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श्रोतावाटिका की चर्चा
2011-09-28 15:34:41

चंद्रिमाः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, आपका पत्र मिला कार्यक्रम में आपका स्वागत है। मैं हूं आप की दोस्त, चंद्रिमा।

विकासः और मैं हूं आपका दोस्त, विकास।

चंद्रिमाः विकास जी, आजकल हमारी पत्रिका श्रोता वाटिका का प्रभाव दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। वह न सिर्फ़ हमारी तरफ़ से श्रोताओं को देने वाला एक उपहार है, बल्कि भारतीय दोस्तों के बीच मित्रता का एक सेतु भी बन गया है।

विकासः जी हां। बहुत भारतीय दोस्त मौके पर इसे पढ़कर हमारे श्रोता बन गये। और बहुत श्रोताओं ने श्रोता वाटिका में कविता या लेख लिखकर हमारे साथ अच्छी दोस्ती स्थापित की है।

चंद्रिमाः हर बार जब श्रोताओं ने श्रोता वाटिका के नये अंक में अपने फ़ोटो या लेख देखे, तो उन की खुशी का ठिकाना न रहा। और हर महिने हमें पत्र या ई-मेल से श्रोताओं द्वारा भेजे गये फ़ोटो भी मिला।

विकासः अभी हाल में बिधुना भारत के वर्मा भाई रेडियो लिस्नर्स कल्ब के सदस्य और हैदराबाद पाकिस्तान के स्काई वेब लिसनर्स क्लब के श्रोता रफिक हबीब ने हमें बहुत फ़ोटो भेजा है।

चंद्रिमाः धन्यवाद के साथ साथ हम आप लोगों को यह सूचना देना चाहते हैं कि हमने श्रोता वाटिका के संपादक को आप लोगों का फ़ोटो सौंप दिया है। शायद अगले अंक में आप लोगों को इन्हें देखने को मिलेगा।

विकासः फोटो के अलावा कुछ श्रोताओं ने कविता भी भेजी है। जैसेः बालूघाट, पश्चिम बंगाल के बिधानचंद्र सान्याल ने हमें एक छोटी सी कविता भेजी। यह कविता इस तरह हैः जमाने से बहुत अलग हो आप, वो खुश किस्मत है जिसके करीब हो आप, हमारे लिए वो वक्त ही हसीन है, जब हमें याद कर दिल से मुस्कुरा लेते हो आप।

चंद्रिमाः उन के अलावा ढ़ोली सकरा, बिहार के दीपक कुमार दास ने भी एक लंबी कविता भेजी। शीर्षक है स्थाई शांति।

धन दौलत रटते रटते

खुद मीट जाओंगे

मनुष्य नहीं रह पाओगे।

दिल जिसको सौंपोगे

उस का प्यार पाओंगे,

सांसे होंगी सोना सोना

काला जीवन हो जाएगा

चांदी सोना हीरा नीलम

पत्थर के गर्भाधान सभी

मुट्ठी बांधे आने वाले

जाते में क्या ले जाओंगे।

धन दौलत जमा का अहंकार

प्राणों की स्थायी शांति नहीं

दैहिक अभाव की चमक दमक

वैदिक स्वभाव की कांति नहीं

प्रभु का उपनाम प्रेम केवल

है यही सृष्टि की बीज मंत्र

किसको कैसे समझाओंगे।

धन दौलत जड़ता प्रियता मन की

आत्मा का बंधन हो जाना

धन का आना जाना

खोया पाया दो शब्दों में

यह सारी राम कहानी है

जितने ज्यादा घबराओंगे।

धन दौलत रटते रटते

खूद मीट जाओगे

मनुष्य नहीं रह पाओंगे।

विकासः बहुत अच्छी कविता है। दोस्तो, अगर आपने भी कोई कविता लिखी है तो हमें जरूर भेजिए। लेकिन ध्यान रहे कविता आपकी मौलिक रचना होनी चाहिए।

चंद्रिमाः अच्छा, कविता से मज़ा लेने के बाद अब हम एक मधुर भारतीय गीत पेश करेंगे। गीत के बोल हैं धीरे चलना।

-------------------- गीतः धीरे चलना -----------------

विकासः मधुर गीत के बाद अब हम कुछ अच्छी खबरें सुनाएंगे।

चंद्रिमाः वह है अगस्त में हमारे ऑनलाइन खेल :रेलगाड़ी से ल्हासा तक यात्रा के विजेताओं के नामसूची।

विकासः जी हां। इस बार और दस सौभाग्यशाली लोगों को हमारी तरफ़ से उपहार मिलेंगे। उन के नाम क्रमशः हैं पश्चिम बंगाल से बिनिता सान्याल, हुगली पश्चिम बंगाल से सुभ्रजित राय, मिताली रेडियो लिसनर्स क्लब से देबाद्रिता पॉल, बक्सर बिहार से ब्रजेश कुमार पांडे, रामपुराफुल पंजाब से सीमा गर्ग, श्रीनिवास नगर हैदराबाद से के इश्वर राव, अंधेरी मुंबई से पंकज माहेश्वरी, शाहाबाद मरकंडा हरियाणा से मितुल कंसाल, विराटनगर नेपाल से अंजु रेगमी और लखनउ से शिव कुमार शुक्ला।

चंद्रिमाः मुबारक मुबारक। हम उक्त सभी लोगों को मुबारक देते हैं। और आशा है कि ज्यादा से ज्यादा श्रोता हमारे वेबसाइट पर आयोजित खेल पर ध्यान दे सकेंगे और इस में सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगे।

विकासः चंद्रिमा जी, कुछ श्रोताओं ने इस खेल के बारे में हमें कुछ पत्र भी भेजे हैं। हुगली, पश्चिम बंगाल के सुभ्रजीत राय ने हमें भेजे ई-मेल में कहा कि मैंने बहुत खुशी के साथ रेलगाड़ी से ल्हासा तक यात्रा ऑनलाइन खेल में भाग लिया। इस खेल से मैंने विश्व में सब से ऊंचे स्थल पर स्थित रेलवे यानि छिंगहाए-तिब्बत रेलवे के बारे में खूब जानकारियां प्राप्त कीं। इतना ज्ञानवर्द्धक ऑनलाइन खेल के आयोजन के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।

चंद्रिमाः विकास जी, मेरे पास भी एक पत्र है जिस में इस खेल की चर्चा की गयी। उत्तर प्रदेश के खान रेडियो लिस्नर्स कल्ब के अध्यक्ष अमानत उल्ला खान ने हमें भेजे ई-मेल में लिखा है कि सी.आर.आई. हिन्दी विभाग के सभी उदघोषक व उदघोषिका को मेरा प्यार भरा नमस्कार। हमारे कल्ब के सभी सदस्य नियमित रूप से आप लोगों के हर कार्यक्रम सुनते हैं। अधिकतर कार्यक्रम हमें अच्छे लगते हैं। इस के साथ मैं आप की वेबसाइट देखता हूं, और पढ़ता हूं। वेबसाइट में रखी गई समाचार, रिपोर्ट, जानकारी, सुन्दर तस्वीर बहुत अच्छा, ज्ञानवर्द्धक लगता है। और मैं सी.आर.आई. हिन्दी सेवा द्वारा आयोजित ऑनलाइन लेख में भाग लेने का प्रयास करूंगा।

विकासः इस के अलावा अमानत उल्ला खान ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि आजका तिब्बत कार्यक्रम में तिब्बत के पंचवर्षीय योजना, जो तिब्बत के सामाजिक, एकता प्रगति के विकास के बारे में ध्यानपूर्वक सुना। तिब्बत के अल्पसंख्यक जातियों के विकास के बारे में जानकारी महत्वपूर्ण लगी। संगीत कार्यक्रम में चीन का लोकगीत सुना मनमोहक लगा। सफल प्रस्तुति करने के लिये हार्दिक धन्यवाद।

चंद्रिमाः आप को भी धन्यवाद, अमानत भाई। रामपुराफुल पंजाब के अशोक गुप्ता ने वेब पर राय देते समय लिखा है कि प्रिय सी.आर.आई., रेलगाड़ी से ल्हासा तक यात्रा ऑनलाइन खेल, जिस में शिनिंग से ल्हासा तक का सफर हुआ, जिस में रेल मार्ग में आने वाले विविध प्रांतों की सुन्दर जानकारी मिली और मुझे भी यह रेल यात्रा करने का मोह उत्पन्न हुआ। इस खेल के आयोजन के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।

विकासः अच्छा, और कुछ पत्र पढ़ने से पहले अब हम उक्त सभी विजेताओं के लिये एक गीत पेश करेंगे।

चंद्रिमाः लीजिये सुनिये फ़िल्म slum dog millionaire का शीर्षक गीत जय हो।

------------------ गीतः जय हो --------------------

विकासः श्रोता दोस्तो, कार्यक्रम के अंतिम भाग में हम बिहार से आए दो पत्र पढ़ेंगे। एक है भागलपुर, बिहार के हेमंत कुमार का। पत्र के सब से पहले उन्होंने चीनी उच्चारण में नी हाओ लिखा है यानि हिन्दी में नमस्कार। इस के बाद उन्होंने 7 सितंबर को हमारे कार्यक्रम में प्रसारित दीपक कुमार दास जी की इन्टरव्यू की खूब तारीफ़ की, और कहा कि उन्हें यह इन्टरव्यू बहुत पसंद है। अंत में उन्होंने चीन के बारे में एक सवाल भी पूछा है कि चीन में कुल कितने अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं?चंद्रिमा जी, कृप्या आप इस सवाल का जवाब दीजिये।

चंद्रिमाः ठीक है। चीन में कुल मिलाकर 31 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। वे क्रमशः पेइचिंग, शांगहाए, क्वांगचो, येनथाए, शेनचेन, चीनान, छनतू, छांगछून, थ्येनचिन, डाल्येन, चेनचो, शनयांग, हारबिन, श्यामन, शीआन, छिंगडाओ, फ़ूचो, नानचिंग, छूंगछिन, ऊलूमची, हाएखो, नानछांग, खुङमिंग, छांगशा, चूहाए, वूहान, निंगबो, क्वेईलिंग, सानया व हांगचो तीस शहरों में स्थित हैं। क्योंकि शांगहाए एक बड़ा अंतर्राष्ट्रीय शहर है, इसलिये यहां दो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण किया गया है, उन के नाम हैं शांगहाए फूतुङ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और शांगहाई होंगछाओ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा।

विकासः हेमांत जी, अभी-अभी चंद्रिमा जी ने आप के सवाल का जवाब दिया। क्या आप संतुष्ट हैं?अगर आप इस के बारे में और कुछ जानना चाहते हैं, तो हमें पत्र भेजकर बताइये।

चंद्रिमाः जी हां। अब मैं बिहार से आए दूसरे पत्र को पढ़ूंगी। मझरिया मोतिहारी के रामबाबू कुमार ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि प्रिय सी.आर.आई. के सभी सदस्यो, कृप्या मेरा नाम व पता श्रोताओं के मेल लिस्ट में शामिल कीजिये, और ठीक समय पर मुझे पत्रिका व सी.आर.आई. से संबंधित सूचनाएं भेजिये। और मुझे कुछ ऐसे श्रोताओं के पते भी चाहिए, जिन्हें अन्य श्रोताओं से संबंध रखने की इच्छा भी होती है। अगर आप लोगों के पास ऐसे श्रोता हैं, तो मुझे बताइये।

विकासः राम बाबू जी, हमने आपका नाम व पता हमारे मेल लिस्ट में शामिल किया है। विश्वास है कि कुछ दिनों के बाद आप हमारी ओर से पत्रिका श्रोता वाटिका प्राप्त करेंगे। अगर आप अन्य श्रोताओं से दोस्ती बनाना चाहते हैं, तो आप हमारे वेबसाइट को देखें । क्योंकि इस में बहुत श्रोताओं ने अपने पते व ई-मेल पते के साथ राय देते हैं। आप इस के आधार पर उन्हें पत्र भेज सकते हैं।

चंद्रिमाः अच्छा, आज का आप का पत्र मिला कार्यक्रम यहीं तक समाप्त होता है। अब लीजिये सुनिये आप की आवाज़ ऑन लाइन।

-------------------- इन्टरव्यू :राजेश ------------------

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