चंद्रिमाः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। आप का पत्र मिला कार्यक्रम सुनने का हार्दिक स्वागत है। मैं हूं आप की दोस्त, चंद्रिमा।
विकासः और मैं हूं आप का दोस्त, विकास।
चंद्रिमाः विकास जी, चीन का सब से महत्वपूर्ण परंपरागत त्योहार वसंत त्योहार जल्द ही बित गया, इसे आप ने कैसे मनाया है?
विकासः वसंत त्योहार चीन का परंपरागत और सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। इस अवसर पर सभी चीनी बंधु अपने परिवारजनों के साथ यह त्योहार मनाते हैं। इस बार मैं अपने एक चीनी मित्र के घर पर यह त्योहार मनाया। गांवों में अभी भी इस त्योहार को मनाने की परंपरागत विधि मौजूद है। चीन इतना बड़ा देश है कि अलग-अलग जगहों पर मान्यताएं और रिति-रिवाज भी अलग-अलग हैं। मैं दक्षिण चीन के हूनान प्रांत में उनके रिवाज के अनुसार यह त्योहार मनाया। बहुत मजेदार और दिलचस्प था। और चंद्रिमा जी, आप ने वसंत त्योहार को कैसे मनाया है?
चंद्रिमाः वास्तव में कोई खास बात नहीं हुई त्योहार के दौरान, क्योंकि मौसम इतना ठंडा है कि बाहर जाना बहुत मुश्किल है। इसलिये मैं ने केवल कुछ अजायबघरों का दौरा किया। जैसे पेइचिंग मछलीघर, विज्ञान व प्रौद्योगिकी संग्रहालय, तथा रेलवे संग्रहालय इत्यादि।
विकासः क्या बात है। आपको इन जगहों का दौरा कर ज़रूर बहुत सारी जानकारियां मिली होंगी।
चंद्रिमाः बिल्कुल ठीक है। संग्रहालय में दौरा करके हम सचमुच बहुत जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। और विकास जी, अगर अवकाश हो, तो आप को भी पेइचिंग में स्थित कुछ संग्रहालयों का दौरा करना चाहिए। जिससे आप चीन के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारियां प्राप्त कर सकेंगे।
विकासः अच्छी राय है। मैं ज़रूर जाऊंगा। अब हम कार्यक्रम में वापस आते हुए श्रोताओं के पत्र पढ़ेंगे, ठीक है न?
चंद्रिमाः अच्छा, बंगलादेश के डी डब्लू फैन क्लब के अध्यक्ष मोहम्मद बबलोर रशिद ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि मैं हिन्दी सेवा का एक नियमित श्रोता हूं। मैं विश्व के बहुत रेडियो स्टेशनों के कार्यक्रम सुनता हूं, लेकिन मेरे ख्याल से सी.आर.आई. के कार्यक्रम सब से आकर्षक हैं। आप लोगों के कार्यक्रम से मुझे चीन और दुनिया के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारियां मिलती है।
विकासः यह सुनकर हमें बहुत खुशी हुई। आशा है आप लगातार सी.आर.आई. हिन्दी सेवा के कार्यक्रम पर ध्यान देते रहेंगे, और हमारे द्वारा आयोजित गतिविधियों में भाग लेते रहेंगे।
चंद्रिमाः जी हां, अगला पत्र है पाकिस्तान के नसीम लिसनर्स क्लब के अध्यक्ष दिलदार अहमद लाघिरी का। इस पत्र में उन्होंने ने लिखा है कि मैं और मेरे कल्ब के मित्र अक्सर आप की सभा सुनते रहते हैं। आप के तमाम कार्यक्रम हमें बहुत अच्छे लगते हैं। कुछ दिन पहले आप का पत्र मिला कार्यक्रम में आपने एक नाटक पेश किया था। वह मुझे बहुत पसंद आया। यह नाटक तकरीबन मेरी कहानी से मिलता जुलता है। वर्ष 2010 में जब मैं सी.आर.आई. की ऊर्दू सेवा के निमंत्रण पर चीन की यात्रा पर आया था, तो आप की तरफ़ से भारत से जनाब अमीर अहमद को भी बुलाया गया था। हम ने शिंच्यांग में पूरा एक हफ्ते साथ में बिताया। इस दौरान मैं अमीर के साथ सी.आर.आई. हिन्दी सेवा के दफ्तर में आया था। मगर वह दिन रविवार का था, और बहुत कम लोग दफ्तर में थे। शिनच्यांग की यात्रा में अमीर साहब ने मेरा बहुत ख्याल रखा था, अभी तक ये यादें मेरे दिल में हैं।
विकासः विभिन्न देशों व क्षेत्रों के श्रोताओं के बीच दोस्ती का पुल बनाना यह तो सी.आर.आई. का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है। हम बहुत खुश हैं कि हम अच्छी तरह से यह कर्तव्य निभा रहे हैं। और भविष्य में हम इस दिशा में और कोशिश करेंगे, ताकि सभी लोगों को विश्व शांति मिल सके। चंद्रिमा जी, मेरे पास एक खास पत्र है, जो इस्लामपुर मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल के वूमैन लिसनर्स क्लब के अध्यक्ष पुष्पो मित्र ने हमें भेजा है।
चंद्रिमाः वाह, यह सचमुच एक खास पत्र है। क्योंकि हमारे श्रोता कल्बों में महिला श्रोता कल्बों की संख्या बहुत कम है। और कल्बों के महिला अध्यक्षों से भेजे गये पत्रों की संख्या और कम है। इस में उन्होंने क्या लिखा है?
विकासः इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि हम सी.आर.आई. हिन्दी सेवा की पुरानी श्रोता हैं, जो पांच साल से कार्यक्रम सुनती आ रही हैं। हम हिन्दी वेबसाइट को भी लगातार पढ़ते हैं, और वेब द्वारा कार्यक्रम सुनते हैं। न्यूज़, सामयिक चर्चा, गीत-संगीत, खेल व श्रोता का मंच आदि विषय हमें बहुत अच्छे लगते हैं। हमारे कल्ब की सभी सदस्य महिला हैं, इस में दस विद्यार्थी भी शामिल हैं। यहां मैं एक सुझाव देना चाहती हूं कि क्या आप लोग अपने कार्यक्रम में महिलाओं के लिये एक विशेष कार्यक्रम शामिल कर सकते हैं?
चंद्रिमाः बहन, आपने एक अच्छा सुझाव दिया है। हमारे कार्यक्रम में महिलाओं से संबंधित कार्यक्रम सचमुच बहुत कम है। केवल रंगीन जीवन नामक कार्यक्रम में कुछ विषय महिलाओं से जुड़े हुए हैं। इस के अलावा महिलाओं के लिये कोई खास कार्यक्रम नहीं है। हम भी इस का विचार कर रहे हैं और इस स्थिति का सुधार कर रहे हैं। क्योंकि भारत के समाज में महिलाओं का स्थान दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। बहुत महिलाएं शिक्षा के बाद देश के महत्वपूर्ण पद पर मेहनत से काम कर रही हैं। आज के भारतीय समाज में महिलाएं केवल घरवाली ही नहीं हैं, वे समाज की प्रगति के लिये एक महत्वपूर्ण शक्ति भी है।
विकासः चंद्रिमा जी, आपने बिल्कुल ठीक कहा। मेरे ख्याल से चीन क्यों इतना तेजी से विकसित हो रहा है। महिलाओं की भागीदारी एक महत्वपूर्ण कारण है। चीन के प्रथम राष्ट्राध्यक्ष माओ ज़े तुङ ने भी यह कहा है कि महिलाएं आधा आकाश निभा सकती हैं। चीन में कई साल रहने के बाद मैं यह महसूस करता हूं कि चीन के समाज में महिलाओं की भूमिका इतनी महत्वपूर्ण है कि लगभग हर क्षेत्र में महिलाओं की छाया मिल सकती है।
चंद्रिमाः जी हां। तो आज के कार्यक्रम में हम सभी छोटी या बड़ी बहनों के लिये एक मधुर चीनी गीत पेश करेंगे। गीत के बोल हैं महिला, फूल जैसी हैं।
विकासः अच्छा, मधुर गीत सुनने के बाद अब हम पत्र पढ़ने को जारी रखें। मेरे पास और एक पत्र है, जो एक लड़की ने भेजा।
चंद्रिमाः वाह, विकास जी, शायद महिलाओं की खूब तारीफ़ करने के कारण आज आप को कई लड़कियों के पत्र पढ़ने का मौका मिल सका।
विकासः हाहाहा, शायद। कोडरमा झारखंड के चाइना रेडियो लिस्नर्स कल्ब की अध्यक्षा मिस अनुभा ने अपने पत्र में यह लिखा है कि आप सबको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। मैं सी.आर.आई. प्रसारण की हिन्दी विभाग की नियमित श्रोता हूं। आप के सभी कार्यक्रम रोचक लगते हैं। खासकर समाचार, आप की पसंद, चीन की संस्कृति, आप का पत्र मिला, चीन में निर्माण व सुधार, चीनी सीखें आदि अधिक ज्ञानवर्धक हुआ करते हैं। मैंने कोडरमा इकाई में सी.आर.आई. श्रोता कल्ब की स्थापना की हूं, जिस की मैं अध्यक्ष हूं। इस कल्ब में काफ़ी सदस्य हैं। जो आप के कार्यक्रम प्रतिदिन उत्साह के साथ सुना करते हैं। कल्ब के सदस्य दिनांक 8 दिसंबर वर्ष 2011 को सुदूर गांव में जाकर लोगों को पोलियो टीका एवं खसरा रोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
चंद्रिमाः वाह, अनुभा बहन का कल्ब बहुत सक्रिय है, और कल्ब के सदस्य गांव वालों के लिए कुछ उपयोगी काम कर रहे हैं। इस पत्र में उन्होंने यह सवाल भी पूछा कि चीन का क्षेत्रफल कितना वर्ग किलोमीटर है और चीन के मशहूर समुद्री बन्दरगाह कौन-कौन से हैं? अब मैं एक एक करके उन सवालों का जवाब दूंगी। चीन की भूमि का कुल क्षेत्रफल लगभग 96 लाख वर्ग किलोमीटर है, जो एशिया के लैंड एरिया की चौथाई और सारी दुनिया के लैंड एरिया की एक बटे 15 है। चीन का क्षेत्रफल केवल रूस व कनाडा के पिछे विश्व के तीसरे स्थान पर है। और दूसरे सवाल का जवाब यह है कि आर्थिक विकास के साथ साथ चीन में बन्दरगाह की संख्या भी दिन-ब-दिन बढ़ रही है। यहां मैं केवल दस सब से बड़े व मशहूर बन्दरगाहों के नाम बोलूंगी। वे क्रमशः हैं हांगकांग, शांगहाए, शनचेन, छिंगडाओ, निंगबो, थ्येनचिन, क्वांगचो, श्यामन, ताल्येन व फूचो।
विकासः चंद्रिमा जी, मेरे पास बिहार के श्रोता राजीव कुमार का एक पत्र है, जिस में दो सवाल पूछे गये हैं।
चंद्रिमाः क्या सवाल हैं?
विकासः उन्होंने यह पूछा कि चीन में चाय का खपत कितना है?और चीन की महान दीवार का निर्माण कब हुआ था?
चंद्रिमाः तो विकास जी, कृप्या आप उन दोनों सवालों का जवाब दीजिये?
विकासः अच्छा, मैं कोशिश करूंगा। चाय की मातृभूमि के रूप में अब चीन विश्व में चाय का सब से बड़ा उत्पादक व खपत देश व दूसरा निर्यातक देश है। वर्ष 2010 तक चीन में चाय का कुल उत्पादन मूल्य 90 अरब य्वान रेन मिन बी तक पहुंच गया, और निर्यात रकम 78 करोड़ अमरीकी डॉलर तक पहुंची। वर्तमान में चीन के 70 हजार से ज्यादा चाय उद्यम हैं, चाय से संबंधित काम करने वालों की संख्या 8 करोड़ है। और चीनी बाजार में चाय के खपत की निहित शक्ति बहुत बड़ी है। दूसरा सवाल का जवाब यह है कि पुरातन समय में चीन की महान दीवार विश्व में एक ऐसी रक्षा परियोजना है, जिसके निर्माण का समय सब से लंबा और निर्माण का काम सब से भारी है। छिन राजवंश की महान दीवार का निर्माण तीसरी शताब्दी ई.पू. से शुरू हुआ, आजतक 2300 वर्ष से ज्यादा समय का पुराना इतिहास हो गया। और मिंग राजवंश की महान दीवार का इतिहास भी 600 वर्ष से ज्यादा हो गया।
चंद्रिमाः बहुत बहुत धन्यवाद, विकास जी। क्योंकि आपने हमारे श्रोताओं को इतनी महत्वपूर्ण जानकारियां दे दीं। अच्छा, दोस्तो, अब हम सवाल के जवाब को ज़रा रुककर एक श्रोता को शुभकामनाएं देना चाहते हैं।
विकासः अरे, किस श्रोता के लिये?
चंद्रिमाः नवगांव बंगलादेश के फ्रेंड्स रेडियो क्लब के अध्यक्ष दीवान रफ्फीकुल इस्लाम ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि मैं सी.आर.आई. हिन्दी सेवा का एक नियमित श्रोता हूं। हर दिन मैं आप लोगों के ज्ञानवर्धक, शिक्षाप्रद व मनोरंजक कार्यक्रम सुनता हूं। पिछले 30 दिसंबर को मैंने अपने 38वें जन्मदिन की खुशी मनाई। मैंने एक जन्मदिन पार्टी आयोजित की। लगभग 165 दोस्तों ने इस में भाग लिया। उसी दिन हम ने बहुत आन्नदमय समय बिताया है।
विकासः वाह, बहुत अच्छी बात है। जन्मदिन मुबारक हो, रफिक साहब। साथ ही हम बहुत खुश हैं कि रफिक भाई ने अपनी खुशी को हमारे साथ बांटा।
चंद्रिमाः जी हां। हालांकि रफिक भाई का जन्मदिन कुछ समय पहले बित गया पर हम भी अपनी शुभकामना देना चाहते हैं। और आज के कार्यक्रम में हम विशेष तौर पर उन के जन्मदिन के लिये एक गीत भेंट करेंगे। गीत के बोल भी है जन्मदिन मुबारक हो।
विकासः अच्छा दोस्तो, अगर आप के पास भी कुछ खुशी की बात हमारे या अन्य श्रोताओं के साथ बांटना चाहते हैं, तो हमें ज़रूर पत्र भेजिये। हम अपने कार्यक्रम में आप को भी शुभकामनाएं देंगे।
चंद्रिमाः जी हां। कार्यक्रम समाप्त होने से पहले हम और कुछ पत्र पढ़ने की कोशिश करें। औरेया, उत्तर प्रदेश के खान रेडियो लिस्नर्स कल्ब के अध्यक्ष अमानत उल्ला खान ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि सी.आर.आई. का एक लंबा प्रसारण सफर 70 वर्ष का हो गया। मैं बहुत लंबे समय से ही हिन्दी कार्यक्रम रेडियो बेइचिंग से सुनता आ रहा हूं। अनेक मनमोहक कार्यक्रम जब हम चीन से अपनी हिन्दी भाषा में सुनते हैं, तो अत्यधिक आनन्द ही अनुभूति होती है। आज यह कहना सार्थक होगा कि चीन प्रसारण सेवा विश्व की 65 भाषाओं में कार्यक्रम कर आज विश्व की प्रथम प्रसारण संस्था का रुप ले चुकी है। विश्व के प्रत्येक कोने कोने के लोग अपनी मातृभाषा में चीन की वाणी को सुन रहे हैं।
विकासः सी.आर.आई. की प्रशंसा के लिये बहुत बहुत धन्यवाद, अमानत उल्ला खान साहब। अब मैं सी.आर.आई. की 70वीं वर्षगांठ से जुड़ा और एक पत्र पढ़ूंगा। नदिया, पश्चिम बंगाल के पार्था दत्ता ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि चाइना रेडियो इन्टरनेशनल की 70वीं वर्षगांठ के सुअवसर पर मैं सी.आर.आई. के सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई देता हूं। मैं नियमित रुप से सी.आर.आई. का हिन्दी कार्यक्रम सुनता हूं। हिन्दी विभाग से प्रसारित सभी कार्यक्रम मुझे अच्छे लगते हैं। कृपया मेरा नाम सी.आर.आई. हिन्दी विभाग के मेल लिस्ट में शामिल करें एवं श्रोता वाटिका पत्रिका भेजने का कष्ट करें।
चंद्रिमाः ज़रूर पार्था दत्ता साहब, हम जरूर आप की इच्छा पूरी करेंगे। विश्वास है आप जल्द ही हमारे द्वारा भेजी गयी सामग्रियों को प्राप्त कर सकेंगे।
विकासः अच्छा, इस पत्र के साथ आज का आप का पत्र मिला कार्यक्रम भी समाप्त होता है। अगले हफ्ते हम फिर मिलेंगे।
चंद्रिमाः अब लीजिये सुनिये आप की आवाज़ आन लाइन।