सीमापुरी दिल्ली के अनिल सिंह पूछते हैं कि क्या चीन में किडनी दिवस मनता है?
जी हां,चीन में किडनी दिवस मनता है।वास्तव में वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित एक दिवस है,जो हर साल नौ मार्च को मनाया जाता है।उस का पूरा नाम है विश्व किडनी दिवस।
इस दिवस के अवसर पर चीन में स्वास्थ्य व चिकित्सा जगत मीडिया के जरिए जनता को किडनी के स्वास्थ्य के प्रति सजग करता है।चीनी विशेषज्ञों के अनुसार दुनिया भर में किडनी फेल्योर के मरीजों की सख्या बढती चली जा रही है।तीव्र स्पर्धाओं से पैदा होने वाले दबाव और तनाव अधिकाधिक लोगों को इस बीमारी की चपेट मे लेने जा रहे हैं,सो लोगों को अपनी किडनी के स्वास्थ्य पर खासा ध्यान देना चाहिए और बार-बार उल्टी आने,भूख न लगने,शरीर पीला पड़ जाने,पैरों में सूजन आने और चलनें में सांस फूल जाने की हालत में जल्द ही विधिवत् अस्पताल जाकर ब्लड यूरिया टेस्ट करवाना चाहिए तथा नीम हकीम या झालाछाप किसित्सकों के यहां अपना समय जाया नहीं करना चाहिए,अन्यथा जान से हाथ धोना पड़ेगा।
किडनी फिल्योर के मरीरजों को बार-बार डायलिसिस पर रखना पड़ता है।उन का खून बार-बार बदला जाता है।बहुत लम्बे समय से जो मरीज इस बीमारी की चपेट में है उस की किडनी ट्रांसप्लांट भी करनी पड़ती है।ऐसा नहीं हा कि किडनी से संबंधित बीमारी सिकी एक आयु वर्ग में हो।दो साल का बच्चा,20 साल का युवा या फिर 80 साल का बुजुर्ग कोई भी किडनी संबंधी बीमारी से ग्रस्त हो सकता है।
नए सर्वेक्षण के अनुसार किडनी फेल्योर की सब से ज्यादा शिकार महिलाएं होती हैं,क्योंकि
महिलाएं अधिकतर उन्हें बीमारियों से ग्रस्त होती हैं,जो सीधे किडनी को प्रभावित करती हैं।डाँक्टरों का मानना है कि यूरिन इंफेक्शन के चलते महिलाएं सब से अधिक किडनी से संबंधित बीमारियों की चपेट में आती हैं।महिलाओं में यूरिन इंफेंक्शन की समस्या आम बात है।करीब 80 प्रतिशत लोग उच्च रक्तचाप के चलते किडनी के साथ-साथ दिल की बीमारी की गिरफ्त में आ जाते हैं।
अनिल सिंह यह भी पूछते हैं कि क्या चीन में भारतीय लोग हैं?
जी हां,चीन में भारतीय लोग जरूर हैं।खासकर इधर के चंद वर्षों में चीन-भारत संबंधों में तेज विकास के कारण चीन आने वाले भारतियों की सख्या बढती गई है।चीन के प्रमुख शहरों में भारतीय लोग या तो सांस्कृतिक,व्यापारिक व औद्योगिक संस्थाओं में काम करते हैं या उच्चशिक्षालयों में पढाते और पढते हैं।
फारबीसगंज बिहार के सुरेश कुमार सिंह जानना चाहते है कि चीन की कितनी प्रतिशत भूमि पर वन है? मऊ नाथ भंजन यू.पी के महबूब हसन और इर्शाद अहमद अंसारी का भी सवाल है कि चीन के किस प्रांत में सब से अधिक जंगल है?
चीन की कोई 14 प्रतिशत भूमि वनों से ढकी है।चीन में वनों का कुल क्षेत्रफल 13 करोड़ 30 लाख हेक्टर है और इस दृष्टि से वह दुनिया में पांचवें स्थान पर है,लेकिन प्रतिव्यक्ति के हिस्से में पड़ने वाले वन के औसत क्षेत्रफल के लिहाज से उसे विश्व में 119वां स्थान प्राप्त है।इसलिए चीन में वृक्षारोपण पर काफी जोर दिया जा रहा है।हर साल चीन मार्च के महीने में वृक्षारोपण दिवस मनाता है।इस मौके पर चलाए जाने वाले वनरोपण-अभियान के तहत बड़ी मात्रा में पौधे रोपी जा चुकी हैं।इस तरह चीन के मानवनिर्मित वनों का कुल क्षेत्रफल लगभग 3 करोड़ हेक्टर से अधिक हो गया है और हां इधर वनों की रक्षा के लिए कई कानून तथा अधिनियम भी बनाए गए हैं.
चीन के पूर्वोत्तर क्षेत्र में जंगल सब से अधिक है।इस क्षेत्र में तीन प्रांत स्थित है।उन में से किस में सब से ज्यादा जंगल है?यह साफ साफ बताना नामुमकिन है।ऐसा इसलिए क्योंकि इस क्षेत्र में चीन के एक ही लड़ी में पिरोए 3 प्रमुख पर्वत—छांगपाईशान,ताशिनआनलिंग और श्याओशिन--आनलिंग इन तीन प्रांतों से गुजरते हैं,बल्कि इन पर्वतों पर बराबरी रूप से अत्यंत बड़ी मात्रा में जंगल ढके हुए हैं।यह क्षेत्र चीन का सब से बड़ा प्राकृतिक वनक्षेत्र है।जिस की 3 करोड़ 9 लाख 40 हजार हेक्टर भूमि वनों से घिरी है।