अनिलः आपकी पसंद सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार। दोस्तो हम फिर आ गए हैं आपकी फरमाईश के गीत लेकर। हमें उम्मीद है कि आपको कार्यक्रम में पेश होने वाले गीत ज़रूर पसंद आ रहे होंगे।
ललिताः श्रोताओं को ललिता का भी नमस्कार।
अनिलः दोस्तो आपकी पसंद कार्यक्रम को पसंद करने वाले न केवल भारत में हैं, बल्कि पाकिस्तान व बांग्लादेश के श्रोता भी हमें समय-समय पर ख़त लिखते रहते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत में हम जो गीत पेश करने जा रहे हैं उसे सुनना चाहा है पाकिस्तान जंग से हाफ़िज नईम, मोहम्मद युनिस, भारत के जुगसलाई टाटानगर से इंद्रपाल सिंह भाटिया, इंद्रजीत कौर भाटिया, साबो भाटिया, सिमरन भाटिया, सोनक भाटिया, मनजीत भाटिया, बंटी भाटिया व जानी भाटिया आदि श्रोताओं ने। गीत के बोल हैं दिल ने ये कहा है दिल से, फिल्म का नाम है धड़कन।
अनिलः अगला सांग हम पेश कर रहे हैं दो रास्ते फिल्म से, गीत के बोल हैं बिंदिया चमकेगी। इसे सुनना चाहते हैं कलेर बिहार से मो. आसिफ ख़ान, निकहत प्रवीन, सदफ आरजू, साहिल अरमान, अजफर अकेला आदि श्रोता।
अनिलः दोस्तो पोग्राम का अगला गीत हम पेश करने जा रहे हैं फिल्म दिल से। इस गीत को पसंद किया है बर्धमान पश्चिम बंगाल से प्रदीप कुमार बसाक, इसके साथ ही चांदनी चौक दिल्ली से मनीष, चिराग, राहुल व उमर व अन्य श्रोताओं ने।
अनिलः दोस्तो आपको कैसा लग रहा है प्रोग्राम, हम पूरी कोशिश करते हैं कि नए व पुराने दोनों तरह के सांग पेश किए जाएं, लेकिन कुछ श्रोता हमेशा ही पुराने या वहीं गाने बार-बार सुनने की फरमाईश करते हैं। हमें उम्मीद है कि आप इस बात पर गौर करेंगे। हमारे जो श्रोता शहरों में रहते हैं वे हमारी वेबसाइट पर भी सीधे अपनी पसंद लिख सकते हैं। हमारी वेबसाइट का पता है हिंदी डॉट सीआरआई डॉट सीएन।
ललिताः दोस्तो प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हुए सुनते हैं अगला सांग शोले फिल्म से, गीत के बोल हैं ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे। इसे सुनने की फरमाईश भेजी है, शिवाजी चौक कटनी मध्य प्रदेश से अनिल ताम्रकार, अमर ताम्रकार, संतोष शर्मा, रज्जन रजक, राजू, दिलीप वर्मा व पंचू सोनी आदि श्रोता।
ललिताः दोस्तो आप अगले सांग का वेट कर रहे हैं, हां तो पेश है ये गीत, बोल हैं मैं अगर कहूं, फिल्म का नाम है ओम शांति ओम। इसे सुनना चाहते हैं हाशिम आज़ाद, खैरून निंसा, रजिया खातून, बाबू अकरम, बाबू साज़िद, जां नशीन व गुल अफसा रानी आदि श्रोता।
अनिलः इसी के साथ पेश कर रहे हैं कार्यक्रम का अंतिम गीत। इस गीत को सुनना चाहते हैं फ़ैजाबाद उत्तर प्रदेश से रामकुमार रावत, गीता रावत, अमित रावत, ललित रावत, दीपक रावत व मनीष रावत आदि श्रोता। फिल्म का नाम है दो रास्ते।
अनिलः दोस्तो इसी गीत के साथ हमारे जाने का वक्त आ गया है। आपसे फिर मुलाकात होगी, कुछ नयी मज़ेदार बातों व सांग्स के साथ। नेक्स्ट वीक इसी टायम इसी डे, तब तक के लिए हमें इज़ाजत दें, बाय-बाय, नमस्ते, शब्वा खैर, अलविदा।