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आपकी पसंद 2011-09-10
2011-10-12 15:36:59

अनिलः आपकी पसंद सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार। दोस्तो हम फिर आ गए हैं आपकी फरमाईश के गीत लेकर। हमें उम्मीद है कि आपको प्रोग्राम में पेश होने वाले गीत पसंद आ रहे होंगे।

ललिताः श्रोताओं को ललिता का भी नमस्कार।

अनिलः दोस्तो आज के इस प्रोग्राम में हम आपको कुछ चटपटी व रोचक बातों से रूबरू कराएंगे। इनमें शामिल है सौ साल पुरानी कार व सौ साल के मैराथन रनर की सफलता की स्टोरी, और भी बहुत कुछ। इसके साथ ही आप सुनेंगे 6 स्पेशल सांग। चलिए प्रोग्राम की शुरुआत करते हैं इस सांग के साथ। इसके बोल हैं तेरा होने लगा हूं, जबसे मिला हूं, फिल्म का नाम है अजब प्रेम की गज़ब कहानी।

अनिलः दोस्तो क्या आपने कभी कोई सौ साल पुरानी कोई कार देखी है, नहीं ना, मैं आपको बताता हूं... 107 साल पुरानी यह कार आज तक खराब नहीं हुई। ब्रिटेन की यह वोलसेली कार दो सीटों वाली है। 1904 में बनी यह कार लगातार चल रही है। इस कार के मालिक शेरबॉर्न के 65 साल ब्रायन केसले आज भी इस कार में रोज घूमने जाते हैं। इस कार की टॉप स्पीड 29 मील प्रति घं.टा है, लेकिन अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है कि इसका माइलेज कितना है, क्योंकि इस कार का निर्माण तब किया गया था, जब माइलोमीटर का आविष्कार नहीं हुआ था। ब्रायन केसली ने यह कार अपने एक दोस्त से 2004 में खरीदी थी, जिन्हें पुरानी कार इकट्ठी करने का शौक है। उन्होंने यह कार कितने में खरीदी इसका खुलासा भी नहीं किया गया है। वे कहते हैं कि मुझे अपनी इस कार पर गर्व है। भले ही ब्रायन केसली की यह कार पिछले सौ साल से खराब न हुई हो, लेकिन आजकल कोई भी वाहन खरीदने के बाद उसमें खराबी होना कोई नई बात नहीं होती। अगर आपको भी किसी कार या सौ साल से अधिक पुरानी चीज़ के बारे में पता चले, तो हमें ई-मेल या पत्र के ज़रिए बता सकते हैं। वैसे विन्टेज कार की चर्चा यही तक, अब सुनते प्रोग्राम का नेक्स्ट सांग।

ललिताः जिसे हमने लिया है फिल्म साजन से, बोल है बहुत प्यार करते हैं। इसे पसंद किया है मस्जिद रोड कोआथ बिहार से सैयद अली सईद, शबाना सईद, सना फातमी, राज और प्रिंस आदि श्रोताओं ने।

अनिलः मैराथन दौड़ से तो आप सभी वाकिफ ही हैं, ज़रा सोचिए कि मैराथन रनर की अधिकतम उम्र कितनी होनी चाहिए। बीस, पचास या साठ या फिर सत्तर... नहीं इससे भी अधिक। सौ साल... जी हां पूरा सैंकड़ा। 100 साल के फौजा सिंह दुनिया में सबसे उम्र दराज वाले मैराथन धावक हैं। 89 साल की उम्र से उन्होंने मैराथन में हिस्सा लेना शुरू किया। सात साल तक मैराथन में हिस्सा लेने वाले फौजा सिंह 2012 के एडिनबर्ग मैराथन में पहले साइन अप व्यक्ति बन गए हैं। रोजाना 10 मील की दौड़ की ट्रेनिंग लेते हैं। उम्र के इस पड़ाव में अपने चुस्ती फुर्ती का राज उन्होंने अदरक की करी और खूब चाय पीने को बताया है।

ललिताः वे कहते हैं मैं हमेशा खुश रहता हूं। चैरिटी के काम करता रहता हूं। हेल्दी रहता हूं और पॉजिटिव सोच रखता हूं। अगर कोई मुझसे कहता है कि दौड़ना बंद कर दूं तो मैं उसकी बातों पर ध्यान नहीं देता। तनावमुक्त जीवन ही सबसे बड़ा रहस्य है हेल्दी लाइफ का। मैराथन की तैयारी उनके कोच हरमिंदर सिंह करवा रहे हैं, ताकि वह 2012 में होने वाले इस मैराथन में कामयाबी हासिल कर सकें। अभी तक वह लंदन में पांच, टोरंटो में एक और एक न्यू यॉर्क मैराथन में हिस्सा ले चुके हैं।

अनिलः वैसे लाईफ में एक्सासाईज़ बहुत ज़रुरी होती है, भले ही आम लोग मैराथन रनर न बन पाएं, लेकिन डेली थोड़ी बहुत दौड़ या वाक तो कर ही सकते हैं।

नेक्स्ट सांग, मैं जहां रहूं, फिल्म का नाम है नमस्ते लंदन।

अनिलः दोस्तो, आपको पता है कि फौजा सिंह के नाम एक वर्ल्ड रिकार्ड भी है। उन्होंने टोरंटो में हुई 90 साल से ज्यादा उम्र वालों की मैराथन को पांच घंटे 40 मिनट में पूरा करके वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया था। अब वह एडिनबर्ग मैराथन 2012 महोत्सव में 26.2 मील की दौड़ में 86 साल से ऊपर के ग्रुप में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे हैं।

अनिलः सपने तो सपने होते हैं, भला सपने देखना किसे अच्छा नहीं लगता, अब यह बात अलग है कि हम और आप उन सपनों को अपनी रियल लाईफ में उतार पाते हैं या नहीं। लेकिन सच बात यह है कि सपने देखने चाहिए। क्यों..भला...हम बताते हैं...... वैसे कहा जाता है कि ऊंचे लक्ष्य पाना है तो बड़े सपने देखों। लेकिन अब इस बात पर वैज्ञानिकों ने भी मुहर लगा दी है। हाल ही में हुए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि ऊंचे लक्ष्यों वाले महत्वाकांक्षी लोग अधिक संतोषजनक लाइफ जीते हैं जबकि कम उम्मीदों वाले लोगों के लाइफ के अंतिम दिन अक्सर दुख में बीतते हैं। वैसे मुझे भी ऐसा ही लगता है, सपनों को लेकर आपकी सोच क्या है, हमें जरूर बताईएगा। चलिए हम लोग सपने आगे देखेंगे, पहले ये सांग, जिसे हमने लिया रब ने बना दी जोड़ी फिल्म से, गीत के बोल हैं तुझ में रब दिखता है।

ललिताः इस गीत को सुनने की फरमाईश की है, ज़िला परभणी से चंदु कुलकर्णी, हेमलता, तेजस, राजस, सी आर कुलकर्णी आदि श्रोताओं ने।

अनिलः दोस्तो हम बात कर रहे थे सपनों की। सपनों के बारे में कैलिफोर्निया में दो प्रयोग किए गए। इनमें से एक प्रयोग में लोगों ने महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए थे जबकि दूसरे प्रयोग के लोगों के लक्ष्य रूढि़वादी थे। इसके बाद इन लोगों के लक्ष्य हासिल कर लेने पर उनमें संतोष का स्तर देखा गया। उन्होंने पाया कि जिन लोगों ने अपने ऊंचे लक्ष्य निर्धारित किए उन्हें दीर्घ काल में खुशियां मिलीं। है ना वाकई सपने देखने वाली बात। ललिता जी क्या आप को कभी सपने आते हैं?

ललिताः हां वैसे मैं भी कभी-कभी सपने देखती हूं।

अनिलः लेकिन क्या आपको कोई सपना याद है?

ललिताः नहीं सब भूल जाती हूं।

अनिलः हां वैसे अक्सर मेरे साथ भी ऐसा ही होता है, लेकिन मुझे कुछ कुछ ड्रिमस याद रहते हैं। चलिए दोस्तो अब आपको ड्रिमस की दुनिया से बॉलीवुड की ओर लिए चलते हैं। आजकल बॉलीवुड के स्टार सलमान के सितारे बुलंद हैं, एक तो अमेरिका में उनका ऑपरेशन हो चुका है, और वे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज भी हो गए हैं। वहीं उनकी फिल्म बॉडीगार्ड बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त धमाल मचा रही है, पहले हफ्ते में ही फिल्म ने सौ करोड़ कमाने का रिकार्ड कायम कर लिया है। सुना है कि सलमान आजकल न्यू यॉर्क में अपने एक दोस्त के घर आराम कर रहे हैं। वैसे यह पहला मौका था कि जब ईद और गणेश चतुर्थी के मौके पर सलमान अपने घर पर नहीं थे। ऐसे में, उन्होंने इन दोनों त्योहारों को काफी मिस किया। हालांकि फैमिली का कोई न कोई मेंबर लगातार उनके साथ रहा है, फिर भी वह खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं।

ललिताः कार्यक्रम का अगला गीत हमने लिया है फिल्म पत्थर के सनम से, गीत के बोल हैं कोई नहीं है फिर भी है। इस गीत को सुनना चाहते हैं गोला बाज़ार बक्सर से श्रद्धानंद आर्य, अभयानंद, परमानंद, रोहित व मोहित और जुगसलाई टाटानगर से इंद्रपाल सिंह भाटिया, इंद्रजीत कौर, साबो भाटिया, सिमरन, सोनक भाटिया, मनजीत, बंटी, जानी भाटिया, लाडो, मोनी, रश्मि भाटिया व पाले भाटिया आदि श्रोताओं ने।

अनिलः दोस्तो अब प्रोग्राम समाप्त होने वाला है, तो जाते-जाते सलमान के बारे में आपको कुछ और बता देते हैं। सलमान ने शाहरूख ख़ान को थैंक्स कहने के साथ-साथ उनकी फिल्म ' रा.वन ' के अपनी फिल्म से भी बड़ी हिट होने की दुआ मांगी है। इसके अलावा, उन्होंने अपने फ्यूचर प्लान्स में भी चेंज किया है। सल्लू ने बताया कि अब मैं 'बीइंग ह्यूमन' ब्रैंड पर फोकस करना चाहता हूं। 27 दिसंबर यानी मेरे बर्थडे पर हमारी प्लानिंग इसे इंटरनैशनल लेवल पर लॉन्च करने की है। मेरा सपना है कि इस प्रॉजेक्ट से कई बच्चों की जिंदगी संवर सके।

सांग, सोनी दे नखरे सोणे लगदे, फिल्म का नाम है पार्टनर।

अनिलः दोस्तो इसी गीत के साथ आपसे विदा लेने का समय आ गया है। आपसे फिर मुलाकात होगी अगले सप्ताह इसी समय इसी दिन। तब तक के लिए हमें आज्ञा दें। बाय-बाय, नमस्ते, शब्वा खैर, अलविदा।

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