चंद्रिमाः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, आप का पत्र मिला कार्यक्रम सुनने के लिये हार्दिक स्वागत है। मैं हूं आप की दोस्त, चंद्रिमा।
विकासः और मैं हूं आप का दोस्त, विकास।
चंद्रिमाः विकास जी, क्या आप ने यह महसूस किया है कि इस हफ्ते से पेइचिंग का मौसम अचानक बदल गया है। अचानक ठंढ़ ज्यादा हो गई है।
विकासः जी हां, बिल्कुल महसूस किया है मैंने। क्योंकि अभी कुछ दिन पहले हम सिर्फ टी. शर्ट पहनते थे, लेकिन आजकल तो स्वेटर से भी काम नहीं चल पाता है।
चंद्रिमाः ऐसा लग रहा है इस साल सर्दी का आगमन जल्दी हो गया है। सुना है कि इस वर्ष की सर्दी सामान्य वर्षों की अपेक्षा ज्यादा ठंडी होगी।
विकासः पर कोई बात नहीं है, चंद्रिमा जी। हालांकि मौसम ठंडक है, पर हमारे श्रोताओं का प्रेम हमेशा गर्म है। आजकल हमें श्रोताओं से बहुत पत्र मिल हैं। अब हम आज का पहला पत्र पढते हैं।
चंद्रिमाः जी हां। हुबली, कर्नाटक से बेलारी रेडियो लिसनर्स क्लब के अध्यक्ष मोहम्मद इलियास बेलारी ने हमें भेजे ई-मेल में लिखा है कि मैं सी.आर.आई. का एक पुराना श्रोता हूं। और पांच साल से लगातार आप लोगों का कार्यक्रम सुनता आ रहा हूं। हिन्दी कार्यक्रम बहुत रोचक व ज्ञानवर्धक हैं। सी.आर.आई. की 70वीं वर्षगांठ पर मैं आप लोगों को यह शुभकामनाएं देता चाहता हूं कि भविष्य में हिन्दी सेवा के कार्यक्रम और बेहतर होंगे।
विकासः बेलारी साहब, आप की बातें सुनकर हमारा दिल बाग-बाग हो गया। बहुत बहुत धन्यवाद। साथ ही ढोली सकरा, मुजफ्फरपुर, बिहार के रोयल लिस्नर्स कल्ब के अध्यक्ष जसीम अहमद ने भी अपनी शुभकामनाएं दीं इस अवसर पर। पत्र में उन्होंने लिखा है कि सी.आर.आई. के 70वीं वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई। इस उपलक्ष्य पर हम लोग एक बड़े खेल का आयोजन कर रहे हैं। स्कूली बच्चों के बीच नियमित रूप से हम किसी न किसी तरह की प्रतियोगिता आयोजित करते रहते हैं। प्रश्न चीन एवं सी.आर.आई. के प्रसारण से संबंधित रहता है। इस साल के आखिर तक इस तरह का आयोजन नियमित होता रहेगा।
चंद्रिमाः वाह, बहुत अच्छी बात है। जसीम अहमद जी, आपका हमारा समर्थन देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद। अगर उन गतिविधियों के दौरान आप लोगों ने कुछ फ़ोटो भी खींच सकते हैं ,तो हमें भेजिये। हम श्रोता वाटिका में इसे शामिल कर सकेंगे, और अन्य श्रोताओं को आप लोगों की गतिविधियों का परिचय दे सकेंगे। ठीक है न?
विकासः चंद्रिमा जी, इस पत्र में जसीम भाई ने हमारे कार्यक्रम के बारे में भी खूब चर्चा की। खास तौर पर हेमा जी का कार्यक्रम।
चंद्रिमाः उन्होंने क्या राय दी हैं?
विकासः उन्हें हेमा जी का कार्यक्रम बहुत पसंद है। और लिखा है कि हेमा कृपलानी जी द्वारा प्रसारित न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम सुना, बहुत ही अच्छे लगे। हेमा जी इतना ज्ञानवर्धक एवं रोचक मनोरंजक कार्यक्रम पेश करती है। इस कार्यक्रम को जारी रखा जाए। हेमा जी एवं सी.आर.आई. के सारे साथियों को इतना अच्छा कार्यक्रम पेश करने के लिये धन्यवाद।
चंद्रिमाः आप को भी बहुत बहुत धन्यवाद। अब मेरे पास एक पत्र है, जो गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के स्वर्गीय मीनू रेडियो श्रोता कल्ब के अध्यक्ष बद्री प्रसाद वर्मा अनजान द्वारा लिखा गया।
विकासः उन्होंने क्या लिखा है इस पत्र में।
चंद्रिमाः इस पत्र में उन्होंने मई में प्रसारित हमारे कुछ कार्यक्रमों की चर्चा की, जैसेः 19 मई के प्रोग्राम में भाई राकेश वत्स ने हमें पेइचिंग के सामुदायिक मकानों और पार्कों, अस्पतालों के बारे में, जो जानकारी दी, वह बहुत ही पसंद आई। ऐसी जानकारी हमें पहली बार राकेश भाई से मिली। 28 मई के प्रोग्राम में चीन में होने वाले शादी व्याह और बच्चे पैदा करने के बारे में जानकारी भरी रिपोर्ट अति ज्ञान भरी और सूचनाप्रद लगी। तिब्बत के बारे में नयी विषय पर जानकारी तथा तिब्बती जनता के जीवन के बारे में जानकारी अति प्रिय और रोचक लगी।
विकासः बद्री जी, हम बहुत खुश हैं कि आप को हमारे कार्यक्रम अच्छे लगते हैं। आशा है आप हमेशा हमारे कार्यक्रम पर ध्यान दे सकेंगे, और हमें पत्र लिखकर अपनी राय दे सकेंगे।
चंद्रिमाः इस के बाद औरैया, उत्तर प्रदेश के माओ त्से तुङ रेडियो लिस्नर्स अस्सोसिएशन के अध्यक्ष कालका प्रसाद किर्ती का पत्र है।
विकासः अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि दिनांक 15 जून, 2011 को आप का प्रोग्राम सुना, जिसमें 70 वर्ष होने की सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के आयोजन को बताया गया। स्वागत है। और उसी दिन के कार्यक्रम में लोहान पर्वत के एक विजेता का लोहान पर्वत और अन्य जगहों का अनुभव सुना, जिन्होंने दुकानों पर कुछ लड़कियों को नाचते देखा, पसंद किया, घंटों तक देखते रहे। कार्यक्रम अच्छा लगा। शुभकामनाएं।
चंद्रिमाः कालका प्रसाद जी, क्या आप ने सी.आर.आई. की 70वीं वर्षगांठ पर होने वाली उस ज्ञान प्रतियोगिता में भाग लिया है। यह प्रतियोगिता अभी अभी समाप्त हुई है। आशा है आप और आप के कल्ब के सदस्यों को पुरस्कार प्राप्त करने का मौका मिल सकेगा।
विकासः श्रोता दोस्तो, पत्रों का सिलसिला जारी रहेगा लेकिन पहले यह मधुर गीत।
चंद्रिमाः अच्छा, क्या आप लोगों को यह गीत पसंद है। यह सुनकर मैं तो बहुत खुश हूं। और आप को कैसा लगा, विकास जी?
विकासः बहुत दिलचस्प गाना है। मालूम नहीं है कि गायिका इस के बोल कैसे याद करती है।
चंद्रिमाः जी हां, मेरे दिमाग में भी ऐसा सवाल होता है। अच्छा, अब हम इस मधुर गीत से हमारे कार्यक्रम में वापस लौटें, और पत्र पढ़ने को जारी रखें। मऊनाथ भंजन, उत्तर प्रदेश के फ़ाइनेंस डी.डब्यू. रेडियो कल्ब के अध्यक्ष फैज अहमद फैज ने हमें भेजे पत्र में लिखा है कि प्रिय महोदय, नमस्ते। आप को मालूम है कि हम लोग सी.आर.आई. के बहुत पुराने श्रोता हैं। हर रोज आप का कार्यक्रम सुनते हैं। और अपने विचारों से अवगत कराते रहते हैं। जब इनामी प्रतियोगिता में भाग लेते हैं, तब एक छोटा सा पुरास्कार दिया जाता है। कृप्या नंबर 1 का इनाम रेडियो-मोबाइल या आइपैड दिया जाए। आशा है कि इस पर ध्यान दें। मीटरबैंट 7395 पर कार्यक्रम अच्छा सुनाई दिया।
विकासः फैज अहमद फैज भाई, आप के सूचना व सुझाव देने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद। हम ज़रूर इस पर ध्यान देंगे। पर खेद की बात है कि इस साल हमारे रेडियो के उपहार के लिस्ट में मोबाइल व आइपैड जैसे चीज़ शामिल नहीं की गयी। केवल रेडियो होता है।
चंद्रिमाः और रेडियो डाक से भेजने में एक समस्या भी होती है कि वह आसानी से खराब हो जाएगा, और आसानी से खो भी जाएगा । हमारे बहुत श्रोताओं ने यह शिकायत की कि पुरस्कार विजेताओं के नामसूची में उन्होंने अपना नाम सुना, लेकिन हमेशा उपहार नहीं मिला। यहां हम स्पष्ट रूप से यह कहना चाहते हैं कि हर प्रतियोगिता के विजेताओं के लिये हम रेजिस्टेट पत्र के रूप में उपहार भेजते हैं। अगर श्रोताओं को नहीं मिला, तो उसे हमारे पास वापस भेजा जाना चाहिए। लेकिन हमें कभी भी ऐसा पत्र नहीं मिला। और इस समस्या पर हमने चीनी पोस्ट से भी बारी बारी से पूछा। उन का जवाब यह है कि सभी रजिस्ट्री पत्र भारत पहुंच चुका है। लेकिन क्यों श्रोताओं को नहीं मिला, यह केवल भारतीय डाकघर को मालूम होगा।
विकासः हमें भी इस बात का बहुत खेद है। क्योंकि श्रोताओं ने सक्रिय रूप से हमारी ज्ञान-प्रतियोगिता में भाग लिया, और हमने भी बड़ी संख्या वाले उत्तरदाताओं में विजेताओं के नाम को चुन लिया, और सभी विजेताओं के लिये अच्छी तरह से उपहार तैयार किया। इस में दोनों तरफ़ से बहुत समय और प्रयास किया गया है। लेकिन सभी कोशिशों के बाद दोनों तरफ़ को अपना पसंदीदा परिणाम नहीं मिला। यह सचमुच एक बहुत निराशाजनक बात है।
चंद्रिमाः इसलिये दोस्तो, इस समस्या का समाधान तो हमारे द्वारा नहीं किया जा सकता है। हम केवल आशा कर सकते हैं कि यह स्थिति समय के साथ साथ धीरे धीरे बहतर हो सकेगी। और ज्यादा से ज्यादा लोग डाक की सुरक्षा पर ध्यान दे सकेंगे।
विकासः जी हां। अब हम और एक पत्र पढ़ेंगे, जो हरियाणा के उमेश कुमार जी ने भेजा है। इस में यह लिखा गया है कि सी.आर.आई. के सर्वप्रिय कार्यक्रम न्यूशिंग स्पेशल में हेमा जी ने गरीब लोगों के लिये संस्था चला रही शोभा मूर्ति जी से भेंट कराई। गरीब व कमजोर वर्ग की सहायता हर कोई नहीं करता, किंतु जो मानवता के प्रति समर्पित है। वह इस वर्ग की दिल खोलकर सहायता करता है। गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराना अपने आप में मानवता का परिचायक है। सभी समर्थ वर्गों को इस कार्य में आगे आना चाहिए।
चंद्रिमाः उमेश जी, हम आप की बातों से बिल्कुल सहमत हैं। आशा है ज्यादा से ज्यादा लोग शोभा मूर्ति जी की तरह गरीबों के लिये कुछ काम कर सकते हैं। इस के अलावा उमेश जी ने हमारे कई कार्यक्रम की चर्चा भी की, जैसे चीन की झलक। उन्होंने लिखा है कि 2 सितंबर को इस कार्यक्रम में लिली जी व राकेश वत्स जी द्वारा चीन में ऊर्जा खपत के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। चूंकि प्रदुषण अधिक फैल रहा है। बड़ी कंपनियों को कम प्रदुषण निकासी के विषय में विशेष पहल करनी होगी। चीन की झलक भी मेरे प्रिय कार्यक्रमों में से एक है। इस के माध्यम से चीन के विषय में समय समय पर रोचक जानकारी मिलती रहती है।
विकासः उमेश जी, हमारी उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा भारतीय दोस्त हमारे रेडियो द्वारा चीन के बारे में अधिक से अधिक जानकारियां प्राप्त कर सकें। अच्छा, कार्यक्रम के अंतिम भाग से पहले हम और एक मधुर भारतीय गीत पेश करेंगे। आशा है आप लोगों को यह पसंद आएगा।
चंद्रिमाः मऊनाथ भंजन, उत्तर प्रदेश के हेलो चाइना रेडियो कल्ब के श्रोता अम्माद अहमद ने हमें भेजे पत्र में लिखा है कि मैं सी.आर.आई. का नियमित श्रोता हूं। कार्यक्रम सुनना, पत्र लिखना, और दूसरों को कार्यक्रम सुनवाना अपना पेशा बन चुका है। मगर खेद की बात है कि अभी तक अपना नाम आप की सूची में दर्ज न हो सका, जिस की वजह से दूसरे श्रोताओं से फ़ार्म लेकर प्रतियोगिता में भाग लेता हूं।
विकासः अम्माद अहमद जी, सब से पहले हम आप के हमारे काम को देने वाले समर्थन का बहुत बहुत धन्यवाद देते हैं। हमने आप का नाम व पता हमारे सूची में शामिल कर लिया है। अगली बार आप को ज़रूर हमारे द्वारा भेजी गयी सामग्री मिल जाएगी।
चंद्रिमाः जी हां। अब मेरे पास और एक पत्र है, जो रांची तोरपा, झारखंड के हमारे श्रोता सुकरा हेमरोम द्वारा लिखा गया। इस में उन्होंने लिखा है कि आप का पत्र मिला कार्यक्रम के उदघोषक व उदघोषिका को मेरा प्यार भरा निहाऊ पहुंचे।
विकासः श्रोता दोस्तो, निहाऊ एक चीनी शब्द है, जिस का मतलब है नमस्कार। इस के बाद उन्होंने लिखा है कि खेल-कूद समाचार में इंगलैंड-इन्डिया के टेस्ट मैच के बारे में विकास जी से सुना अच्छा लगा। परन्तु अब भारत टेस्ट रैंकिंग में इंगलैंड से हार कर दूसरा स्थान पर खिसक गया है। हम भारतियों को इस टीम इण्डिया पर गर्व हैं, चाहे मैच जीते या हारे। क्योंकि उलट-फेर करने में भारतीय टीम माहिर है। सब दिन मैच जीता नहीं जा सकता। परन्तु इगलैण्ड वन डे मैच भारत से हार जाएगा। वन-डे का बादशाद है टीम इण्डिया। दक्षिण एशिया फ़ोकस पर इगनू के अध्यक्ष सैलेन्द्र मिश्र से जन-जातीय क्षेत्र पर माओवाद का बढ़ता प्रभाव सुना। ऐसा लगा कि मैं क्षेत्रीय रेडियो सुन रहा हूं। बिल्कुल मेरे झारखण्ड राज्य के माओवादियों के विषय पर वार्ता था। हम आशा करते हैं कि सी.आर.आई. हिन्दी सेवा हमारे क्षेत्रीय समस्याओं पर फिर फोकस करेगा।
चंद्रिमाः हम बहुत खुश हैं कि हमारे कार्यक्रमों को श्रोताओं का समर्थन मिल सकता है। हम ज़रूर सभी श्रोताओं के लिये और ध्यानाकर्षक कार्यक्रम बनाने की कोशिश करेंगे।
विकासः जी हां। और इस पत्र के साथ हमारा आप का पत्र मिला कार्यक्रम यहीं तक समाप्त होता है। अगले हफ्ते हम ठीक इसी समय यहां फिर मिलेंगे।
चंद्रिमाः अब बारी है आप की आवाज़ ऑन लाइन कार्यक्रम की।