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दीवाली की शुभकामनाएं
2013-11-06 15:54:32

आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को वेइतुंग का नमस्कार।

सभी दोस्तों को अनिल पांडे का भी नमस्कार।

लीजिए, इसी के साथ शुरू करते हैं आज का प्रोग्राम। इस बार भी हमें कई श्रोताओं के ई-मेल और पत्र मिले हैं।

दोस्तो, अभी-अभी भारत समेत दुनिया भर में दीपों का त्योहार दीपावली बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। अंधेरे पर प्रकाश की जीत, झूठ पर सत्य की विजय और खुशियों का त्योहार है दिवाली। इस सुअवसर पर हमें कई श्रोताओं से बधाई संदेश मिले हैं। आप सभी को एक बार फिर से दीवाली की ढेर सारी शुभकामनाएं।

वेइतुंगः इसी क्रम में पेश है पहला संदेश। जो आया है, आजमगढ़ ,यूपी से। इसे भेजने वाले श्रोता हैं, फिरोज अख्तर। लिखते हैं आप सभी को दीवाली की बहुत-बहुत बधाई।

इसके बाद अगला शुभकामना संदेश, बक्सर बिहार से आबिद हसन ने भेजा है। उन्होंने कविता के माध्यम से सभी को शुभकामनाएं दी हैं।

दिवाली की शुभकामनाएं

पर्व है पुरुषार्थ का

दीप के दिव्यार्थ का

देहरी पर दीप एक जलता रहे

अंधकार से युद्ध यह चलता रहे

हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा

जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा

दीप ही ज्योति का प्रथम तीर्थ है

कायम रहे इसका अर्थ, वरना व्यर्थ है

आशीषों की मधुर छांव इसे दे दीजिए

प्रार्थना-शुभकामना हमारी ले लीजिए!!

झिलमिल रोशनी में निवेदित अविरल शुभकामना

आस्था के आलोक में आदरयुक्त मंगल भावना!!!

वहीं हुगली, पश्चिम बंगाल से रवि शंकर बसु ने भी दिवाली पर सभी को शुभकामना दी हैं।

लिखते हैं,

दीपों की पंक्ति में हंसती / दिवाली की रात है आयी!

मैं खुशी के साथ "न्यू हराइजन रेडियो लिस्नर्स क्लब" के सभी सदस्यों और मेरी पत्नी एवं बेटे उदित शंकर की ओर से सीआरआई हिंदी विभाग के सभी लोगों को बधाई देता हूं।

साथ ही पश्चिम मिदनापुर से एस.एस. भट्टाचार्य ने भी दिवाली की शुभकामना भेजी है। लिखते हैं कि धनतेरस के मौके पर लोग बाजारों से नए समान जैसे गहने, बर्तन, गाड़ी और अन्य चीजें खरीदकर घर लाते हैं। ऐसी मान्यता है कि धन्वन्तरि जयंती यानि धनतेरस के दिन नई चीज घर लाने से लक्ष्मी साल भर हमारे घर में निवास करती है। घर धन दौलत और एश्वर्य से भरा रहता है। दीपों का त्यौहार दीपावली अंधकार को दूर कर प्रकाश को फैलाने का संदेश देता है। इसके छह दिन बाद छठ है जो जीवन के सारे कष्टों को दूर करने के लिए सूर्य अराधना और छठी माता की उपासना कर किया जाता है। इस मौके पर आप सभी को बधाई।

केसिंगा, उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल ने अपने ई-मेल में दिवाली पर सभी के खुशहाल जीवन की कामना की है। साप्ताहिक "टॉप फ़ाइव" में हेमाजी की दीवाली स्पेशल प्रस्तुति बेहद शानदार और जानदार रही। दीपावली से जुड़ों गानों के अलावा कार्यक्रम में दीपावली को लेकर प्रचलित विभिन्न मान्यताओं और अवधारणाओं का ज़िक्र किया गया और इस त्यौहार की गतिविधियों में समय के साथ आये परिवर्तन की चर्चा की गई। धनतेरस, रूप-चौदस तथा नर्क-चतुर्दशी जैसी तिथियों के महत्व के बारे तो अच्छे-अच्छे लोगों को जानकारी नहीं है। जिनका ज़िक्र कार्यक्रम में किया गया. सचमुच, यह प्रस्तुति काफी ज्ञानवर्धक रही। हेमाजी ने ठीक ही कहा कि दीवाली पर हम घरों की सफ़ाई तो करते हैं, पर अपने मन की सफ़ाई पर ध्यान नहीं देते। त्यौहारों का तो सन्देश ही यही है कि रचनात्मक अभिरुचियों को समाहित कर जीवन को सरस और सार्थक बनाया जाये।

वेइतुंगः दीपावली पर आए संदेशों के बाद अन्य पत्रों की बारी है।

बक्सर बिहार के आबिद हसन लिखते हैं कि 'निर्मल भारत अभियान व लोहिया स्वच्छता योजना' के तहत नगर भवन में बुधवार को 'स्वच्छता उत्सव' मनाया गया। गांधी जयंती के अवसर पर 'जिला जल एवं स्वच्छता समिति' के तत्वावधान में स्वच्छ गांव व निर्मल भारत की बात कही गई। जिसमें पहले से चयनित 13 पंचायतों को निर्मल बनाने के संकल्प के साथ अन्य गांवों में भी शौचालय बनाने पर जोर दिया गया।

अनिलः अगला पत्र भी बिहार से ही आया है, भेजने वाले हैं भागलपुर से डॉ. हेमंत कुमार। कहते हैं कि सीबीआई की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले मेँ पांच वर्ष की सजा देकर उनकी लालटेन की चमक फीकी कर दी है। तमाम नेताओँ की तरह लालू यादव ने भी राजनीति के उतार-चढ़ाव देखे हैं और कई बार ऐसे निर्णय लिए हैं जो नेताओँ से लेकर राजनीतिक विश्लेषकोँ तक ने नकार दिए। फिर बात चाहे अपनी पत्नी राबड़ी देवी को रातोँ-रात बिहार का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला हो या रेलमंत्री के पद पर रहते समय भारतीय रेलवे को घाटे से उबारने संबंधी उनकी आंकड़ोँ की बाजीगरी। लालू के इन्हीँ विवादास्पद निर्णय ने उन्हेँ राजनेताओँ की कतार से हमेशा अलग दिखाया है।

वेइतुंगः इसके बाद हेमंत ने सवाल भी पूछा है कि चीन मेँ कुल कितने डाकघर हैँ तथा सबसे बड़ा डाकघर कहां है और इसकी स्थापना कब हुई थी?

हेमंत जी ,चीनी डाक की कुल शाखाओं की संख्या 57,000 से ज्यादा है ,जो देश भर में फैले हैं ।इन शाखाओं में से 41 हजार से ज्यादा गावों में स्थित है ।चीनी डाक तरह-तरह की सेवाएं प्रदान करता है ,जैसे मेल भेजना व पहुंचाना ,डाक टिकट जारी करना व बेचना ,पुस्तक व मैगजीन इत्यादि ।मैसेज व मेल भेजने की व्यवस्था चीन में काफी पहले शुरू हो चुकी थी ।कहा जाता है कि तीन हजार वर्ष पहले चीन में ऐसी व्यवस्था मौजूद थी ,जो विश्व में सबसे पुरानी है । पर आधुनिक डाक सेवा का जन्म ब्रिटेन में हुआ ।चीन में आधुनिक डाक सेवा सबसे पहले मार्च 1878 में उत्तर चीन के थ्येन चिन शहर में शुरू हुई ।जुलाई 1878 में चीन के छिंग राजवंश ने पहली सेट वाली डाक टिकटें जारी कीं ।लेकिन राष्ट्रीय डाक सेवा की शुरुआत वर्ष 1896 से हुई।

अनिलः सवाल जवाब के बाद फिर से अगले पत्र की बारी। जो हमें भेजा है, आजमगढ़ यूपी से मोहम्मद असलम ने। लिखते हैं कि जब मै आज से 22 साल पहले रेडियो प्रसारण सुनना आरम्भ किया था तो मुझे चीन के बारे मे कुछ पता नहीं था बस मै एक लिफ़ाफ़े के लिये पत्र भेजा करता था और मुझे सुन ईन दीदी बहुत सारे इनाम व लिफ़ाफ़े भेजे थे। इस तरह धीरे-धीरे चीन के प्रति मेरा शौक बढता गया और मै पत्र भेजता गया मुझे सी.आरआई. के माध्यम से चीन की व्यापक जानकारी हासिल हुई। उस समय चीन बहुत आगे नहीं था लेकिन आगे की कगार पर खडा था जैसे जैसे चीन की उन्नति हुई वैसे वैसे श्रोताओं की संख्या भी बढती रही। दुनिया भर में बहुत तरह का विकास हुआ और आज चीन ऐसे मोड़ पर खड़ा है जिसको हर देश अपनी तरफ़ आमंत्रित कर रहा है। जिसको सभी के सपने चीन से जुडे हुये हैं और उस कतार मे मै भी शामिल हूं । आज मेरे बहुत तरह के सपने हैं और कभी कभी बिखरने भी लगते हैं जब चीन भारत के संबन्ध में शिकायत सुनने को मिलती हैं इसलिये मेरा हर प्रयास चीन भारत के पक्ष मे रहता है और मै यही सोचता हूं दोनों के स्वप्न साकार हों तभी मेरा भी चीन पहुंचने और वहां जाकर चीनी भाषा सीखने का सपना पूरा होगा। धन्यवाद।

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