चंद्रिमाः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। आप का पत्र मिला कार्यक्रम सुनने के लिये आप लोगों का हार्दिक स्वागत है। मैं हूं आप की दोस्त, चंद्रिमा।
विकासः और मैं हूं आप का दोस्त, विकास। नमस्कार।
चंद्रिमाः विकास जी, क्या आप जानते हैं कि आज के कार्यक्रम में मैं सभी श्रोताओं को क्या कहना चाहती हूं?
विकासः अम..., मैं सोच रहा हूं कि आप शायद श्रोताओं को नये साल की मुबारकबाद देना चाहती हैं, ठीक है न?
चंद्रिमाः ओह, विकास जी, आप सचमुच मेरे सब से अच्छे साझेदार हैं। मैं जो सोचती हूँ, आप वह पहले ही समझ जाते हैं।
विकासः हां, मैं लगभग एक साल से आपके साथ कार्यक्रम बना रहा हूं, तो कुछ-कुछ तो आपके बारे में समझ आ ही रहा है।
चंद्रिमाः और मेरे ख्याल से आप भी श्रोताओं से यही बातें करना चाह रहे हैं, है न?
विकासः जी हां, क्योंकि नया साल का यह हमारा पहला आपका पत्र मिला कार्यक्रम है।
चंद्रिमाः तो हम एक साथ बोलें?
विकासः अच्छी बात है, अब हम हमारे सभी श्रोताओं को यह शुभकामनाएं देना चाहते हैं कि
दोनों:नया साल मुबारक हो।
विकासः हां जी, श्रोताओ, हमें आशा है कि यह नया साल आपके जीवन में अपार खुशी और सफलता लेकर आए। आपके सभी अधुरे काम इस साल सफलतापूर्वक पूरा हो जाए। एक बार फिर से आप सभी के लिए नववर्ष मंगलमय हो।
चंद्रिमाः पर विकास जी, नये साल के सुअवसर पर केवल कुछ शुभकामनाएं काफ़ी नहीं है। हमें श्रोताओं को उपहार देना चाहिए। ठीक है न?
विकासः आपने बिल्कुल ठीक कहा। नव वर्ष में हमें अपने श्रोताओं का स्वागत उपहार से करना चाहिए। तो आज हम आप सब के लिये एक विशेष उपहार लेकर आए हैं।
चंद्रिमाः क्या है वह उपहार अब जल्दी बताइये इंतजार नहीं किया जा रहा है।
विकासः ओके, तो सस्पेंस अभी खत्म किये देते हैं, हम आप सब के लिये लेकर आएँ हैं एक खास रेडियो नाटक, जिस का नाम है-जश्न-ए-सी.आर.आई.।
चंद्रिमाः पर सुना है कि यह नाटक हेमा जी के टॉप-5 कार्यक्रम में प्रसारित किया जा चुका है।
विकासः जी हां, आपने बिल्कुल सही कहा। लेकिन टॉप-5 में यह कार्यक्रम प्रसारित होने के बाद, बहुत सारे श्रोताओं ने हमें पत्र भेजकर कहा कि यह नाटक बहुत अच्छा है और कुछ लोग इससे सुनने से वंचित रह गए हैं। अगर संभव हो तो दुबारा प्रसारित किया जाए। श्रोताओं की इच्छा का सम्मान करते हुए नव वर्ष के उपलक्ष्य में हम फिर से लेकर आए हैं उन्हीं का पसंदीदा नाटक—जश्न-ए-सीआरआई ।
चंद्रिमाः वाह, बहुत अच्छी बात है, यह सुनकर मैं बहुत खुश हूं, क्योंकि हमारी कोशिश का फल सार्थक हो गया।
विकासः ध्यानाकर्षक बात यह है कि हम इस नाटक में और कुछ नये विषय शामिल करके आज फिर पेश करेंगे। आशा है आप लोगों को यह जरूर पसंद आएगा।
चंद्रिमाः और यहां मैं सभी दोस्तों को यह बताना चाहती हूं कि अगर आप के दोस्त, जो अभी अभी रेडियो के पास नहीं बैठे हैं, यह नाटक भी सुनना चाहते हैं, तो उन्हें हमारे वेबसाइट पर नये साल के संबंधित पेज पर यह नाटक मिल सकता है और आप इसे सी आर आई हिंदी के बेवसाईट पर भी सुन सकते हैं।
विकासः अच्छा, अब हम शुरू करें यह लोकप्रिय नाटक-जश्न-ए-सी.आर.आई.।
चंद्रिमाः श्रोता दोस्तो, आज का कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है।
विकासः और विदा लेने से पहले फिर एक बार
दोनों:नया साल मुबारक हो।
चंद्रिमाः अब मैं और विकास को आज्ञा दीजिये, नमस्कार।
विकासः नमस्कार।