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श्रोता दोस्तों को वेइ तुंग का नमस्कार ।
श्रोताओं को अनिल पांडेय का प्यार भरा नमस्कार । सबसे पहला ख़त हमें आंध्र प्रदेश के यंग स्टार्स रेडियो क्लब से आया है। जो भेजा है, हरि माडुगुला ने।
लिखते हैं, आज सुबह मैने आपको ईमेल भेजा था, जिसमें मैने सीआरआई के साथ पत्राचार करने की बात कही थी। इससे पहले भी हमने दो-तीन ईमेल भेजे थे लेकिन आपका जवाब नहीं मिला। मै 24 जुलाई 2013 का आपका कार्यक्रम इन्टरनेट के माध्यम से सुना था। आपका पत्र मिला कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा है। जमशेदपुर, झारखंड के एस बी शर्मा जी ने चीन में गांवों के विकास के बारे में बहुत ही विस्तार से अपने ख़त में लिखा जिसे सुनकर हमें बहुत अच्छा लगा। और अनिल पांडे जी ने वर्णाली दत्त, नलबाड़ी, असम से टेलीफोन में जो चर्चा की वो भी काफी दिल्चस्प थी। मैने पिछले सप्ताह का आपका पत्र मिला प्रोग्राम भी सुना था। आपके प्रोग्राम का प्रस्तुतीकरण प्रशंसनीय है।
देखिए, हरि जी, हम अधिक से अधिक श्रोताओं के पत्र शामिल करना चाहते हैं, फिर भी अगर आपका ख़त शामिल न हो पाया तो माफी चाहते हैं। लेकिन आज हमने आपकी यह शिकायत भी दूर कर दी है। आगे भी यूं ही पत्र भेजते रहें।
अनिलः वहीं मैंने वर्ष 2013 श्रेष्ठ श्रोता क्लबों का चयन शुरू करने संबंधी जानकारी पढ़ी, और हम नए हैं इसलिए इस चयन में अभी तो भाग नहीं ले पाएंगे , लेकिन अगले साल जरूर उस दिशा में कदम बढ़ाएंगे। असल में हमारा बहुत ही पुराना श्रोता संघ है लेकिन हम अंग्रेजी कार्यक्रमों के बारे में सीआरआई को लिखा करते थे ।
आपसे निवेदन है कि हमारे क्लब को हिंदी विभाग में स्वीकार करके श्रोता वाटिका पत्रिका भेजने की व्यवस्था करें। धन्यवाद।
इसके साथ ही पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल ने भी पत्र भेजकर मुझे चीन से प्यार है, प्रतियोगिता के बारे में लिखा है,और भारत-चीन के बीच प्रस्तावित सैन्याभ्यास को महत्वपूर्ण अवसर बताया है। कहते हैं कि चीनी प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के बाद इस साल भारतीय प्रधानमंत्री के भी चीन जाने की संभावना है।
वहीं भारतीय रक्षामंत्री के चीन दौरे से दोनो देश के बीच बिश्वास बढ़ेगा।
आखिर में उन्होंने चीनी जनमुक्ति सेना की स्थापना की 86 वी बर्षगांठ पर बधाई दी है। धन्यवाद।
वेइतुंगः वहीं ढोली सकरा, मुजफ्फरपुर, बिहार के जसीम अहमद ने हमें कई पत्र भेजे हैं। ख़त भेजने के लिए धन्यवाद। एक पत्र में वे लिखते हैं कि हमारे स्कूल का नाम है पासीटोला सकरा वाजिद स्कूल ।आज से सात साल पहले इस स्कूल की बुनियाद हम लोगों ने एक दलित बस्ती में रखी थी जिसे लोग पासीटोला के नाम से जानते हैं ।बिहार में पासी एक जाति है जिसे महादलित भी कहा जाता है। इनका मुख्य काम था ताड़ के पेड से ताड़ी उतारना एवं महिलाएं अपने घर पर ताड़ी बेचती भी हैं। पहले इस जाति में पढे लिखे लोग नहीं मिलते थे मगर अब सारे बच्चे पढते हैं ।पंद्रह सालों से हम लोगों ने मेहनत की ,जिसका परिणाम यह है कि सभी बच्चे स्कूल जाते हैं ।अभिभावक भी काफी जागरूक हुए हैं ।ताडी का व्यापार छोड़कर दूसरा बिजनेस कर रहे हैं, क्योंकि ताड़ी बेचने का असर पूरे घर पर पडता था, बच्चों पर भी बुरा प्रभाव पडता था । चूंकि इससे नशा होता है, इसलिए पीने के बाद लोग झूमने लगते हैं ,बेहोश हो जाते हैं । ऐसे में हम लोगों ने ताडी न बेचने की सलाह लोगों को दी ताकि इस बुराई से बचें ।जहां जहां पासीटोला है ,वहां वहां हम लोगों ने स्कूल खुलवाने का काम किया।
अनिलः
एक अन्य पत्र में जसीम अहमद ने कहा कि जैसा कि आप लोगों को पता है कि हम लोग समय समय पर खेलों का आयोजन करते रहते हैं ।मै खेल प्रेमी होने के साथ साथ अपने समय का अच्छा एथलीट एवं खिलाडी रह चुका हूं। एनसीसी में सीनियर अंडर आफिसर रह चुका हूं एवं स्काउट एंड गाईडस में ध्रुव पद ,गुरू पद प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुका हूं। एनएसएस से भी मैं जुड़ा रहा हूं । इसलिए इस तरह का आयोजन समय समय पर करता रहता हूं ।अक्टूबर महीने में हम लोगों ने क्रिकेट प्रतियोगिता आयोजित की। जिसमें ज़िला भर की 12 टीमों ने हिस्सा लिया।
जसीम सी इस तरह की सामाजिक गतिविधियों में शामिल होकर आप अपने क्षेत्र में लोगों की मदद कर रहे हैं। आगे भी ऐसे कार्यों में लगे रहें, ख़त भेजने के लिए एक बार फिर धन्यवाद।
वेइतुंगः दोस्तो, इसके बाद बारी है, अगले पत्र की। जो हमें भेजा है जौहरी कोठी ,समस्तीपुर ,बिहार के अंतरराष्ट्रीय आकाशवाणी श्रोता संघ के अध्यक्ष ने। वे लिखते हैं कि आपका हिंदी कार्यक्रम प्रतिदिन और अधिक रोचक होता जा रहा है ,जिसके लिए हमारी ओर से बधाई स्वीकार कीजिए। मैं चाहता हूं कि मैं लगातार आपको अपने लेख भेजूं। जो भारतीय न्यायालय की विसंगतियों एवं सरकारी स्कूलों में शिक्षा के गिरते स्तर पर आधारित हैं। इसके साथ ही रोचक कहानियां एवं कविताएं भी भेजना चाहता हूं ।क्या आप मेरी रचनाओं को अपने हिंदी कार्यक्रम में स्थान दे सकते हैं। जी हां, ज़रूर हम आपकी रचनाओं का स्वागत करते हैं ।अगर रचना अच्छी होगी ,तो हम अवश्य कार्यक्रम में प्रसारित करेंगे । एक बात और कि आप अपने पत्र में अपना नाम लिखना न भूलें। पत्र और पोस्ट कार्ड भेजने के लिए धन्यवाद ।
अनिलः अब मेरे हाथ में औरैया ,उत्तर प्रदेश के श्रोता काल्का प्रसाद कीर्ति प्रिय का पत्र है। वे कहते हैं कि आपके कार्यक्रम में तिब्बत के शेरा मठ के बारे में सुना ,जहां 9000 भिक्षु रह सकते हैं ।यहां कई बौद्धग्रंथ हैं ।इनमें तमाम ग्रंथ भारत से आये हैं। कुछ सोने के अक्षरों के ग्रंथ हैं ।मैं उन ग्रंथों को नमस्कार करता हूं ।शुभकामनाएं । कीर्ति प्रिय ने हमें चीनी भाषा में एक पत्र भी भेजा ,जिसका शीर्षक है लंबी दीवार जाओ ।शब्द साफ साफ लिखे गये हैं। हम आसानी से इन्हें पढ़ सकते हैं। आपने बहुत अच्छी चीनी लिखी है, इसके लिए आपको बधाई। पत्र लिखने में जरूर आपको कुछ समय लगा होगा। वास्तव में चीनी भाषा दुनिया की सबसे कठिन भाषाओं में से एक है, हालांकि चीनी उच्चारण अपेक्षाकृत सरल है ,पर लिपि बहुत मुश्किल है। आपके सराहनीय प्रयास के लिए एक बार फिर बधाई, आगे भी यूं ही चीनी भाषा में लेखन जारी रखें।
वेइतुंगः इस पत्र के बाद, भागलपुर, बिहार से ही डॉ. हेमंत कुमार ने एक सवाल पूछा है।
सवाल है, चीन मेँ जनसंख्या नियंत्रण के लिए कौन-कौन से जागरुकता अभियान चलाए जाते हैं?
देखिए, हेमंत जी भारत की तुलना में चीन में परिवार नियोजन कार्यक्रम अधिक सख्ती से लागू होता है ।भारत का नारा है कि हम दो ,हमारे दो । जबकि चीन के शहरों में एक बच्चे की नीति लागू है। हालांकि गांवों में एक दंपति के दो बच्चे हो सकते हैं। इसके अलावा चीन में परिवार नियोजन अनिवार्य है ।इस नीति के कार्यान्वयन के लिए चीन के विभिन्न स्तरों पर संबंधित सरकारी संस्थाएं होती हैं और जुर्माने व सज़ा का प्रावधान भी है। ग्रासरूट स्तर तक जागरूकता फैलायी जाती है। कहा जा सकता है कि कई दशकों में इस नीति ने चीन के तेज आर्थिक विकास के लिए व्यापक योगदान दिया है।
अनिलः चीन में चायल्ड पॉलिसी की जानकारी के बाद लीजिए, हमारे मॉनिटर शाहिद आज़मी की रिपोर्ट। वे लिखते हैं कि आजकल सीआरआई से बहुत कुछ नया सुनने को मिल रहा है जिसमें दो प्रतियोगिताएं भी शामिल हैं इसमें एक प्रतियोगिता "मुझे चीन से प्यार है" टैलेंट शो और ज्ञान प्रतियोगिता जिसके माध्यम से चीन और शीआन शहर से जुड़ी तमाम जानकारी मिल रही है.हमारे क्लब के सदस्यों को शीआन शहर की विशेषता वाली ऐतिहासिक संस्कृति, शीआन की सैर ,शीआन शहर का स्वादिष्ट खाना , विशिष्ट क्वांगतुंग पाक-कला आदि के बारे में पता चल रहा है। वहीं केनटोनीज ओपेरा और क्वांग तोंग संगीत , क्वांगतोंग संस्कृति में प्रवासी चीनियों के जन्मस्थल का दौरा 2,ह्वांगशान में प्राकृतिक सुंदरता का मज़ा । वहीं आन हुई की सांस्कृतिक धरोहर---ची श्यी , चित्र के जैसे गांव, शीडी और होंग गांव आदि विषय पर ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त हुई।
इसके साथ ही हमें औरैया ,उत्तर प्रदेश के देशयाल सिंह सेंगर ,समस्तीपुर बिहार के प्रकाश चंद्र, वैशाली ,बिहार के मोती रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष कुमार जय वर्द्धन ,मुजफ्फरगढ के जमशेद फारूकी और नूर जहान फारूकी के पत्र भी मिले हैं। धन्यवाद ।