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चीन में विवाह की उम्र क्या ?
2013-07-29 09:33:55

आप का पत्र मिला प्रोग्राम सुनने वाले सभी श्रोताओं को वेइ तुंग का नमस्कार ।

श्रोताओं को अनिल पांडेय का भी नमस्कार।

वेइतुंगः दोस्तो, आज के प्रोग्राम में हम सबसे पहले हम एक महत्वपूर्ण सूचना बताना चाहते हैं,

सीआरआई इस बार वर्ष 2013 श्रेष्ठ श्रोता क्लब का चुनाव करने जा रहा है। चयन 16 जुलाई से 1 अक्टूबर के बीच होगा ,जिसमें सीआरआई की 64 भाषाओं की सेवाएं हिस्सा लेंगी। पर ध्यान देने की बात है कि 20 अगस्त से पहले हिंदी विभाग श्रोता क्लबों की संबंधित सामग्री को आयोजन समिति के समक्ष पेश करेगा। और 20 अगस्त के बाद प्राप्त सामग्री स्वीकार नहीं की जाएगी। इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की अनिवार्यता यह है कि श्रोता क्लब के सदस्य नियमित रूप से सीआरआई रेडियो कार्यक्रम सुनते हैं ,सीआरआई वेबसाइट देखते हैं और चीन व सीआरआई का प्रचार करते हैं। इसके अलावा श्रेष्ठ क्लबों के चुनाव में तीन पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाता है ,पहला ,स्थानीय मीडिया पर सीआरआई और चीनी संस्कृति का प्रचार किया जाता है । वीडियो ,ऑडियो ,आलेख या चित्र जैसी रचनाएं जारी की गयी हों। प्रभावी गतिविधि आयोजित की गई हो , प्रचार की वीडियो क्लिप ,श्रोता मैगज़ीन ,व अन्य प्रचार सामग्री तैयार की गयी हो। दूसरा ,राजनीति ,सांस्कृतिक ,मीडिया व अन्य जगत के जाने माने व्यक्ति क्लब के सदस्य हैं और क्लब की गतिविधि में भाग लेते हैं ।तीसरा ,सीआरआई रेडियो कार्यक्रम व पत्रिका के लिए सामग्री पेश की जाती है और कार्यक्रमों के बारे में त्वरित टिप्पणी की जाती है ।

इस गतिविधि में कुल 8 श्रोता क्लबों को वर्ष 2013 का सबसे श्रेष्ठ श्रोता क्लब घोषित किया जाएगा, औऱ चुने गए क्लब के प्रतिनिधि इस सितंबर में चीन की यात्रा पर बुलाए जाएंगे। चुनाव के पहले दौर में शामिल होने वाले श्रोता क्लबों को सीआरआई की प्रमोशन सामग्री दी जाएगी।

यह सूचना हमारी वेबसाइट पर भी उपल्बध है। अगर आप इस गतिविधि में भाग लेना चाहते हैं, तो उपरोक्त ज़रूरतों के मुताबिक अपने क्लब का परिचय पत्र और संबंधित सामग्री हमें 20 अगस्त से पहले भेजें। इस गतिविधि में हिस्सा लेने वाले सभी क्लबों का स्वागत है।

अनिलः श्रोता क्लब संबंधी जानकारी के बाद वक्त हो गया है श्रोताओं के पत्रों का। हर बार की तरह आज भी हमें कई ख़त आए हैं। लीजिए सबसे पहले पेश है, झालावाड़, राजस्थान के श्रोता राजेश कुमार मेहरा का पत्र। वे लिखते हैं कि मैं आपका नियमित श्रोता हूं, मुझे आपकी पसंद और आपका पत्र मिला प्रोग्राम अच्छे लगते हैं। इसके साथ ही उन्होंने सवाल भी किया है। पूछते हैं कि चीन में विवाह की उम्र क्या है।

देखिए, चीनी कानून के अनुसार विवाह पंजीकरण के समय पुरुष की उम्र 22 वर्ष और महिला की 20 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। सरकार कानूनी विवाह आयु सीमा से देर से विवाह करने के लिए प्रेरित करती है। सरकार का सुझाव है कि पुरुष और महिला 25 वर्ष व 23 वर्ष के बाद विवाह करें। अगर ऐसा करने वालों को संबंधित विभाग से भत्ता मिलता है। नई जनगणना के मुताबिक वर्ष 2010 में चीनी लोगों के विवाह की औसत आयु 24.98 वर्ष थी, जिसमें पुरुष और महिला के विकास की औसत आयु 26.41 वर्ष और 23.71 वर्ष की आंकी गई। आम तौर पर ग्रामीण इलाकों में लोग जल्दी विवाह करना पसंद करते हैं ,जबकि शहरो में लोग थोड़ी देर से विवाह करने में रुचि दिखाते हैं। पेइचिंग ,शांगहाई व क्वांगचो जैसे बड़े शहरों में पुरुषों और महिलाओं के विवाह की औसत आयु 30 वर्ष और 28 वर्ष है। आज के युवा अपनी नौकरी यानी जॉब पर ज्यादा ध्यान देते हैं। वे चाहते हैं कि अच्छी जॉब और घर खरीदने पर शादी की जाय। दूसरी वजह यह है कि युवा एक दूसरे से अधिक अपेक्षा रखने लगे हैं, ऐसे जीवन साथी की तलाश में काफी वक्त लग जाता है। यहां तक कि कई लोगों की उम्र बहुत हो चुकी है, लेकिन उन्हें अपना पार्टनर नहीं मिल पाया है।

बड़े शहरों में तमाम परिजन अपने बच्चों के विवाह करवाने के लिए चिंतित रहते हैं। इसलिए शहरों में ऐसे मिलन समारोह भी होते हैं ,जिसमें मां-बाप अपने बच्चों के विवाह के लिए शिरकत करते हैं।

वेइतुंगः चीन में विवाह की निर्धारित आयु सीमा संबंधी जानकारी के बाद बारी है अगले ख़त की।

पूर्वी चंपारण ,बिहार के रंजन श्रोता संघ के राजीव रंजन ने अपने पत्र में कहा कि मैं और मेरे क्लब के सदस्य आपके नियमित श्रोता हैं। हमारे क्लब के कुल दस सदस्य हैं। कार्यक्रम रोचक और ज्ञानवर्धक लगते हैं। आपके कार्यक्रम सुनने के बाद हम उनके बारे में चर्चा करते हैं।

आपका धन्यवाद ।आशा है कि आप लोग हमारे कार्यक्रम सुनते रहेंगे और पत्रचार करते रहेंगे। वहीं

हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल ने लिखते हैं कि पिछले दिनों भारत में बढ़ती जनसंख्या का लाभ और दबाव पर अहम् चर्चा की गई। हम भारतीयों के लिए यह ख़ुशी की बात है कि देश की बढ़ती आबादी में युवाओं का अनुपात काफी अधिक है, जो कि आर्थिक विकास और प्रगति के लिए ज़रूरी है। परन्तु इसके लिए यह तथ्य भी उतना ही ज़रूरी है कि युवाओं को रोज़गार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराये जाएं अन्यथा बेरोज़गारी की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। दूसरी चर्चा चीन-अमेरिका के बीच आयोजित चार दिवसीय वेब सुरक्षा वार्ता पर थी, जो कि न केवल इन दो देशों, अपितु पूरे विश्व की साइबर सुरक्षा के मद्देनज़र महत्वपूर्ण कही जा सकती है। यह भी ज़रूरी है कि वार्ता में जिन बिन्दुओं पर चर्चा हो, तय होने पर ईमानदारी से उन पर अमल भी हो।

"न्यूशिंग स्पेशल" के अन्तर्गत चीन में शादी के बदलते पैटर्न पर अहम् जानकारी हासिल हुई। युवाओं में देर से शादी करने की प्रवृत्ति और उसके कारणों में चीन में लागू नई आवास नीति भी ज़िम्मेदार है। कार्यक्रम सुन पता चला कि शादी के लिए चीन में प्यार का आशियाना कितना ज़रूरी है और इसके लिए लोग कैसे फर्ज़ी तलाक़ का तक सहारा ले रहे हैं। यह जान कर कुछ हैरत हुई कि चीन में मकान चाहे छोटा हो या कि बड़ा, उस पर टैक्स एकसमान चुकाना पड़ता है। कार्यक्रम सुन यह भी महसूस हुआ कि भले ही चीन में तलाक़ पश्चिम की तरह आम न हों, उसकी चकाचौंध का असर तो युवाओं पर है।

वेइतुंगः

ढोली सकरा ,बिहार के दीपक कुमार दास ने अपने पत्र में हाल ही में भारतीय रक्षा मंत्री की चीन यात्रा पर चर्चा की ।उन्होंने कहा कि सामयिक चर्चा के अंतर्गत भारतीय रक्षा मंत्री एंटनी की चीन यात्रा और सीमा गतिरोध टालने पर रिपोर्ट सुनी ।सार्थक व सटीक लगी। सीमा पर शांति कायम रखने के लिए दोनों देशों के बीच वास्तविक आम राय बनी है ।यह वार्ता खुले माहौल में हुई ।दोनों देशों के बीच दोस्ताना रिश्ता काफी प्राचीन है ।भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन और रक्षा मंत्री एंटनी की चीन यात्रा से हुए विचार विमर्श के दौरान विश्वास बहाली के जिन उपायों को आगे बढने पर सहमति बनी ,उनमें सैन्य हॉटलाइन अहम है ।पेइचिंग में हुई वार्ता में दोनों देशों ने विश्वास और आपसी समझ बढाने के लिए रणनीतिक संपर्क की जरूरत जताई थी ।चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ छुन इंग ने उम्मीद जताई कि भविष्य में सैन्य सहयोग बढाने और शांति के संयुक्त प्रयासों के मामले में दोनों पत्र एंटनी की यात्रा को अच्छे अवसर के तौर पर लेंगे ।दोनों पक्षों का मानना है कि शांति के लिए दोनों देशों की सीमाओं पर सहयोग की बहुत अहमियत है ।

अनिलः एक अन्य पत्र में गत् 10 जुलाई को विशेष प्रतियोगिता मुझे चीन से प्यार है के तहत वेइ तुंग भाई ने चीन के ऐतिसाहिक राजधानी शीआन की व्यंजनों की चर्चा की, यह जानकर काफी अच्छा लगा।

चीन के उत्तर पश्चिम में स्थित शीआन को प्राचीन समय में छांगआन कहा जाता था ।जो चीन के इतिहास में राजधानी बनाए गये शहरों में सबसे लंबे समय तक रही राजधानी रही है ।शीआन ,रोम ,काहिरा व एथेंस विश्व में सबसे प्रसिद्ध शहर कहे जाते हैं ।यह पुरानी पुरानी चीनी सभ्यता की मातृभूमि है ।चीन के इतिहास में कई राजवंशों ने शीआन को अपनी राजधानी बनाया ।आपको पता है कि विश्व का आठवां आश्चर्य मिट्टी के योद्धा भी शीआन शहर में स्थित है ।बिहार के नालंदा से लाये गये बुद्ध के अवशेष आदि पुस्तक शीआन में देखने को मिलेंगे ।शीआन में जलपान ग्रह में ठंडी नूडल का मजा आप ले सकते हैं जो गेहूं और चावल के आटे से बनाया जाता है ।

वेइतुंगः वहीं दीपक कुमार दास ने अपने ई मेल में उत्तराखंड में हुई आपदा के बारे में भी चर्चा की ।उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया फोकस के अंतर्गत हांग शान द्वारा प्रस्तुत उत्तराखंड की त्रासदी और आपदा पर चर्चा सुनी ।प्राकृतिक आपदाओं का कोई समय नहीं होता है और वे बिना किसी पूर्वसूचना के अपना कहर बरपाती हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या इस आपदाओं की तीव्रता को बढाने के लिए कुछ हद तक हम भी दोषी नहीं है ।पिछले कुछ वर्षों में पहाडों का हगम ने जिस तरह से दोहन किया है ,क्या वह उचित है ।कुछ वर्षों तक भी केदारनाथ जैसी जगहों पर जाने वालों लोगों की संख्या बहुत अधिक नहीं थी ,लेकिन श्रद्धा की वजह से वहां जाते थे ,लेकिन अब श्रद्धा के भाव में मौज मस्ती का भाव भी मिल जुल गया ।यही कारण है कि वहां पेड पौधे कटने लगे और धर्मशालाओं की संख्या में वृद्धि होने लगी ।दरअसल पेड पौधे कटने की क्षमता अधिक बढी है ।बादल फटने के कारण मिट्टी में बाढ की तीव्रता को कम करने की क्षमता कम हो जाती है ।काश हम प्रकृति की चेतावनी को समझ पाते ।

दास जी ने एक बहुत गंभीर सवाल पूछा है। उत्तराखंड में जो हुआ ,उसने हमें सचमुच एक सबक दिया ।प्रकृति और विकास में संतुलन बिठाना एक बडी समस्या है ।हमको हमेशा पर्यावरण संरक्षण पर प्राथमिकता देनी चाहिए ।

अनिलः इसके बाद हमें जो पत्र आया है ,वो भेजा है अलीगढ से अर्चना राजपूत ने ।वे लिखती हैं कि 7 जुलाई के टॉप फाइव प्रोग्राम में एक चुटकी सिंदूर के विषय में विस्तार से प्रकाश डाला गया।

। कार्यक्रम मेँ सिन्दूर का न केवल हिन्दू संस्कृति के अनुसार महत्व बताया वरन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उसके महत्व के विषय मेँ जानकारी प्राप्त हुई कि सिन्दूर मेँ पारा

नामक धातु का इस्तेमाल किया जाता है जो कि मस्तिष्क मेँ पायी जाने वाली

ग्रन्थि के लिए उपयोगी होता है साथ ही चिन्ता अनिद्रा और चेहरे पर पड़ने

वाली झुर्रियोँ के लिए भी औषधि का काम करता है । यह जानकारी ज्ञानवर्धक

लगी । भारत के विभिन्न राज्योँ मेँ विवाह के अवसर पर दुल्हन के आभूषण के

बारे में जानकर अच्छा लगा।

वेइतुंगः वहीं अगला पत्र भेजा है बमनगर, हुगली से रविशंकर बसु ने।

वे लिखते हैं कि सीआरआई के प्रचार-प्रसार के लिए मैं और मेरे क्लब के सक्रिय सदस्य देबशंकर चक्रवर्ती पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के विभिन्न जगहों पर लोगों को सीआरआई हिन्दी विभाग के बारे में जानकारी दी। साथ ही उन्हें श्रोता वाटिका पत्रिका के बारे में भी बताया। लेकिन इस अभियान में हमें काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा - कभी बारिश का ,कभी ट्रैफिक पुलिस का। |मैं बहुत ही हर्ष के साथ यह कहना चाहता हूं की जब हमने लोगों को इस बारे में जानकारी दी, तो सभी ने गर्व महसूस किया कि चीन का रेडियो हिंदी में कार्यक्रम पेश करता है। मेरा सुझाव है कि सीआरआई के प्रचार अभियान के लिए कोलकाता स्थित चायना कांउसलेट ऑफिस की मदद भी लेनी चाहिए।

बसु जी सीआरआई के प्रचार-प्रसार के लिए आपका धन्यवाद।

अनिलः दोस्तो, इसी के साथ बारी है, अगले ख़त की, जो हमें भेजा है, जमशेदपुर झारखंड से एस.बी.शर्मा ने।

वे कहते हैं कि रूपा जी द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट से यह मालूम हुआ की चीन में गांवों का विकास शहरों की अपेक्षा अधिक तेजी से हो रहा है पिछले साल ग्रामीण विकास दर लगभग 9 प्रतिशत रही, जबकि शहरी विकास दर महज 6 फीसदी थी। इस रिपोर्ट से साफ पता चलता है की अब चीन का चौतरफा समग्र विकास हो रहा है । शहरों से शुरू होने वाला विकास अब गांवों तक पहुच गया है, क्योंकि शहरों का विकास बहुत वर्षो से हो रहा था अतः शहरों का विकास थोडा धीमा हो गया है और गांवों के विकास की गति तेज़ है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की व्यापक संभावना है और आने वाले वर्षो में चीन के गांवों के विकास की यही गति रही तो शहरों के साथ-साथ ग्रामीण जनता की आय भी बढ़ जाएगी। और शहरों के साथ-साथ गांव के लोग भी खुशहाल हो जाएंगे। इसका श्रेय चीन सरकार की दूरगामी नीतियों को जाता है जो देश के समग्र और सम्पूर्ण विकास के लिए बनाई गई हैं जिसका फल अब मिल रहा है I

वेइतुंगः इसके बाद, शेखपुरा ,बिहार के पुराने श्रोता कृष्ण मुरारी किसान का पत्र। वे लिखते हैं कि वेइ तुंग भाई और अनिल पांडे की युगलबंदी काफी अच्छी है। मैं इसकी तारीफ करता हूं। शुक्रिया ,मुरारी जी । बाद में हम और कोशिश करेंगे ताकि अधिक से अधिक श्रोता हमारे कार्यक्रमों को पसंद करें। पत्र के साथ मुरारी ने हमें एक कविता भी भेजी है, जिसका नाम है पनिहारिन ।

पनघट ले चली पनिहारिन

बाल बच्चों के अंतरंग

घर के ऊपर घर हाथ में पनघट

एक छोटी घर कन्या ले प्रगट

बालक छांछ देखता ही चल

रुखी सूखी फटी है धरती

पनिहारिन पानी ही भरती

धूप धाम और छांछ संयोग

पानी करता गर्मी से वियोग

जल ही जीवन का आधार

पानी बिना न चले संसार

भारतीय नारी की प्रकृति

सभी के लिए है पानी भरती

दूर दूर से पानी ले आती

परोपकार का भाव जगाती

कवि किसान का शत शत नमन

सभी पनिहारिन को करता वंदन।

अनिलः दोस्तो हमें भारत के साथ-साथ अन्य देशों से भी श्रोताओं के पत्र मिलते रहते हैं, ऐसा ही एक पत्र आया है, नौगांव, बांग्लादेश से रफीकुल इस्लाम का। वे लिखते हैं कि आपके प्रोग्राम अच्छे हैं, मेरा एक सुझाव है कि कृपया आज के युवाओं की च्वाइस को ध्यान में रखते हुए भी प्रोग्राम शुरू करें।

रफीकुल ने सही कहा, हमारे कई श्रोता युवा हैं, हम उनके सुझावों पर अमल करना चाहते हैं। अगर आपके पास कोई और सुझाव हों तो हमें ज़रूर बताईएगा। धन्यवाद।

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