चंद्रिमाः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। आप का पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी बहनों व भाइयों को मैं चंद्रिमा और मेरे साथी विकास का प्यार भरा नमस्कार।
विकासः नमस्कार। दोस्तो, बहुत खुशी के साथ आज हम फिर मिलते हैं आपके पसंदीदा कार्यक्रम में।
चंद्रिमाः कार्यक्रम में सबसे पहले हम सभी श्रोताओं को मध्य शरद् उत्सव की शुभकामनाएं देना चाहते हैं। क्योंकि इस हफ्ते के सोमवार को चीन का परंपरागत त्योहार मध्य शरद् उत्सव है। विकास जी, क्या आप कुछ जानते हैं इस उत्सव के बारे में?
विकासः जी हां। मैं बिल्कुल जानता हूं। मध्य शरद् उत्सव चीनी पंचांग के अनुसार हर वर्ष के आठवें महिने के 15 तारीख को मनाया जाता है। पुरातन समय में इस उत्सव पर चीन के सभी परिवार जन मिल-जुलकर चांद से प्रार्थना कर और मूनकेक खाकर इस त्योहार को मनाते थे। इस दिन भारतीय पंचांग के अनुसार पूर्णिमा होता है और चांद का आकार गोल और चमकीला होता है।
चंद्रिमाः जी हां। हालांकि आज के जमाने में बहुत कम लोग चांद से प्रार्थना करते हैं लेकिन मूनकेक खाने का प्रथा अभी भी प्रचलित है। विकास जी, क्या आपने मूनकेक खाया है?और क्या आप को यह पसंद है?
विकासः जी हाँ। चीन में रहते हुए मुझे पाँच साल हो गये हैं और कई बार मुझे अपने दोस्तों के साथ यह त्योहार मनाने का मौका मिला है। इस त्योहार पर लोग अक्सर अपने सगे-संबंधियों को मूनकेक उपहार के रूप में देते है। मूनकेक चावल का बना होता है तथा इसके अंदर विभिन्न प्रकार का मीठा पदार्थ डाला जाता है। इसका स्वाद मीठा होता है तथा आकार बिल्कुल चाँद की तरह गोल होता है शायद इसी कारण से इसे मूनकेक कहते हैं। चीन के विकास के साथ-साथ मूनकेक बनाने के तरिके में भी परिवर्तन आया है। बाजार में आजकल तरह-तरह के मूनकेक उपलब्ध हैं,जिनमें फ्रांसिसी पद्धति का बना मूनकेक बहुत प्रसिद्ध है। आजकल यहाँ पर आइसक्रीम से बना मूनकेक भी बहुत प्रचलन में है।
चंद्रिमाः मध्य शरद् उत्सव के सुअवसर पर हम सभी श्रोताओं को ये शुभकामनाएं देना चाहते हैं कि आप लोगों का भविष्य मध्य शरद् उत्सव की रात के चंद्र की तरह हमेशा रोशनीदार व पूरा होगा।
विकासः साथ ही मैं भी यह आशा करता हूं कि सभी लोग, चाहे वे स्वदेश में हैं या विदेश में, हर पूर्णचंद्र पर वे अपने दिल में सब से प्यारे व्यक्ति के साथ कुछ आनन्दमय समय बिता सकें।
चंद्रिमाः विकास जी, कुछ दिन पहले यानि 31 अगस्त को, मुस्लिम लोगों का एक बहुत महत्वपूर्ण त्योहार भी मनाया गया है।
विकासः जी हां, वह ईद है। पर चंद्रिमा जी, आप इस त्योहार पर इतना ध्यान क्यों दे रही हैं?
चंद्रिमाः क्योंकि बहुत श्रोताओं ने ई-मेल द्वारा हमें इस त्योहार की शुभकामनाएं दीं।
विकासः वाह, बहुत अच्छी बात है। किस-किस श्रोता ने हमें पत्र भेजा है?
चंद्रिमाः वे हैं कोआथ, रोहतास, बिहार के बेलाल खान। जोरहट आसाम के पृथ्वीराज पुरकायस्थ, पश्चिम पंगाल के रविशंकर बसु, भागलपुर बिहार के प्रियदर्शिनी रेडियो लिस्नर्स कल्ब के अध्यक्ष हेमंत कुमार व देवनंदन और बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के ग्रीन पीस डी एक्स क्लब के अध्यक्ष चुन्नीलाल कैवर्त।
विकासः भारतीय श्रोताओं के अलावा हैदराबाद पाकिस्तान के रफिक हबीबी, पंजाब पाकिस्तान के मलिक अमीर बख्शी, पट्टोकी पाकिस्तान के रियाज राजा, मुजफ्फरगढ़ पाकिस्तान के एस अब्बास ताकी मेहदी, राजशाही बांग्लादेश के ए के एम नुरूजमान, बोगरा बांग्लादेश के एम अब्दुल रज्जाक आदि ने भी हमें पत्र भेजकर ईद की हार्दिक शुभकामना दिया है।
चंद्रिमाः उक्त सभी श्रोताओं का बहुत बहुत धन्यवाद। आप लोगों का पत्र पढ़कर हमें बहुत खुशी हुई। विकास जी, और एक त्योहार आजकल चीन व भारत दोनों देशों में मनाया गया। और यह त्योहार एक विशेष व्यवसाय के लोगों के लिये स्थापित किया गया है। क्या आप जानते हैं उस त्योहार का नाम?
विकासः क्या आप शिक्षक दिवस की चर्चा कर रही हैं?
चंद्रिमाः बिल्कुल ठीक है। इस महिने की 10 तारीख को चीन में शिक्षक दिवस सभी स्कूलों में धूमधाम से मनाया गया। पर सुना है कि भारत में शिक्षक दिवस की तारीख चीन से अलग है। क्योंकि मुज़फ्फ़रपुर बिहार के हमारे श्रोता मुकेश कुमार ने हमें भेजे ई-मेल में शिक्षक दिवस के बारे में खूब जानकारियां दीं। इस पत्र में उन्होंने बताया कि भारत में यह दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है।
विकासः जी हां, मुकेश जी ने बिल्कुल ठीक कहा। और आपको शिक्षक दिवस के अवसर पर हमें इतनी अच्छी ई-मेल भेजने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।
चंद्रिमाः तो उक्त तीनों त्योहारों की खुशी मनाने के लिये अब हम एक मधुर भारतीय गीत पेश करेंगे। आशा है सभी लोग इसका मज़ा ले सकेंगे।
---------- भारतीय गीत -----------
विकासः अच्छा, मधुर गीत सुनने के बाद अब हम पत्र पढ़ने को जारी रखें। बंगलादेश के लोलोना लिसनर्स क्लब की हमारी श्रोता रोबिना अख्तर ने हमें भेजे ई-मेल में लिखा है कि आजकल मैंने ऑनलाइन से आप लोगों के कार्यक्रम सुने, जो बहुत अच्छा लगा। उदघोषक व उदघोषिका की आवाज़ बहुत साफ़ और मीठी है। मैंने हिन्दी वेब पेज को भी पढ़ा। इससे मैंने चीन, सी.आर.आई. और विश्व के बारे में खूब जानकारियां प्राप्त की हैं। इतनी अच्छी जानकारियां देने के लिये बहुत धन्यवाद।
चंद्रिमाः रोबिना जी हमें बहुत खुशी हुई कि आपको हमारा कार्यक्रम व वेबसाइट पसंद हैं। आशा है आप हमेशा इस पर ध्यान देंगी।
विकासः चंद्रिमा जी, इस साल सी.आर.आई. की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ है। बहुत श्रोता सी.आर.आई. को भारत में और प्रसार-प्रचार करने के लिये सक्रिय रूप से गतिविधि का आयोजन कर रहे हैं।
चंद्रिमाः जी हां, मेरे पास एक पत्र हैं, जिस में एक गतिविधि का परिचय दिया गया।
विकासः अच्छा, पढ़िये वह एक कौन सी गतिविधि है?
चंद्रिमाः राजशाही बांग्लादेश के ग्लोबल रेडियो फैन क्लब के अध्यक्ष मोहम्मद सलाउदीन दोलार ने हमें भेजे ई-मेल में लिखा है कि उन के क्लब ने सी.आर.आई. की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ की खुशी मनाने के लिये 14 अगस्त को सफलता के साथ एक गतिविधि आयोजित की। उसी दिन आयोजित एक सेमिनार में उन्होंने सी.आर.आई. के अतित व वर्तमान की चर्चा की। सी.आर.आई. के अंग्रेज़ी विभाग के मोनिटर मोह्म्मद अजिजुल आलम अल-अमीन ने मुख्य मेहमान के रूप में इस गतिविधि में भाग लिया। साथ ही उन्होंने एक छोटा सा प्रदर्शन का आयोजन भी किया। इस में सी.आर.आई. द्वारा श्रोताओं को भेजे गये विभिन्न उपहार दिखाये गये। कुछ विद्यार्थियों ने इस गतिविधि में भाग लिया। उन्होंने कहा कि सी.आर.आई. का पता चलने के बाद वे बहुत खुश हैं। और वे अभी से सी.आर.आई. के कार्यक्रम सुन रहे हैं।
विकासः सुनने में यह एक बहुत अच्छी गतिविधि है। सलाउदीन जी, अगर आप के पास इस गतिविधि के बारे में कुछ फ़ोटो हैं, तो हमें भी भेजिये, उसे हम अपनी पत्रिका श्रोता वाटिका में छापकर इस गतिविधि का परिचय दे सकेंगे।
चंद्रिमाः अच्छा विकास जी, अब हमारे पास कुछ बुरी खबरें भी हैं।
विकासः दिल्ली में स्थित हमारे श्रोता रवि शंकर तिवारी ने हमें भेजे ई-मेल में लिखा है कि केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम के अनुसार 7 तारीख की सुबह दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए एक विस्फोट में 11 लोग मारे गए हैं जबकि 91 लोग घायल हुए हैं। थोड़ी देर बाद दिल्ली फिर सामान्य हो गया है। बिल्कुल ऐसा शांत हो गया है जैसे कोई पहाड़ी शहर भारी वर्षा के तुरंत बाद शांत हो जाता है। सड़कें और गलियाँ 60 मिनट बाद ऐसी शुष्क हो जाती हैं जैसे कुछ भी तो नहीं हुआ है। वहीं बलास्ट के बाद मूसलाधार ख़ून और शव ऐसे गिरते हैं जैसे ओले पड़ रहे हों। शब्दकोश में शांति का न जाने क्या अर्थ है लेकिन भारत में एक शव से दूसरे शव गिरने के बीच का अंतराल शांति कहलाता है।
चंद्रिमाः इस पत्र में उन्होंने आतंकवादियों की निंदा करने के साथ साथ भारतीय सरकार और ख़ुफ़िया एजेंसियों से आतंकवादी दुर्घटना की रोकथाम करने की पूरी कोशिश करने का आग्रह भी किया है। उन के साथ हैं दिल्ली के श्रोता शाहिद आज़मी। उन्होंने अपने पत्र में यह लिखा है कि कब तक हम आतंकवाद के साये में जीते रहेंगे क्या इसका कोई हल नहीं है? दिल्ली धमाकों की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। 7 तारीख का धमाका राजधानी को हिला गया।
विकासः उन्होंने सच कहा कि दिल्ली में हुए इस विस्फोट ने सभी भारतीय लोगों को झकझोर दिया है। यहां हम सभी भारतीय लोगों, खास तौर पर इस विस्फोट से पीड़ित परिवारों को सांत्वना देते हैं, और सभी मृतकों के प्रति शोक प्रकट करते हैं।
चंद्रिमाः शायद जीवन तो ऐसा है, कभी खुशी कभी गम। आशा है भारतीय लोग जल्द ही दुख की छाया से मुक्त होकर नये खुशी जीवन का आलिंगन कर सकेंगे।
---------------- गीतः कभी खुशी कभी गम ------------------
विकासः अच्छा, आज का आप का पत्र मिला कार्यक्रम यहीं तक समाप्त होता है। आपको यह कार्यक्रम पसंद आया या नहीं हमें पत्र या इमेल भेजकर लिखें।
चंद्रिमाः जी हां, हम आप लोगों के पत्र पढ़ने की प्रतीक्षा में हैं। और अगले हफ्ते ठीक इसी समय यहां फिर मिलेंगे।
विकासः अब बारी है आप की आवाज़ ऑन लाइन कार्यक्रम।
चंद्रिमाः तो लीजिये सुनिये इस बार किस श्रोता कार्यक्रम में मौजूद होंगे।