जयपुर राजस्थान की उषा भारती जानना चाहती है कि चीन में विवाह का पंजीकरण होता है कि नहीं?
चीन में विवाह का पंजीकरण अनिवार्य है।जो जोड़ी विवाह करना चाहते हैं,उन्हें संबंधित रजिस्ट्रार दफ्तर में पंजीकरण कर विवाह का प्रमाण-पत्र लेने की जरूरत है।बिना ऐसा किए उन का विवाह कानून के लिए कोई मायने नहीं रखता है।मतलब है कि कानून उन के विवाह की रक्षा नहीं कर सकता।ऐसे में विवाह के बाद अगर जोड़ी में से किसी को क्षति पहुंची,तो उस की पीड़ा खुद उसे उठानी पड़ेगी और कोई भी उस की मदद नहीं कर सकेगा।
चीनी कानून में नागरिकों विशेषकर महिलाओं की अधिकारों व हितों का ध्यान रखते हुए विवाह का पंजीकरण निश्चित किया गया है।इस का उद्देश्य विवाह के नाम पर महिलाओ को धोखा देने,एक पत्नी के रहते दूसरी शादी करने,संपत्ति में पत्नी के अधिकार पर अनावश्यक विवाद,बच्चों के संरक्षण के उपेक्षा जैसी स्थिति को उत्पन्न होने से रोकना है।विवाह का कानूनी दस्तावेज हाथ में होने से गृहस्त्रियों को बड़ी राहत मिलता है।प्रमाण-पत्र उन के लिए तलाक की स्थिति में गुजारा भत्ता लेने या पति की मृत्यु के बाद पैतृक संपत्ति में हिस्से की खातिर अपनी हैसियत सिद्ध करने का प्रभावी काम आता है।
मऊनाथ भंजन उत्तर प्रदेश के नियाज अहमद अंसारी और उन के लिस्नर्स क्लब के सदस्यों का सवाल है कि चीन में मुसलमानों की संख्या कितनी है? क्या इन्हें लाउट स्पीकर से अज़ान देने और नमाज पढ़ने की आजादी है?
इस्लाम का प्रवेश चीन में आठवीं सदी के मध्य में अरब से हुआ था। चीन में इस का इतिहास कोई 1300 वर्ष पुराना है। चीनी मुस्लमान अधिकांशतः सुन्नी फ़िरक़े के हैं। चीन में ह्वई,वेइगुर, तातार, किरगिज. कजाख, उजबेक, तुंगश्यांग,साला और पाओ-आन आदि इसलाम समूह हैं, इन की कुल संख्या 1 करोड़ 70 लाख से अधिक है। इन जातियों के लोग मुख्य तौर पर सिंगच्यांग वेइगुर स्वायत प्रदेश, निंगश्यांग ह्वई स्वायत प्रदेश और कानसू,छिंगहाई और युननान प्रांतों में बसे हैं।चीन में इस्लाम धर्म के अनुयाइयों की संख्या सब से अधिक है।
जी हां चीन में मुसलमानों को लाउट स्पीकर से अजान देने और नमाज पढ़ने की पूरी आजादी है।चीन सरकार की धार्मिक नीति धर्मों पर लोगों के विश्वास और उन की सभी धार्मिक गतिविधियों का सम्मान करना है।
बेलटुकरी उड़ीसा के हमसागर नायक पूछते हैं कि कितने प्रतिशत चीनी लोग सिग्रेट पीते हैं?
भैय्या,इस का जवाब आप को आश्चर्य में डाल सकता है,क्योंकि लगभग एक चौथाई चीनी यानी 32 करोड़ से भी अधिक चीनी लोग सिग्रेट पीते हैं।यों धूम्रपान स्वयं उस का सेवन करने वालों के साथ उन के आसपास रहने वालों के स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदेह है। इस समस्या से चीन सरकार और समाज बहुच चिंतित हैं। इधर लोगों से यह लत छुड़ाने के लिए जोर-शोर से अभियान चल रहा है। सिग्रेट के विज्ञापन पर अंकुश लगा दिया गया है औऱ सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान पर पाबंदी। आशा की जा रही है कि सिग्रेट पीने वालों में कम से कम नए चेहरे नजर आएंगे।
उड़ीसा चाइनिस फ़्रेंत्स क्लब के अध्यक्ष हेमसागर नाइक ने अपने पत्र में पूछा कि चीन में गुलाब फूलों की खेती होती है और कितने किस्म की गुलाब फूलों की खेती होती है?
गुलाब कितना खूबसूरत औऱ सुगंधित है कि दुनिया में कोई ऐसा व्यक्ति शायद ही है,जो उसे पसन्द नहीं करता।पर अफसोस की बात है कि चीन में उस किस्म के गुलाब फूलों की खेती नहीं है,जो भारत और किसी दूसरे देश में मिलता है।हां,चीन में चाइनिस रोस नामक गुलाब की खेती जरूर होती है,जिसे चीन में मासिक फूल कहलाता है।चाइनिस रोस की सुगंध नहीं होती है और पंखुलियां छोटी हैं।आम तौर पर देखने में उस के और भारत में मिलने वाले गुलाब फूल के बीच बड़ा फर्क नहीं है।चीन के बाजार में जो सुगंधित लाल,पीले और पिक गुलाब बेचे जाते हैं,वे सब के सब विदेशो से आयातित हैं और उन के दाम भी ज्यादा हैं।