वनिता:अगला पत्र भेजा है छत्तीसगढ़ से चुन्नीलाल कैवर्त ने। लिखते हैं कि चीन-भारत आदान-प्रदान बढ़ाने में रवींद्रनाथ टैगोर की भूमिका ऐतहासिक और महत्वपूर्ण थी। पेइचिंग विश्वविद्यालय में "चीन में टैगोर का दिल"शीर्षक पुस्तक का लोकार्पण समारोह का आयोजन सार्थक और सराहनीय है। आशा है,इस आयोजन से चीनी छात्रों को विश्व गुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर की विश्व बंधुत्व की भावना और उनके साहित्य को समझने का अवसर मिलेगा।
अनिल:वहीं मोहम्मद असलम ने हमें चीनी नव वर्ष की बधाईं दी। ई-मेल में लिखते हैं कि आप सभी को एक बार फ़िर से चीनी नव वर्ष की बधाई। जैसा कि आने वाला चीनी वर्ष सही मायने में चीन के लिये एक अहम स्थान रखता है। इस अवसर पर तरह तरह के भोजन का स्वाद लिया जाता है। खुशी की बात है हम लोग आप से जुडकर बहुत तरह के आनन्द भारत में रहते हुए भी पा जाते हैं। वहीं चाइना डॉट कॉम वेबसाइट के बारे में भी जानकर अच्छा लगा। इसके साथ ही हमें इस बात का भी इंतजार है कि इस साल सी.आर.आई. हिन्दी के नये मानिटर कौन होंगे।
वनिता:दोस्तो, मेरे हाथ में एक और पत्र है, जिसे भेजा है पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु ने। लिखते हैं कि पिछले दिनों विशेष कार्यक्रम "न्यूशिंग स्पेशल" में सुना कि यह आपका आखिरी कार्यक्रम है। हम इन कार्यक्रमों के जरिए उनकी मधुर आवाज सुन पाते थे। हम आपको मिस करेंगे।
सीआरआई हिंदी विभाग में आप तीन साल तक रही, इस दौरान हमें तमाम जानकारी देने के लिए धन्यवाद। आपकी विदाई के वक्त फिर एक बार आपको धन्यवाद देते है और सिर्फ यही कहेंगे कि आप जहां भी रहें स्वस्थ रहें।
अनिल:दोस्तो, इसी के साथ पेश है आज के प्रोग्राम का अंतिम पत्र, जिसे भेजा है दिल्ली से अमीर अहमद ने। लिखते हैं कि पारंपरिक चीनी घोड़ा वर्ष का वसंत त्योहार आने वाला है। इस उत्सव के आगमन पर आप सभी लोगों को वसंत त्योहार की ढेर सारी शुभकामनाए एवं बधाई ।
वहीं चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने जो 16 जनवरी को जर्मनी में पढ़ रहे चीनी छात्रों के नाम जवाबी-पत्र लिखकर वसंत त्योहार की शुभकामनाएं दी।
इसके साथ चायना डॉट काम वेबसाइट बीजिंग में लांच की गई, यह एक अच्छी खबर है। यह हमारे लिए वसंत त्योहार के मौके पर एक तोहफे की तरह है। इसके लिए सीआरआई के महानिदेशक को धन्यवाद कि उन्होंने हिंदी को 11 भाषाओं में चुना।
अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और वनिता को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।