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पश्चिमी संस्कृति को हम क्यों समझें बेहतर ?
2013-07-03 09:32:11

वेइतुंगः आपका पत्र मिला प्रोग्राम सुनने वाले सभी श्रोताओं को वेइतुंग का नमस्कार।

अनिलः सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का भी नमस्कार। दोस्तो, हर हफ्ते की तरह इस बार भी हम आपके लिए हाज़िर हैं आप ही का मनपसंद प्रोग्राम लेकर। उम्मीद है कि आप सभी अपने-अपने रेडियो सेट के पास बैठ गए होंगे।

वेइतुंग जी आज क्या लेकर आए हैं आप।

वेइतुंगः हर बार की तरह आज भी कई श्रोताओं के पत्र आए हैं, जिनमें से हम कुछ आज के इस प्रोग्राम में शामिल कर रहे हैं।

इसी क्रम में लीजिए पेश है, दिल्ली के श्रोता अमीर अहमद का पत्र। उन्होंने हाल में 16 जून को फादर्स डे के मौके पर सभी को बधाई दी है।

वे लिखते हैं कि, मुझे आशा है हमारे भारतीय श्रोता भाई-बहन इस दिन को नहीं भूले होंगे और इस दिन अपने पिता जी को ज़रूर ज़रूर उन्हें मिस किया होगा । और आज उन लोगों ने फैसला भी किया होगा की आज से हम अपने पिता की देखभाल में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। क्योंकि हम जो कुछ है आज उन्हीं की बदौलत हैं, और हमें भी एक न एक दिन उस पड़ाव पर आना है। आज हमें गहन मंथन करना होगा कि हम कहां हैं ?और किस दिशा की ओर जा रहे हैं ? और कौन सी संस्कृति हम पर हावी हो रही है इस पर विचार करना भी ज़रूरी है। .हमें गर्व करना चाहिए कि हमारा स्वर्णिम इतिहास है और बहुत ही अच्छी संस्कृति है जिसमें मानवता की साफ झलक देखने को मिलती है। .हमें अपनी संस्कृति पर शर्माने की ज़रुरत नहीं है बल्कि गर्व करना चाहिए। लेकिन मुझे बहुत अफ़सोस होता है कि कुछ भारतीय देश की संस्कृति को हीन भावना से देखते हैं। और पश्चिमी देशों की संकृति को अपनी संस्कृति से बेहतर समझते हैं।

अनिलः अमीर आगे लिखते हैं, कहते हैं ना, अंगरेज़ तो चले गये लेकिन आज भी यहां के नेताओं की सोच वही 1947 से पहले की गुलाम वाली महसूस होती है। तभी तो पश्चिमी देश जो भी कहते हैं उसमें हम अपना हित समझते है जबकि सच्चाई कुछ और होती है, ये मेरे विचार हैं अगर किसी को इसे तकलीफ हो तो क्षमा चाहूंगा। आपकी वेबसाईट पर बहुत अच्छी अच्छी जानकारी मिलती है। जिसमें खासकर चीनी स्वप्न बहुत अहम है। चीन दक्षिण एशिया मेले की सभी जानकारी भी प्रमुख है, साथ ही साथ सुन्दर दृश्य , स्बादिष्ट खाना , रंगबिरंगे फूलों की फोटो देखकर मन खुश हो गया, ये एक रोचक जानकारी लगी ,स्बादिष्ट खाने को देख कर भूख लगने लगी है।

मैं इस लैटर के साथ अपने बेटे की फोटो भेज रहा हूं और आपसे निवेदन करता हूँ की मेरे बेटे को आशीर्वाद दें।

अमीर जी पत्र लिखने के लिए धन्यवाद। फादर्स डे की देर से ही सही बधाई। आपने सही कहा कि आज हम पश्चिमी संस्कृति के गुलाम होते जा रहे हैं। वैसे आपने यह बात भारत के संदर्भ में कही है, लेकिन मैं यहां कहना चाहूंगा कि तमाम देशों की आज यही स्थिति है। पश्चिमी देशों ने अपना बाज़ार सभी जगह बना लिया है। ऐसे में आज इससे बच पाना नामुमकिन सा हो गया है। जब तक सरकारें व जनता मिलकर इसका विरोध न करें।

वेइतुंगः प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हुए लीजिए पेश है, अगला पत्र। जो कि ढोली सकरा बिहार से दीपक कुमार दास ने भेजा है। वे लिखते हैं कि सामयिक चर्चा के अंतर्गत अनिल पांडेय द्वारा प्रस्तुत चीनी शन चो 10 की अंतरिक्ष उडान पर समीक्षा सुनी । यह बड़ी खुशी की बात है। यह सबसे लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने वाला चीनी मानवयुक्त मिशन है। यह यान तीन अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर गोबी मरूस्थल में जियु छुआन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से रवाना हुआ था। और इसमें दिलचस्प बात यह है कि चीनी महिला अंतरिक्ष यात्री वांग या पिंग भी शामिल रही। इस अवसर पर चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिन पिंग भी मौजूद थे। वैसे चीन वर्ष 2020 तक अपने स्थाई अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण करना चाहता है, इस अंतरिक्ष मिशन ने चीन के गौरव को बढ़ाया है। इस सफल उडान पर अपोलो रेडियो लिस्नर्स क्लब की ओर से शुभकामनाएं।

एक दूसरे पत्र में दीपक लिखते हैं कि चीन की झलक कार्यक्रम के अंतर्गत दक्षिण एशिया खुनमिंग मेले पर चर्चा सुनी। दिलचस्प एवं सार्थक थी। खुनमिंग में वर्ष 2008 में दक्षिण एशिया खुनमिंग मेले की शुरूआत हुई थी। यह मेला दक्षिण एशिया के भिन्न भिन्न देशों को चीनी व्यापार और मैत्री का पूर्ण अवसर देता है। चीन और दक्षिण एशिया के देशों के बीच व्यापार का सेतु कायम हुआ है। इस मेले से नए अवसर प्राप्त होंगे। उम्मीद है कि इस मेले से आपसी मैत्री और सहयोग का विकास होगा। मेले में भारतीय व्यापारियों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। भारत और चीन के बीच व्यापार के साथ साथ आदान प्रदान एवं आवाजाही भी बढ़ेगी ।चीनी उद्यमी भारत से उत्पादित वस्तुओं को आयात कर सकेंगेय़ बड़ी खुशी की बात है कि भारत और चीन के बीच व्यापार सहयोग पर हस्ताक्षर भी हुए।

अनिलः दोस्तो, अब मेरे हाथ में जो पत्र है, वो भागलपुर बिहार से डा. हेमंत कुमार ने भेजा है। वे लिखते हैं कि अच्छे दोस्त एक फूल की तरह होते हैं, जिसे हम छोड़ नहीं सकते और तोड़ भी नहीं सकते। क्योंकि तोड़ दिया तो मुरझा जाएंगे और छोड़ दिया तो कोई और ले जाएगा।

वहीं हेमंत कुमार ने सवाल पूछा है कि शनचो 10 क्या है ?

हेमंत जी शायद आपने हमारा कार्यक्रम ध्यान से नहीं सुना ।शन चो दस चीन का अंतिरक्ष यान है ,जो पिछले महीने स्पेस में छोड़ा गया था। चीनी भाषा में शन चो का अर्थ है पवित्र भूमि। शन चो एक अंतरिक्ष यान वर्ष 1999 में छोडा गया था, जिस पर कोई भी अंतरिक्ष यात्री सवार नहीं था। शन चो 5 वर्ष 2003 में प्रक्षेपित किया गया ,जिस पर चीन के प्रथम अंतिरक्ष यात्री यांग ली वेइ सवार होकर गए थे।

इसके बाद अगला पत्र, जो आया है पश्चिम बंगाल दक्षिण दिनाजपुर से। गीता दास, कामना चक्रवर्ती, लाबन्य घोष आदि ने भेजा है। वे लिखती हैं कि हमें सीआरआई को पत्र लिखने का मौका बहुत कम मिलता है। बिधान चन्द्र सान्याल जी ने सीआरआई के प्रचार-प्रसार के लिए यहां का दौरा किया। इससे हमें भी प्रेरणा मिली। उनकी मदद से हमने बालुरघाट उइमेन सी आर आई लिस्नर्स क्लब का गठन भी किया । कमेटी में बिधान चन्द्र सान्याल, गीता दास, कामना चक्रबर्ती, लाबन्य घोष, रीता चक्रबर्ती, सम्पा बिश्बास, बिनीता सान्याल, बानी चक्रबर्ती , राखी बणिक , पलि दत्त , अञ्जली प्रामानिक , रीता सान्याल , अर्चना राय , इति सरकार , शिखा हालदार और जया बर्मन आदि शामिल हैं। आशा है कि आप हमारे क्लब को पंजीकृत करेँगे।

जी हां, हमें आपकी सूचना मिल गई है और जल्द ही हम आपके क्लब को पंजीकृत करेंगे।

वेइतुंगः अगला पत्र भेजने वाले हैं सुरेश अग्रवाल। वे लिखते हैं कि साप्ताहिक "टॉप फ़ाइव" के तहत ज़िन्दगी स्पेशल प्रस्तुति का विषय कुछ गंभीर अवश्य था, परन्तु उसमें जीवन का गहरा फलसफा छुपा था। हेमाजी ने ठीक ही कहा कि जीवन महज़ कामयाबी का नाम नहीं, अपितु निरन्तर आगे बढ़ते रहने का नाम है। भले ही आज धक्का देकर आगे बढ़ने का दौर है, परन्तु अपेक्षित शांति इससे भी नहीं मिलती. हमें दूसरों के मन की बात भी सुननी चाहिए और मन को छोटे से विशाल बनाना चाहिए तभी हम अवसादपूर्ण ज़िन्दगी से बाहर निकल कर जीवन का सही आनन्द ले पाएंगे। हमें उन परिस्थितियों को समझना होगा कि इन्सान क्यों छोटी-छोटी बातों पर स्वयं अपनी अथवा किसी और की जान लेने अमादा हो जाता है। आज टॉप फ़ाइव में बजाये गए सभी छह गाने जीवन का सार समेटे हुए थे, परन्तु कार्यक्रम में "श्रोताओं की च्वाइस" क्रम में किसी श्रोता से बातचीत न सुनवाए जाने की कमी ज़रूर खली। आशा है कि उक्त क्रम को बन्द करने की नहीं सोच रहे होंगे। धन्यवाद्।

वेइतुंगः वहीं दिल्ली से रामकुमार नीरज लिखते हैं कि इस बार न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में लापतागंज को सुना.कार्यक्रम बेहद मनोरंजक के साथ साथ ज्ञानवर्धक भी लगा। इस बार के अंक में सब टी.वी चैनल पर प्रसारित होने वाला चर्चित धारावाहिक लापतागंज के एलीजा टेलर जी यानी कृष्णा भट्ट जी से मिलना और उनके व्यक्तिगत जीवन के तमाम पहलुओं पर खुबसूरत बातचीत ने एक खुबसूरत समां बांध दिया।

अनिलः वहीं दूसरे पत्र में रामकुमार लिखते हैं कि गत् 09 जून को प्रसारित शी चिनफिंग और ओबामा के बीच दूसरे दौर की वार्ता से सम्बंधित विस्तृत रिपोर्ट आपकी साईट पर पढ़ी। निश्चित रूप से दुनिया के हर छोटी और बड़ी ख़बरों के संयोजन के लिय सीआरआई सबसे आगे है।

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपनी महत्वपूर्ण पहली शिखर बैठक की, दोनों नेताओं ने अमेरिका और चीन के बीच संबंधों के प्रति एक नये रुख का आह्वान किया।

ओबामा और शी ने एक साझेदारी शुरू की जो कि आने वाले वर्षों में उनके देशों के बीच महत्वपूर्ण संबंधों को आकार प्रदान करेगा। दोनों देशों के प्रमुखों के बीच मुलाकात कैलीफोर्निया स्थित एनेनबर्ग रिसॉर्ट में हुई। चीन में हाल में सत्ता पर आसीन हुए शी और अमेरिका में राष्ट्रपति के तौर पर अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किए ओबामा के बीच शिखर बैठक का आयोजन दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत मेलजोल बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया।

वेइतुंगः बात यदि हम वर्तमान के प्रसारित रिपोर्ट और सन्दर्भों की करें तो पिछले कुछ सालों में देशों की आर्थिक स्थिति में काफी अंतर आया है। अमेरिका जहां इस समय सबसे ज्यादा कर्जदार देशों में है तो चीन उसे कर्ज देने वालों में प्रमुख देश। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले दस सालों में चीन की अर्थव्यवस्था अमेरिका को पछाड़ कर दुनिया की सबसे सशक्त अर्थव्यवस्था बन जाएगी। चीनी प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति के इस मिलन को दुनिया की तमाम मीडिया ने अपने अपने ढंग से कवर किया है और सम्पादकीय भी लिखे। समाचार संस्था डी डब्लू ने लिखा है कि एक तरफ बीजिंग यह कहता आया है कि अमेरिकी सरकार चीन की बढ़ रही ताकत का फायदा उठाकर अपनी आर्थिक और राजनीतिक स्थिति को मजबूत करना चाहती है, राष्ट्रपति ओबामा की एशियाई देशों के लिए पुनर्संतुलन की विदेश नीति चीन के इस शक को आधार भी देती है। दूसरी और अमेरिका को भी इस बात का अंदाजा है कि एशिया में चीन के बढ़ रहे प्रभाव से अमेरिकी प्रभाव को खतरा हो सकता है। अमेरिका की काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस संस्था में एशियन स्टडीज की निदेशक एलिजाबेथ मानती हैं कि इस वार्ता के बाद दोनों देश आपसी अविश्वास को कम कर पाएंगे। बेहतरीन प्रस्तुतियों के लिए एक बार फिर से धन्यवाद।

दोस्तो, इसके बाद वक्त हो गया है, अगले पत्र का, जो कि मुजफ्फरगढ़ पाकिस्तान से आया है। इसे भेजने वाले श्रोता हैं, पाक लिस्नर्स क्लब के मुबाशीर हुसैन। वे कहते हैं कि हमारा क्लब रेडियो स्टेशनों के बारे में एक प्रदर्शनी आयोजित करना चाहता है। इसके लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। कृपया हमें इस संबंध में कुछ जानकारी व प्रदर्शनी से जुड़ी सामग्री भेजने का कष्ट करें।

वेइतुंग आप इस बारे में बता सकते हैं।

अब बारी है मध्यप्रदेश, मंदसौर के श्रोता श्याम मेहर के पत्र की। कहते हैं हम आपकी तीनों सभाएं सुनते हैं। सीआरआई ऑन लाइन प्रोग्राम में हमें भी जोड़ें, हम भी अपने विचार सीआरआई तक पहुंचाना चाहते हैं। सीआरआई ने श्रोता वाटिका हमारे क्लब को अभी तक नहीं भेजी । कृपया जल्दी से श्रोता वाटिका पत्रिका भेजने का कष्ट करें।

मेहर जी ,यहां मैं थोडा समझाना चाहता हूं, क्योंकि कई श्रोताओं ने हमें पूछा है कि उन्हें श्रोता वाटिका कब मिलेगी। इस साल बजट देर से आने और कमी होने के कारण अब तक हम श्रोटा वाटिका का नया अंक प्रकाशित नहीं कर सके हैं। अब हम श्रोता वाटिका की जगह एक नयी पत्रिका प्रकाशित करने की तैयारी कर रहे हैं ।इस पत्रिका का नया चेहरा होगा, जो व्यापक भारतीय पाठकों की मांग पूरी करेगी । हम चाहते हैं कि यह नयी पत्रिका अधिक पेशेवर और अधिक आकर्षक होगी और अंत में उसे बाज़ार में भी उतारा जाएगा। आशा है कि वह जल्दी से निकलेगी और श्रोताओं को मिलेगी ।

श्याम मेहर ने अपने पत्र में आगे कहा कि सीआरआई विश्व का मात्र एक ऐसा रेडियो स्टेशन है, जो कि 60 से अधिक भाषाओं में प्रोग्राम पेश करता है। हम भी चीन की यात्रा करना चाहते हैं, हमें इसके लिए क्या करना होगा। वैसे तो हम रेडियो के माध्यम से हर रोज चीन की यात्रा करते हैं। मेहर जी , सीआरआई द्वारा इन दिनों मुझे चीन से प्यार है नामक ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। आशा है कि आप इसमें भाग लेंगे, अगर भाग्यशाली रहे तो आपको ज़रूर चीन आने का मौका मिलेगा।

धन्यवाद।

दोस्तो, इसी के साथ आज का प्रोग्राम संपन्न होता है, अब हमें आज्ञा दीजिए नमस्कार।

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