श्रोता मित्रों को वेइ तुंग का नमस्कार। पहले श्रोताओं के पत्र और प्रश्नोत्तर। चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा और चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के सालाना सम्मेलन पेइचिंग में चल रहे हैं। हमारे कई श्रोताओं ने इन दोनों महत्वपूर्ण सम्मेलनों पर हमें पत्र भेजकर चर्चा की है। धन्यवाद।
हमारे नियमित श्रोता चुन्नीलाल कैवर्त ने अपने पत्र में कहा है कि जैसा कि हम सभी को मालूम है, चीन की 12वीं राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा यानी एनपीसी का पहला सम्मेलन 5 मार्च की सुबह पेइचिंग में उद्घाटित हुआ है और यह 12 दिनों तक चलेगा। 3000 सदस्यों वाली, विश्व की सबसे बड़ी संसद यानी चीन की 12वीं एनपीसी का मौजूदा सम्मलेन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि इस ओर इस समय सारी दुनियां की जनता, नेताओं और मीडिया संस्थाओं का ध्यान केन्द्रित है। इस सम्मलेन में सत्ता का हस्तांतरण होगा और चीन की नई सरकार बनेगी। चीनी प्रधानमंत्री श्री वन च्यापाओ ने 5 मार्च को विकास, पर्यावरण सुधार और विदेश नीति जैसे मुद्दों पर सरकार की कार्य रिपोर्ट पेश की, उस ओर सबका ध्यान आकृष्ट हुआ है। इस वर्ष चीन में जीडीपी के 7.5 प्रतिशत तक बढ़ने का लक्ष्य तय किया गया है। 32 वर्षों के सुधार और खुलेपन की नीति लागू होने के बाद चीन में तेज आर्थिक विकास हुआ है और वह आज विश्व की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन गया है। निश्चित रूप से आगे भी सुधार और खुलेपन की नीति जारी रहेगी। उन्होंने पर्यावरण की गुणवत्ता सुधारने और लोगों के जीवन को स्वस्थ बनाये रखने पर बल दिया है, जो प्रशंसनीय है। यह बहुत अच्छी बात है कि शी चिनफिंग, ली खछ्यांग, चांग देच्यांग जैसे चीन के बड़े-बड़े नेता विभिन्न प्रान्तों के जन प्रतिनिधियों के साथ सरकारी कार्य रिपोर्ट पर विचार विमर्श कर रहे हैं। यह चीन सरकार का उत्तम प्रयास है। उप-प्रधानमंत्री चांग देच्यांग ने कहा कि शहरों को महत्व देने के साथ गांवों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए, शहरों और देहातों के बीच दूरी को कम करना चाहिए, ताकि सर्वांगीण खुशहाल समाज का निर्माण किया जा सके। इस प्रकार चीन एक विकसित और खुशहाल राष्ट्र के निर्माण की दिशा में अग्रसर है तथा चीनी जनता का भविष्य उज्जवल है।
हमारे नियमित श्रोता एस बी शर्मा ने अपने पत्र में कहा है की चीन की नई एनपीसी का पहला सम्मेलन शुरू हो गया, चीन के प्रधान मंत्री वन चा पाओ ने राज्य परिषद की ओर से पिछले पांच शानदार वर्षों में सरकार द्वारा किए गए शानदार कामों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट दी ये पांच वर्ष काफी सुंदर रहे हैं 7.5% की विकाश दर प्राप्त करना एक चुनौतीपूर्ण काम था जिसे सरकार ने किया। विकास और खुलेपन को जारी रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता भविष्य के ढांचागत विकास की आधारशिला को मजबूत करेगा I सीआरआई के माध्यम से इस बैठक की हर पल की जानकारी भारत सहित पूरे विश्व को दिया जा रहा है I आपकी रिपोर्ट से पता चला है की चीन शिक्षा पर और ज्यादा निवेश करेगा, पेंशन सुधार, नागरिको की बेहतर चिकित्सा और रोजगार पर ज्यादा ध्यान दिया जायेगा, पूरे चीन में बढ़ते दामों को नियंत्रित किया जायेगा। ये सारे कदम आम चीनी जनता के हित में है जिसका चीन की जनता सहित पूरा विश्व स्वागत कर रहा है I विश्व के देश चीन से उसकी ऐतिहासिक भूमिका निभाने की अपेक्षा रखते है जिसकी स्वीकारोक्ति पहले ही आ चुकी है I इस बैठक में विश्व भर से विभिन्न देशों के पत्रकार आये हैं और यह जानकर ख़ुशी हो रही है की इस बैठक में विश्व भर से आये पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर भी दिये जा रहे हैं ताकि चीन की सोच और कार्य योजना को सभी देशों तक पहुचाया जा सके कुछ भी छुपा नहीं है इनसब बातों को सुन और जानकर अभी ही ऐसा लगता है की यह कार्यक्रम पूरी तरह से सफल हो गया है बस औपचारिकताएं बाकी हैं जो तय कार्यक्रम के अनुसार संपन्न होगा।
हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल ने अपने पत्र में कहा ,समाचारों के बाद आज भी चीन की बारहवीं एनपीसी पर विशेषज्ञ विकासजी की धारावाहिक रिपोर्ट सुनी। यह जानकर अच्छा लगा कि इस बार की एनपीसी में कुल 699 महिलाओं को स्थान दिया गया है, जो कि पहले की तुलना में सबसे अधिक संख्या है। रिपोर्ट में श्री छंद मिंग के हवाले से चीन में पिछले वर्ष के खुदरा व्यापार, आयात-निर्यात तथा विदेशों में निवेश आदि क्षेत्रों में हुई असाधारण वृद्धि के अलावा इंटरनेट पर नक़ली सामान बेचने वालों के लिए कड़ी सज़ा के प्रावधान और वायु-प्रदूषण जैसी भयंकर समस्या पर गम्भीरतापूर्वक ध्यान दिए जाने की बात कही गई।
पश्चिम बंगाल के आल इंडिया सीआरआई लिसनर्स एसोसियेशन के बिधान चन्द्र सान्याल ने हमें ई-मेल भेजकर अपने क्लब की गतिविधियों का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि पिछले 23 जनवरी से 21 फरवरी तक हमारी एसोसियेशन की 32 वीं वर्षगांठ और चीनी बसन्त त्योहार पर एक महीने का कार्यक्रम था जो सफलता के साथ सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में हमने सीआरआई का पोस्टर लगाया और सांस्कृतिक कार्यक्रम, पुष्प-प्रदर्शनी और डि एक्स प्रदर्शनी भी आयोजित की। श्रोताओं के सम्मेलन पर हमने सी आर आई हिन्दी कार्यक्रम के ब्यूरो मे चर्चा भी की। हमने आप को इन गतिविधियों के फोटो भेजे हैं। विधान चंद्र सान्याल जी, आप और आप के क्लब के सदस्यों को धन्यवाद देते हैं। आप लोगों ने सीआरआई के प्रचार के लिए बहुत काम किये। हमें आप के फोटो मिले हैं और कुछ चुनकर हमारी वेबसाइट पर जारी किये हैं। हम आशा करते हैं कि हमारे विभिन्न श्रोता क्लब जो कार्यक्रम आयोजित करते हैं, हमें जरूर बताएंगे और फोटो भी भेजेंगे ताकि हम साझा कर सकें।
आजमगढ़ यू पी के हमारे पुराने श्रोता असलम अहमद ने 27 फरवरी का कार्यक्रम सुनकर हमें पत्र भेजकर कहा कि आज का साप्ताहिक कार्यक्रम चीन का भ्रमण सुना , चीन के पुराने मकान की शैली और विशेषता को जाना। चीन एक अलग तरह का देश है और पहचान भी भिन्न है। वास्तु शैली बहुत ही अच्छी होती है चाहे प्राचीन हो या आधुनिक दोनों समय में चीन का महत्व बहुत ही महत्व पुर्ण माना जाता है। आज मुझे पुराने मकान की जानकारी पाकर आभास हुआ चीन अपने आप मे एक अलग तरह का स्थान रखता है।
आज का दुसरा साप्ताहिक कार्यक्रम चीन का तिब्बत बहुत अच्छा लगा। तिबब्त की ताज़ा स्थिति और गरीबी उन्मूलन और खुशहाली की जानकारी मिली ।
हमारे हरियाणा के श्रोता मितुल कंसल मितुल कंसल ने हमारे रेडियो के बारे में एक कविता लिखी है , जिसका शीर्षक है कि चीन आकाशवाणी। इस कविता से सीआरआई के साथ उनका गहरा लगाव जाहिर हुआ है। तो अब हम साथ साथ साझा करें।
चीन आकाशवाणी, चीन आकाशवाणी
जनवादी चीन की मधुर सत्यवाणी
सुनते हैं हर रोज समस्त जगत के प्राणी
सत्य, अहिंसा, प्रेम और शांति की वाणी
अनेकता में एकता की वाणी
धर्म जाति का भेद नहीं
सब रिश्ते हैं इंसानी
सरल सुबोध है भाषा
है जन-जन की वाणी
सारी दुनिया की वाणी से सुंदर है चीन की वाणी
समस्त विश्व का गौरव, मैत्री और भाईचारे की वाणी
चीन आकाशवाणी चीन आकाशवाणी
जनवादी चीन की मधुर सत्यवाणी
नई दिल्ली के हमारे पुराने श्रोता दोस्त राम कुमार नीरज ने अपने पत्र में कहा कि 27 फरवरी को आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में "वर्ष 2013 किन्नर सौंदर्य प्रतियोगिता" के आयोजन से सम्बंधित कुछ तस्वीरें और सम्बंधित रिपोर्ट पढ़कर अच्छा लगा.वैसे भारत में इस तरह की सौन्दर्य प्रतियोगिता का आयोजन सर्वप्रथम २०१० में हुआ था। वास्तविकता तो यही है कि समाज में हिकारत झेलने वाले किन्नरों में मुख्यधारा से कटने की नाराजगी साफ झलकती है, इस तरह के आयोजनों में, वहीं दूसरी ओर अलग सामाजिक जीवन बिताने की ललक ने इनके दुख-दर्द और परेशानी को किन्नर समाज तक ही सीमित कर दिया है, लेकिन बदलते वक्त के साथ अब ये अपनी बात कहने के लिए मुखर हो रहे हैं. बधाई के लिए घरों में नाचने वाले ये किन्नर अब मंच का रुख करने लगे हैं।
कभी सौंदर्य के नाम पर लोगों का मजाक झेलने वाले किन्नर अब सौंदर्य जगत में भी अपने कदम बढ़ा रहे हैं। मुंबई में बार में नाचने वाले कमनीय काया वाले किन्नरों के प्रति कई युवाओं की दीवानगी समाचार-पत्रों की सुर्खियां बन चुकी हैं. कई स्थानों पर ब्यूटी पार्लर खोल युवतियों को सजा रहे किन्नर मुख्यधारा में आने का संघर्ष करते दिखाई दे रहे हैं। बॉबी डार्लिंग और वीरू कृष्णन के कई भूमिकाओं में नजर आने के बाद देश के प्रमुख शहरों में किन्नरों में भी अपने सौंदर्य को विकसित करने का जज्बा जाग गया है।
हालाँकि इस तरह के मुद्दों पर रिपोर्टिंग की संवेदनात्मकता का भी पूरा ख्याल रखा जाना चाहिय।
पश्चिम बंगाल के नदिया के श्रोता धीरेन बसाक ने अपने पत्र में कहा कि तिब्बत चीन का एक स्वायत्त प्रदेश है ,जहां दुनिया का सब से ऊंचा स्थान है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा है। तिब्बती लोग सुंदर, सरल और मेहनती हैं। उनकी प्रधान जीविका कृषि कार्य एवं पशुपालन है। तिब्बत में सुंदर प्राकृतिक दृश्य हैं। वहां, ऊंचे पहाड़, नीला आकाश, और नदी है। तिब्बत में हर साल बहुत पर्यटक आते हैं। तिब्बत की संस्कृति ,तिब्बत की आयुर्वेद चिकित्सा बहुत पुरानी है। तिब्बती लोग हर साल कई उत्वस मनाते हैं। तिब्बती गीत बहुत सुंदर है, विशेषकर तिब्बती लोकगीत, जो मुझे बहुत पसंद है।
बिहार के कोआथ के श्रोता हाशिम आजाद ने अपने पत्र में कहा कि चीन का तिब्बत स्वायत्त प्रदेश आज का एक अनोखा स्वायत्त प्रदेश है। इस स्वायत्त प्रदेश का विकास जिस तीव्रता से हुआ है, वो एक मिसाल है। बिजली, शिक्षा, मार्ग निर्माण ये सभी कार्य इस बात का सबूत हैं कि तिब्बतवासियों को चीन सरकार और चीनी जनता तहेदिल से अपना मानती है और अपना स्नेह, प्यार, विकास के रूप में न्योछावर करती है।
झारखंड के चाइना रेडियो लिसनर्स क्लब की अध्यक्ष मिस अनुभा ने अपने पत्र में कहा कि मैं सीआरआई हिन्दी प्रसारण की नियमित श्रोता हूं। आप के कार्यक्रम रोचक और ज्ञानवर्धक होते हैं। सीआरआई की सभाओं और प्रसारण से स्पष्ट होता है तथा लोगों को विशेष आकर्षण होता है। आशा है कि भविष्य में सीआरआई और भी प्रगति करेगा। अनुभा ने दो प्रश्न पूछे हैं। पहला प्रश्न है कि पेइचिंग विश्वविद्यालय की स्थापना कब हुई थी और इस में हिन्दी संकाय की पढ़ाई कब से प्रारंभ हुई। अनुभा जी ,पेइचिंग विश्वविद्यालय चीन में सबसे मशहूर विश्वविद्यालयों में से एक है। उसकी स्थापना वर्ष 1898 में हुई, जो चीन में सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। पेइचिंग विश्वविद्यालय उत्तर पश्चिमी पेइचिंग में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 26 लाख 61 हजार से ज्यादा वर्गमीटर है। वर्तमान में पेइचिंग विश्वविद्यालय के अध्यापकों और कर्मचारियों की संख्या 16 हजार से अधिक है और विद्यार्थियों की संख्या लगभग 30 हजार है। पेइचिंग विश्वविद्यालय एक चतुर्मुखी विश्वविद्यालय है, जिसमें 100 स्नातक कोर्स, 221 मास्टर डिग्री प्रोग्राम और 199 डाक्टरेट डिग्री कार्यक्रम है। पेइचिंग विश्वविद्यालय के हिंदी संकाय की पढाई पिछली सदी के पचास के दशक में शुरु हुई थी ,जो चीन में हिंदी पढाई का सब से महत्वपूर्ण केन्द्र है। हिंदी विभाग में स्नातक कार्स के अलावा एम ए और पी एच डी कोर्स भी है। हिंदी पढाई के बारे में मैं और कुछ बताना चाहता हूं। आज कल हिंदी की पढाई लोकप्रिय हो रही है। पेइचिंग विश्वविद्यालय को छोडकर पेइचिंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, शी एन विदेशी भाषा कालेज , क्वांग तुंग विदेशी भाषा कालेज और अन्य कुछ संस्थाओं में भी हिंदी भाषा पढाई जाती है। अधिकाधिक चीनी छात्रों को हिंदी सीखने में रूचि है। इसका मुख्य कारण इधर कुछ साल चीन भारत संबंधों में बडा सुधार आया है। दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में आवाजाही दिन प्रति दिन बढ़ रही है। उधर मुझे पता है कि भारत में चीनी भाषा सीखने वाले छात्रों की सख्या भी तेजी से बढ रही है। भाषा आदान प्रदान और आवाजाही का माध्यम है। अनुभा का दूसरा सवाल है कि चीन में कौन कौन सी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट हैं। चीन में अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट बहुत हैं। मेरे पास ताजा संख्या नहीं है। पर असंपूर्ण आंकडों के अनुसार चीनी उड्डयन कंपियों की अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट 200 से ज्यादा है और चीन में आने वाली विदेशी उड्डयन कंपियों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। इसलिए चीन से विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में जाना काफी सुविधापूर्ण है। चीन और भारत के बीच कई फ्लाइट भी हैं। पेइचिंग और दिल्ली के बीच एयर चाइना और ईस्टन चाइना एयर लाइन की फ्लाइट है, दक्षिण चीन के क्वांग चाओ और दिल्ली के बीच साउथ चाइना एयरलाइन की फ्लाइट है और शांग हाई और दिल्ली के बीच ईस्टन चाइना एयरलाइंस और एयर इंडिया की फ्लाइट है। इसके अलावा कोलकाता और शांग हाई के बीच ईस्टन एयरलाइंस की फ्लाइट भी है। इसलिए भारत और चीन के बीच विमान से आना जाना बहुत आसान है।
बिहार के शिवहर के श्रोता अमित कुमार ने हमें पत्र भेजकर कहा कि यह मेरा प्रथम पत्र है। मैं आप का नियमित श्रोता हूं। हेमा कृपलानी ,अनिल पांडेय और पंकज श्रीवास्तव की आवाज काफी अच्छी लगती है। न्यूशिंग स्पेशल, टॉप 5 और दक्षिण एशिया फोकस कार्यक्रम मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। आशा है कि मेरा नाम और पता डाकसूची में शामिल कर लिफाफे और श्रोता वाटिका भेजेंगे। मैं दस साल पहले हुए अपने उपनयन संस्कार की एक तस्वीर भेज रहा हूं। श्रोता वाटिका में छाप दीजिए। अमित (बाएं) अजीत (दाएं) से हैं। उपनयन अर्थात जनेऊ है। उपनयन संस्कार हिंदू धर्म के लड़कों का बालावस्था में किया जाता है। जब उस की आयु 7—9 वर्ष होती है , ठीक उसी तरह हम दोनों का भी जनेऊ नौ वर्ष की आयु में हुआ था। अमित जी , हमने आपका नाम और पता सूची में शामिल किया है। आपको फिफाफे और श्रोता वाटिका मिलेगी। आपका फोटो भी मिला है। अच्छा लगा। हमें हिंदू धर्म के बारे में नयी जानकारी भी मिली है। धन्यवाद।
हमें बिहार के सकरा के अपोलो रेडियो लिस्नर्स क्लब द्वारा भेजे गये फोटो भी मिले हैं। ये फोटो श्रोता सम्मेलन और वैशाख उत्सव का दृश्य दिखाते हैं। बहुत सुंदर लगता है। हम अपोलो रेडियो लिस्नर क्लब को भी धन्यवाद देते हैं। छतीसगढ की श्रोता फूलमाला बैन ने हमें एक सुंदर पत्र भेजा। उन्होंने हाथों से पत्र कागल पर सजीव फूल खींचा। उन्होंने अपने पत्र में हमें नये साल की बधाई दी। उन्होंने कहा कि सीआरआई और सभी सीआरआई उद्धोषक और उद्धोषिकाओं को मेरा प्यार भरा नमस्कार। वर्ष 2013 आप सभी के लिए मंगलमय हो , आप सबकी जिंदगी सुख और समृद्धि से भरी रहे। ढेर सारी बधाइयों और शुभ कामनाओं के साथ पत्र समाप्त कर रही हूं । पत्र छोटा है ,पर हमें फूलमाना की गहरी भावना का एहसास है।बहुत शुक्रिया।
(ये प्रारूप टेक्स्ट है जो रेडियो कार्यक्रम से अगल है। संपादक – पंकज श्रीवास्तव)