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चीन में ग्रामीण मेला कैसा है
2013-03-28 10:48:27

श्रोता दोस्तों को वेइ तुंग का नमस्कार। पहले श्रोताओं के पत्र और सवाल जवाब।

ढोली सकरा ,बिहार के पुराने श्रोता दोस्त दीपक कुमार दास ने हमें कई पत्र भेजे हैं। हमें पत्र भेजने के लिये धन्यवाद। उन्होंने एक पत्र में तिब्बत की चर्चा की है। उन्होंने कहा कि तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के पहले ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को यातायात में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। 60 वर्ष पहले लोग तैरकर नदी पार करते थे। उस में काफी समय लगता था और कठिनाई भी होती थी। अब पुल के निर्माण से नदी पार करना बहुत आसान हो गया है। गांव के लोगों के लिये अब बाजार काफी नजदीक हो गया है। तिब्बती लोगों की आय भी बढ़ी है। दूसरे पत्र में दीपक कुमार दास ने कहा है कि आज भारत और चीन के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध काफी विकसित हुआ है ,जो एक रिकॉर्ड है। भारत और चीन ने अब द्विपक्षीय व्यापार और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सहयोग बढाने का फैसला किया है। भारत एक दूसरे के साथ व्यापार को बढाकर अपने अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में कमी को पूरा करना चाहता है। इस दिशा में दोनों देशों में पांच अरब अमेरिकी डालर के निवेश से जुडे 11 करार किये गए हैं। इनमें भारत में बुलेट ट्रेन और भारी सामान ढोनेवाली मालगाडियां चलाने और विश्व स्तरीय स्टेशनों का विकास करने के लिए चीन से तकनीकी मदद लेने का समझौता शामिल है। भारत औऱ चीन के बीच आर्थिक सहयोग को लेकर रणनीतिक बातचीत की एक बैठक भी हुई है। इस बैठक में दोनों पक्षों ने कुल मिलाकर 11 समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं। यह जानकारी हमारे क्लब के श्रोताओं को बहुत अच्छी लगती है। चीन और भारत के बीच संबंधों के तेज विकास का दौर आ गया है। दास जी ने ई मेल के माध्यम से हमें एक कविता भी लिखी है , जिसका शीर्षक है कि युन्नान का खुनमिंग मेला। आज जानते हैं कि इस वर्ष जून में दक्षिण-पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग में चीन और दक्षिण एशियाई देशों का एक भव्य मेला आयोजित होगा। इस संदर्भ में दास जी ने यह कविता लिखी है। अब मैं सुनाऊंगा।

यून्नान का खुनमिंग मेला

यून्नान प्रांत का खुनमिंग मेला

प्रौद्योगिकी एवं कारोबार मेला।

दक्षिण एशिया का महाविराट मेला

चीनी कर्मठता ,साहस का विशाल मेला।

मार्गदर्शन की ज्योति का मेला

पग पग रास्ता दिखाता मेला।

विश्व मैत्री पुष्प का महान मेला

आशा और विश्वास का मेला।

नये नये प्रौद्योगिकी का मेला

सूर्य की रौशनी दिखाती मेला।

विश्वास का भविष्य खुनमिंग मेला

शांति प्रेम का सबक है मेला।

भाईचारा विकास सिखाता मेला

आर्थिक क्रांति को बढ़ाता मेला।

युन्नान प्रांत की जान है मेला

चीन के विकास का प्रतीक मेला।

भागलपुर बिहार के श्रोता डाक्टर हेमंत कुमार अक्सर मोबाइल फोन से हमें ई मेल भेजते हैं। धन्यवाद। उन्होंने एक छोटी कविता लिखी ,पर मजा आता है।

कोई रिश्ता कभी पुराना नहीं होता ,

कुछ दिन बात न करने से बेगाना नहीं होता।

रिश्तों में दूरी तो आती रहती है ,

पर दूरी का मतलब भूलाना नहीं होता।

हेमंत कुमार ने एक सवाल भी पूछा कि पेइचिंग में पक्षी का घोंसला स्टेडियम यानी बर्डनेस्ट क्यों मशहूर है । क्योंकि इस विशाल स्टेडियम का आकार बेमिसाल है। वो देखने में बिल्कुल पक्षी का घोंसला लगता है, पर वह इस्पात से बना है। यह स्टेडियम वर्ष 2008 पेइचिंग ओलंपिक का मुख्य स्टेडियम है। इस स्टेडियम में शानदार प्रतियोगिताएं हुई थीं। वह आधुनिक पेइचिंग का प्रतीक है। इसलिए बर्डनेस्ट देशी विदेशी पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है।

नई दिल्ली के हमारे पुराने श्रोता दोस्त राम कुमार नीरज ने अपने पत्र में कहा कि 27 फरवरी को आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में "वर्ष 2013 किन्नर सौंदर्य प्रतियोगिता" के आयोजन से सम्बंधित कुछ तस्वीरें और सम्बंधित रिपोर्ट पढ़कर अच्छा लगा। वैसे भारत में इस तरह की सौन्दर्य प्रतियोगिता का आयोजन सर्वप्रथम 2010 में हुआ था। वास्तविकता तो यही है कि समाज में हिकारत झेलने वाले किन्नरों में मुख्यधारा से कटने की नाराजगी साफ झलकती है, इस तरह के आयोजनों में, वहीं दूसरी ओर अलग सामाजिक जीवन बिताने की ललक ने इनके दुख-दर्द और परेशानी को किन्नर समाज तक ही सीमित कर दिया है, लेकिन बदलते वक्त के साथ अब ये अपनी बात कहने के लिए मुखर हो रहे हैं। बधाई के लिए घरों में नाचने वाले ये किन्नर अब मंच का रुख करने लगे हैं।

कभी सौंदर्य के नाम पर लोगों का मजाक झेलने वाले किन्नर अब सौंदर्य जगत में भी अपने कदम बढ़ा रहे हैं। मुंबई में बार में नाचने वाले कमनीय काया वाले किन्नरों के प्रति कई युवाओं की दीवानगी समाचार-पत्रों की सुर्खियां बन चुकी हैं। कई स्थानों पर ब्यूटी पार्लर खोलकर युवतियों को सजा रहे किन्नर मुख्यधारा में आने का संघर्ष करते दिखाई दे रहे हैं। बॉबी डार्लिंग और वीरू कृष्णन के कई भूमिकाओं में नजर आने के बाद देश के प्रमुख शहरों में किन्नरों में भी अपने सौंदर्य को विकसित करने का जज्बा जाग गया है।

हालांकि इस तरह के मुद्दों पर रिपोर्टिंग की संवेदनात्मकता का भी पूरा ख्याल रखा जाना चाहिय।

पश्चिम बंगाल के न्यू होराइज़न रेडियो लिस्नर्स क्लब के श्रोता देवशंकर चक्रवर्ती ने हमें ई-मेल भेजकर 37 वें कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में अपने क्लब के प्रचार की गतिविधि का परिचय दिया। उन्होंने ई-मेल में कहा कि 37वां कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला 16 दिन चलने के बाद 10 फरवरी 2013 को समाप्त हुआ। अंतिम दिन (10 फरवरी 2013) को हमारे न्यू होराइजन रेडियो लिस्नर्स क्लब के संपादक रविशंकर बसु जी के तत्वावधान में हम लोग सी आर आई-हिंदी सेवा को लेकर पहुंच गए थे लाखों जनता के बीच में। इसके लिए मेले के आयोजक पुस्तक विक्रेता और पब्लिशर गिल्ड के सम्पादक श्री त्रिदिब चैटर्जी से विशेष अनुमति लेकर सी आर आई के प्रचार के लिए कूद पड़े। पुस्तक विक्रेता और पब्लिशर गिल्ड की माननीय साधारण सम्पादक श्री त्रिदिब चैटर्जी के हाथ में हमारे क्लब के संपादक रविशंकर बसु जी ने हिंदी विभाग की श्रोता वाटिका पत्रिका, विशेष स्मारक लिफाफे उपहार के रूप में दिया।

इसके वाद मैं और हमारे क्लब के संपादक रविशंकर बसु और हमारे क्लब के और दस सदस्यों ने मेले में उपस्थित पुस्तक प्रेमियों को वितरण किया सी आर आई हिंदी विभाग की श्रोता वाटिका पत्रिका, बंगला विभाग की "पुबेर जनाला" पत्रिका और अंग्रेजी विभाग की "द मैसेंजर" पत्रिका। इस मेले में हमने भेंट किया भारत के अंतर्राष्ट्रीय विख्यात चित्रकार समीर आइच से। उनके हाथों में सी आर आई की पत्रिकाएं दीं।

37 वीं कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में उपस्थित चीन के "स्कूल ऑफ़ चाइनीज लैंग्वेज" नाम के बुकस्टॉल में पुस्तक प्रेमियों को सी आर आई से प्राप्त विभिन्न स्मारक सामग्री प्रदान की गई साथ ही सी आर आई हिंदी विभाग, बांग्ला विभाग और अंग्रेजी विभाग के रेडियो कार्यक्रम सुनने का अनुरोध किया। इस बुकस्टाल की चीनी कोंसुलेट कार्यालय का एक शीर्ष सुनकर एक व्यक्ति हमारे इस सी आर आई की प्रचार से काफी प्रभावित हुआ। हमने उनको अनुरोध किया की अगले वर्ष पुस्तक मेले में एक सेमिनार का आयोजन करने के लिए जिससे पश्चिम बंगाल के छात्र -छात्राएं चीन के सरकारी शिक्षा प्रतिष्ठान के वारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें। उन्होंने सी आर आई के प्रचार प्रसार के लिए हमें धन्यवाद दिया।

मैं साथ ही न्यू होराइज़न रेडियो लिस्नर्स क्लब के संपादक रविशंकर बसु जी के साथ काफी दिनों से जुडा हुआ हूं। हमलोग आम जनता में सी आर आई हिंदी विभाग का प्रचार करना चाहते हैं।

पत्र के अलावा चक्रवर्ती ने हमें इस गतिविधि के बारे में बीसेक फोटो भी भेजे। हमने कुछ फोटो चुनकर हमारी वेबसाइट पर जारी किया है। सीआरआई के प्रचार के लिए देवशंकर चक्रवर्ती और रविशंकर बसु समेत न्यू होराइज़न रेडियो लिस्नर्स क्लब के सदस्यों को धन्यवाद।

                                 

इस समय मेरे हाथ में हमारे नियमित श्रोता मितूल कंसल का पत्र है। उन्होंने कहा कि सीआरआई हिंदी कार्यक्रम में चीन द्वारा बुलेट ट्रेन के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी मिली। यह ट्रेन पेइचिंग और क्वांगचोऊ के बीच की लगभग 2300 किलोमीटर की दूरी को 20 घंटे के बजाए 8 घंटे में पूरा करती है। यह इस बात का प्रमाण है कि चीन ने रेल टेक्नलॉजी में विश्व के अन्य देशों की अपेक्षा अधिक विकसित तकनीकी ज्ञान प्राप्त किया है। इससे यात्रियों के आवागमन में लगभग 12 घंटे के समय की बचत होगी। इससे व्यापार के अधिक अवसर पैदा होंगे। मेरी तरफ से चीन सरकार को हार्धिक बधाइयां। मितूल कंसल ने अपने पत्र में आगे कहा कि मुझे चीनी ग्रामीण मेले के बारे में विस्तृत रूप से जानने की इच्छा है। आपसे अनुरोध है कि आप अपने कार्यक्रम में किसी ग्रामीण मेले का वर्णन करें। आपका आभारी रहूंगा। मितूल कंसल जी, आर्थिक विकास के साथ साथ आज चीन के व्यापक ग्रामीण क्षेत्रों में मेले की भूमिका काफी कम हो गयी है। लगभग हर गांव में छोटी छोटी दुकानें होती हैं और कस्बों में सुपरमार्केट भी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में वस्तुएं खरीदना बहुत आसान होता है। लेकिन एक काफी प्राचीन पंरपरा के नाते ग्रामीण मेला चीन के ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित रूप से आयोजित होते रहते हैं , क्योंकि बहुत सारे किसान मित्रों को ग्रामीण मेला पसंद है। मेले में किसान सब्जी, मांस, पोल्ट्री , फल, मेवे और अपने से उत्पादित अन्य वस्तुएं बेचते हैं। साथ ही कपड़े ,जूते ,खिलौने ,छोटे इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद जैसी वस्तुएं भी मिलती हैं। स्थानीय लोकप्रिय स्नैक्स भी उपलब्ध होते हैं। कभी कभी लकी ड्रॉ और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। मेले में भीड़-भाड़ नजर आती है और कोलाहल की आवाज भी सुनायी देती है, पर हर व्यक्ति के चेहरे पर खुशी की किरण साफ झलकती है। कुछ मशहूर ग्रामीण मेलों के दौरान शहर के लोग भी यहां पर आते हैं और इसका आनंद उठाते हैं। कहा जा सकता है कि ग्रामीण मेले का विशेष आकर्षण होता है जो वह लंबे समय तक जीवित रहेगा।

                         

झारखंड से हमारे श्रोता एस बी शर्मा ने इस वर्ष मार्च में हुए चीनी राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा और चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के वार्षिक सम्मेलनों के बारे में कहा कि एनपीसी और सीपीपीसीसी की रिपोर्टिंग श्री विकास जी और रूपा जी ने संभाली है आप दोनों ने कड़ी मेहनत की है जिसका अच्छा परिणाम सी आर आई के साथ श्रोताओं और पाठकों को मिला। आप हमें पल पल की घटना की जानकारी हर वक्त देते रहे जिससे इस मीटिंग की जानकारी के विषय में दुनिया को ताजा अपडेट मिलता रहा। रूपा जी ने अपना अनुभव शेयर किया जिससे पता चलता है की आपको कितनी कड़ी मेहनत करनी पड़ती है आपका काम काफी सराहनीय रहा है आप और विकास बधाई के पात्र हैं आप दोनों को बहुत बहुत बधाई और धन्यवाद। इस बार सबसे बढ़िया लगा की आपने एनपीसी और सीपीपीसीसी पर विकास जी के रिपोर्ट की ऑडियो सी आर आई के वेव पेज पर डाल दिया है जिससे ज्यादा से ज्यादा जानकारी रिपोर्टरों की असली आवाज में ही हमें सुनने को मिल रही हैं। आपने इस बार रिपोटिंग बहुत बढ़िया की और हमें सुनाया और जानकारी भी दी।

(यह प्रारूप टेक्सट है ,जो रेडियो कार्यक्रम से कुछ अलग है ,संपादक पंकज )

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