अनिलः आपकी पसंद सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार। दोस्तो हम फिर आ गए हैं आपकी फरमाईश के गीत लेकर। हमें उम्मीद है कि आपको प्रोग्राम में पेश होने वाले गीत पसंद आ रहे होंगे।
ललिताः श्रोताओं को ललिता का भी नमस्कार। दोस्तो, कार्यक्रम की शुरूआत करते हैं दो रास्ते फिल्म के गीत के साथ। इसके बोल हैं बिंदिया चमकेगी, जिसे गाया है लता मंगेशकर ने। इसे सुनना चाहते हैं मऊनाथ भंजन से मज़हर अली अंसारी, रज़िया बेगम, राशिदा खातून, अबुबकर अली, सादिक, साजिद, सारिक व सारिम आदि श्रोता।
अनिलः दोस्तो आजकल बाज़ार में सोने के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन कभी सोने की चिड़ियां कहलाने वाले भारत में एक नदी है, जो सोना उगलती है। जी हां सोना बहता है उस नदी में। यह नदी है हरियाणा के यमुनानगर में। पुराने समय में इसे सोन नदी के नाम से जाना जाता था, जिसे अब लोग सोम नदी के नाम से पुकारते हैं। आज भी यह साबित कर रही है कि भारत सोने की चिड़िया ही नहीं, यहां की नदियों में सोना भी बहता है। इस नदी में आजकल पर्वत मालाओं से बहकर आने वाले पानी व रेत में सोना आ रहा, जिसे लोग निकाल में लगे हैं। सोना निकालने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बाकायदा ठेका दिया जाता है।
ललिताः अनिल जी मैं तो पहली बार सुन रही हूं कि किसी नदी में सोना भी बहता है।
अनिलः वैसे मुझे इस बारे में थोड़ा बहुत पता था, लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं थी। दोस्तो इसी से जुड़ा हुआ गीत हम पेश करने जा रहे हैं, जिसके बोल हैं सोना कितना सोना है, फिल्म का नाम है हीरो नंबर वन।
ललिताः दोस्तो मैं अब आपको इस नदी के बारे में कुछ और जानकारी देती हूं। इस नदी को प्राचीनकाल में सोन नदी के नाम से इसीलिए पुकारा जाता था कि इसमें सोने के कण बहकर आते हैं। यमुना नदी में गिरने वाली यह सोम नदी यमुनानगर के विभिन्न क्षेत्रों से गुजरते हुए खूब भारी तबाही मचाती है। लेकिन बाद में अपने साथ सोने के कण भी भारी मात्रा में बहाकर लाती है। सोमनदी से सोने के कण निकालने के लिए ठेकेदार अनुभवी लोगों को मजदूरी पर रखते हैं।
अनिलः हां तो हम बात कर रहे हैं सोने की। वैसे सोने को एकत्र करने का काम आसान नहीं होता। केवल मैनुअल व बड़े पारखी ढंग से ही यह काम किया जाता है। पारखी व्यक्ति पहले नदी की मिट्टी को चेक करता है कि कहां सोने के कण हैं। कहां कम हैं और कहां अधिक। उसके बाद वे अपने काम में जुट जाते हैं। नदी के साथ लगते गांव के सरपंच का कहना है कि उनके बुजुर्ग बताया करते थे कि कई कई ठेकेदारों ने काफी संख्या में आदमी सोने के कण निकाला करते थे। लेकिन अब सोने के कणों को निकालने वाले पारखी बहुत कम बचे हैं। हां तो दोस्तो, सोने की बात यहीं तक। अब प्रोग्राम का अगला गीत पेश करते हैं, जिसे हमने लिया है रॉकी फ़िल्म से, गीत के बोल हैं आ देखें जरा किस में कितना है दम। इस गीत को सुनने के ख्वाहिशमंद हैं शिवाजी चौक कटनी से अनिल ताम्रकार, अमर ताम्रकार, संतोष शर्मा, रज्जन रजक, राजू ताम्रकार, दिलीप वर्मा व रविकांत नामदेव आदि श्रोता।
ललिताः दोस्तो सुना है कि अब भारत में डेढ़ सौ रुपये का सिक्का भी इस्तेमाल किया जाएगा। भले ही डेढ़ सौ रुपये का नोट आपने न देखा हो, मगर सिक्का जरूर आपके हाथ में जल्दी आ सकता है। यह सिक्का रवींद्रनाथ टैगोर की 150 वीं जयंती पर भारतीय रिजर्व बैंक ने जारी किया है। पिछले दिनों इसे इंदौर में प्रदर्शित किया गया। इसे कोलकाता स्थित भारत सरकार के टकसाल में बनाया गया है।
अनिलः बताया जाता है कि यह सिक्का 35 ग्राम का है। इसमें 50 प्रतिशत चांदी, 40 प्रतिशत तांबे के अलावा पांच-पांच प्रतिशत निकिल व जिंक का इस्तेमाल किया गया है। इस सिक्के के ऊपरी हिस्से में अशोक चिह्न के अलावा ' सत्यमेव जयते ' दर्ज है। कुल मिलाकर ऊपरी हिस्सा अन्य सिक्कों जैसा ही है। मगर पिछले भाग पर रवींद्रनाथ टैगोर की फोटो है। साथ ही उनकी 150 जयंती का जिक्र किया गया है। हां तो दोस्तो इस बारे में आगे चर्चा करेंगे, पहले सुनते हैं ये गीत, इसके बोल हैं तुझसे नाराज नहीं ज़िंदगी हैरान हूं, फिल्म का नाम है मासूम। इस गीत को पसंद किया है कुरसेला तिनघरिया से ललन कुमार सिंह, प्रभा देवी, कुमार केतु, मनीष कुमार मोनू। वहीं इस गीत को एटा से सुनना चाहते हैं दीपक शाक्य, ज्योति शाक्य, अंकित, अशोक, विनोद व अजय शाक्य आदि श्रोता।
ललिताः बताया जाता है कि इस सिक्के को एक विशेष पुस्तिका में रखा गया है। इसमें रवींद्रनाथ टैगोर की कविता है और पांच रुपये का एक सिक्का भी है।
अनिलः सुना है कि आजकल आमिर ख़ान के भांजे इमरान कैटरीना की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। बावजूद इसके की कैटरीना ने उन्हें एक के बाद एक 16 थप्पड़ मारे। जी हां, आप बिलकुल सही सुन रहे हैं। कैट ने फिल्म के एक सीन के परफेक्ट टेक के लिए कई बार इमरान को थप्पड़ मारे। यशराज फिल्म्स के बैनर तले बनी फिल्म ' मेरे ब्रदर की दुल्हन ' में इमरान खान और कैटरीना कैफ एक साथ काम कर रहे हैं। इस बात को याद करते हुए कैटरीना हंसते हुए कहती हैं, " सीन के अनुसार मुझे इमरान को थप्पड़ मारना था और मैंने खुद को कैरेक्टर में डूबा लिया था। इसलिए मैंने उन्हें कई बार थप्पड़ मारे लेकिन ऐसा करने से सीन बहुत अच्छा हो गया है। बाद मे एक सीन में इमरान ने मुझे गलती से धक्का मार दिया तो मुझे लगा कि उन्होंने ऐसा बदला लेने के लिए किया है। हालांकि हमने शूटिंग को काफी इंजॉय किया और मुझे विश्वास है कि दर्शकों को यह फिल्म बहुत पसंद आएगी। "
ललिताः दोस्तो आप अगले सांग का वेट कर रहे हैं, हां तो पेश है ये गीत, बोल हैं मैं अगर कहूं, फिल्म का नाम है ओम शांति ओम। इसे सुनना चाहते हैं हाशिम आज़ाद, खैरून निंसा, रजिया खातून, बाबू अकरम, बाबू साज़िद, जां नशीन व गुल अफसा रानी आदि श्रोता।
ललिताः हां इस गीत से पहले हम बात कर रहे थे, कैटरीना व इमरान के बारे में। बताया जाता है कि कैटरीना और इमरान को ' मेरे ब्रदर की दुल्हन ' से पहले कई फिल्मों की पेशकश की गई थी लेकिन उनका दावा है कि साथ काम करने के लिए यह फिल्म दोनों के लिए असली अवसर थी। दोस्तो, हम प्रोग्राम के समाप्ति की ओर बढ़ रहे हैं, इसी के साथ लीजिए सुनिए अंतिम गीत, जिसे हमने लिया है फिल्म आशिक बनाया आपने फिल्म से, गीत के बोल हैं मरजांवा मिट जांवा।
अनिलः दोस्तो इसी गीत के साथ आपसे विदा लेने का समय आ गया है। आपसे फिर मुलाकात होगी अगले सप्ताह इसी समय इसी दिन। तब तक के लिए हमें आज्ञा दें। बाय-बाय, नमस्ते, शब्वा खैर, अलविदा।