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अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।
वनिता:सभी श्रोताओं को वनिता का भी प्यार भरा नमस्कार।
अनिल:दोस्तो, चीनी पंचांग के अनुसार, इस वर्ष की 31 जनवरी को चीन का परम्परागत वसंत त्योहार मनाया जा रहा है। चीनी लोगों के लिए वसंत त्योहार साल का सबसे महत्वपूर्ण उत्सव होता है। आज के प्रोग्राम में सबसे पहले हम आपको वसंत त्योहार की जानकारी देंगे, बाद में श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके साथ ही एक श्रोता के साथ हुई बातचीत पेश की जाएगी।
वनिता:दोस्तो, जैसा कि पश्चिमी देशों के लोगों के लिए क्रिसमस त्यौहार सब से महत्वपूर्ण त्यौहार है, उसी तरह, वसंत त्यौहार चीनी लोगों का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है। हालांकि समय बदलने के साथ साथ वसंत त्यौहार में शामिल विषयों में भी परिवर्तन होता आया है। वसंत त्यौहार मनाने के तरीकों में भी परिवर्तन आये हैं। लेकिन, चीनी लोगों के जीवन और संस्कृति में वसंत त्यौहार अहम स्थान है।
अनिल:चीन के वसंत त्यौहार का 4000 वर्षों का इतिहास है। पहले वसंत त्यौहार को कोई नाम नहीं दिया गया था और कोई इस मनाने की निश्चित तिथि भी नहीं थी। ईसापूर्व 2100 से ज्यादा साल पहले, लोगों ने मू उपग्रह के एक चक्र पूरा करने को चीनी में "स्वेई" कहा था। ईसापूर्व 1000 से ज्यादा साल पहले, लोगों ने वसंत त्यौहार को "नियन" कहा। उस वक्त, नियन का अर्थ भरपूर फसल वाला साल ही था।
वनिता:15 दिनों तक इस त्योहार की खुशियां मनायी जाती हैं। इस दौरान रंग-बिरंगी गतिविधियां होती हैं। अनेक प्राचीन गतिविधियां वसंत त्योहार के जरिए आज तक सुरक्षित रही हैं।वसंतोत्सव चीनी भाषा में "न्येन" कहलाता है। इस का उद्गम चीनी लोगों के देवी-देवताओं के प्रार्थना करने की प्राचीन गतिविधि से हुआ। वसंतोत्सव के दौरान हर परिजन और दोस्त को शुभकामनाएं देने की परम्परा है। इसे चीनी भाषा में "बोई न्येन" कहते हैं। वसंतोत्सव बीते साल से विदा लेने और नए साल का स्वागत करने का समय है। इसलिए चीनी लोग इस पर एक-दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं देते हैं। वसंत त्यौहार को मनाने के लिए शहरों से गांवों तक, लोग विभिन्न कार्यवाईयां करते हैं।
अनिल:ग्रामीण क्षेत्रों में त्यौहार की तैयारी दिसम्बर माह ही शुरु हो जाती है। किसान लोग घरों में मकानों की सफ़ाई करते है और सारे धोते हैं। लोग बाजारों से मिठाईयां, मांस व फल आदि खरीदते हैं और त्यौहार के दिन मेहमानों को खिलाते हैं। बड़े शहरों में चीन के सांस्कृतिक विभाग , कला मंडल और टी वी स्टेशन बहुत से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी करते हैं। दक्षिण चीन में उस रात तो फ्यू और मछली खाना जरुरी है। चूंकि तो फ्यू और मछली के लिए चीनी शब्द फू य्वू उच्चारण में लगभग समान हैं। उत्तरी चीन में उस रात च्याओ जी खाना आवश्यक है। च्याओ जी वास्त्व में मांस को आटे में फरकर बनाया जाने वाला एक किस्म का चीनी परम्परागत खाना है। एक साथ मिलकर मेज़ के इर्द गिर्द बैठे हुए च्याओ जी खाना उत्तरी चीनी लोगों के लिए नव वर्ष की पूर्व संध्या की एक जरुरी रस्म है।
वनिता:नव वर्ष की पूर्व संध्या पर, लोग नव वर्ष का स्वागत करते हैं। पहले, नव वर्ष के आगमन पर लोग पटाखे जलाते हैं। नव वर्ष के पहले दिन, घर के सभी लोग, छोटे व बड़े, नये कपड़े पहनकर या तो घर में मेहमानों का स्वागत करते हैं या बाहर जाकर परिवारजनों को नव वर्ष की बधाई देते हैं। लोग एक दूसरे को "नया साल मुबारक" या "वसंत त्यौहार की शुभकामनाएं" आदि कहते हैं। चारों ओर हंसी-खुशी का वातावरण दिखाई देता है। नव वर्ष की पूर्व संध्या पर अधिकांश चीनी लोग घरों में बैठे हुए टी वी पर सांस्कृतिक कार्यक्रम देखते हैं। विभिन्न टी वी स्टेशन अनेक रंगारंग कार्यक्रम तैयार करते हैं।
अनिल:गेट या खिड़कियों पर छ्वन ल्येन नामक चित्र चिपकाना और लालटेन जलाना वसंत त्यौहार को मनाने की चीनी लोगों की आम रस्में हैं। त्यौहार के दौरान, बाजारों में चीनी जनता के सुखमय जीवन , खुशी श्रम को दर्शाती विविधतापूर्ण छ्वन ल्येन चित्रों की बिक्री खूब होती है। वसंत त्यौहार के दौरान, "लालटेन उत्सव" भी एक बहुत महत्वपूर्ण रस्म है। लालटेन चीन की परम्परागत कला है। लालटेनों पर विभिन्न किस्मों के जीव जन्तु, सुहावने दृश्य और वीरों के चित्र आदि बनाये जाते हैं। इतना ही नहीं, लालटेन का अपना अपना भिन्न आकार भी होता है।
वनिता:लोगों के जीवन स्तर के उन्नत होने के साथ साथ चीनी लोगों द्वारा वसंत त्यौहार को मनाने के तरीकों में भी परिवर्तन आये हैं। बाहर जाकर पर्यटन करना चीनी लोगों के वसंत त्यौहार मनाने का एक नया फैशन बन गया है।
अनिल: वसंतोत्सव के दौरान चीन के विभिन्न स्थलों में रंग-बिरंगी मनोरंजक गतिविघियां होती हैं। इनमें ड्रैगन नृत्य और नाव नृत्य देखने योग्य होते हैं। सड़क पर नाव नृत्य बहुत दिल्चस्प लगता है। इसके लिए बांसुरी के आकार वाली एक छोटी सी नाव की आवश्यकता होती है।अभिनेता या अभिनेत्री इस नाव में खड़े होकर गाते हुए नाचते हैं । रंग-बिरंगी नावों की लहरों में लोग वसंतोत्सव की खुशियों में डूब जाते हैं ।वसंतोत्सव 15 दिनों तक मनाया जाता है। 15वां दिन पूर्णिमा का दिन होता है। यह नए साल की प्रथम पूर्णिमा होती है । इस रात चांदनी बहुत स्वच्छ व चमकदार लगती है । इसे वसंतोत्सव का महत्वपूर्ण दिन भी माना जाता है जो "य्वुआन श्याओ उत्सव"भी कहलाता है ।
वनिता:दोस्तो, हमें वसंत त्योहार के दौरान कई श्रोताओं के बधाई संदेश भी मिले हैं। आप सबको बहुत बहुत धन्यवाद। पश्चिम बंगाल से श्रीकान्त नन्दी ने ई-मेल में लिखा है कि सीआरआई के हिंदी सेवा के सभी कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों को चाईनीज़ न्यू ईयर की अभिवादन एवं हार्दिक शुभकामनायें! वहीं पश्चिम बंगाल से ही बिधान चंद्र सान्याल ने ई-मेल भेजकर कहा कि चीनी नबबर्ष की शुभ अवसर पर सभी चीनी भाई बहनोँ को हार्दिक शुभकामनाएं । सभी चीनी जनता की सुख समृद्धि कामना करता हूं।
अनिलः दोस्तो, मेरे हाथ में एक पत्र है, जिसे भेजा है हमारे मोहम्मद असलम ने उत्तर प्रदेश से। लिखते हैं कि आज जनवरी की २० तारीख आज मुझे कहकर अत्यधिक खुशी हो रही है कि आज टेलीफ़ोन द्वारा अनिल पाण्डे साहब से बात हुई बहुत तरह की बातें हुई और साथ चीनी नव वर्ष पर विचार विमर्श और जोश पैदा हुआ दिल मे कुछ कर दिखाने का उत्साह आया। अब सी.आर.आई. और चीन से जुडने का माध्यम बढता जा रहा है नई वेबसाइट लांच कर के खुशियां भर दिया कोइ नई वेबसाइट पर हर लिंक मौजूद है अधूरापन महसूस ही नहीं हो रहा है।
वनिता:अगला पत्र भेजा है अमीर अहमद ने नई दिल्ली से। लिखते हैं कि पारंपरिक चीनी घोड़ा वर्ष का वसंत त्योहार आने वाला है इस उत्सव के आगमन पर आप को आपके परिवार के सभी लोगों को वसंत त्योहार कि ढेर सारी शुभकामनाए एवं बधाई । बहुत ख़ुशी कि बात है कि हम भारतीयों के लिए चाइना डॉट कॉम बहु भाषीय वेबसाइट आजकल पेइचिंग में लांच हो गयी है । मालूम हुआ कि कुल 11 भाषा में आरम्भ हुई हैं। अब चीन और दुनिया कि सैर करना अब और हुआ आसान अब हम घर बैठे चाइना के साथ संसार कि ख़बरों के साथ रू ब रू हो सकते हैं।
अनिलः दोस्तो, मेरे हाथ में एक पत्र है, जिसे भेजा है सुरेश अग्रवाल ने केसिंगा ओड़िशा से। साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" का आगाज नए साल में शानदार ढ़ंग से किया गया और यह जान कर ख़ुशी हुई कि अब से वनिताजी भी पत्रोत्तर का हिस्सा बनेंगी। श्रोताओं के मंच पर उनका हार्दिक स्वागत। वैसे वेइ तुंगजी की कमी कार्यक्रम में ज़रूर खलेगी। पत्रोत्तर में डॉक्टर हेमन्त कुमार के पत्र में नये साल के इतिहास पर दी गई जानकारी तथा भाई रामकुमार नीरज की कविता और हैकिंग समस्या पर व्यक्त विचार अच्छे लगे.अपनी भेंटवार्ता के माध्यम से वर्ष के पहले दिन आपने मुझे श्रोताओं से रूबरू कराया, इसके लिए मैं ह्रदय से आपका आभारी हूँ.नये साल के स्वागत में कार्यक्रम में दो फड़कते हुये गीत सुनवाना अच्छी बात है, परन्तु गाने पूरे सुनवाने के बजाय उनके मुखड़े पेश किये जाते,तो पत्रों को अधिक स्थान मिल सकता था. वैसे भी लम्बे गाने पत्रोत्तर के स्वाभाव से मेल नहीं खाते, उन्हें फ़रमाइशी कार्यक्रम में जगह दिया जाना उचित है.आशा है कि इस बात पर गौर फ़रमायेंगे। धन्यवाद।
वनिता:दोस्तो 13 जनवरी को उत्तर भारत मेँ विशेषकर पंजाबी समुदाय के लोग 'लोहड़ी' मनाते हैँ। भारत चीन फाउंडेशन से आबिद हसन ने हमें एक कविता भेजी, जिसका विषय इस प्रकार है,
आया ख़ुशी का त्यौहार है,
फसलों में भी लोहरी की बहार है,
सरसों के खेतों से मक्के के खेतों तक,
छेड़ा यह कैसा मल्हार है।
नाचो गाओ धूम मचाओ, ढोल नगाड़ों पे गिद्दा पाओ।
छोटे बच्चों में रेवड़ी और मूंफली बत्वाओ।
कुछ देर के लिए सब परेशानियाँ भूल जाओ।
मदमस्त होकर खुशियाँ मनाओ।
अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और वनिता को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।