बिलासपुर छत्तीसगढ़ के परस राम श्रीवास ने अपने पत्र में तीन सवाल पूछे हैं, जिन में से एक यह है कि चीन की हान जाति के इतिहास के बारे में जानकारी देने की कृप्या करें।
भाई जी, चीन की हान जाति चीनी राष्ट्र की सब से बड़ी जनसंख्या वाली मुख्य जाति है, जिस का लिखित इतिहास पांच हजार वर्ष पुराना है। विश्व के चार प्राचीनतम सभ्यता वाले देशों में से एक चीन के इतिहास के बारे में बताना मुश्किल है। असल में पिछले कई सालों में हमारी सीआरआई हिन्दी सेवा के साप्ताहिक कार्यक्रम यानी चीन का संक्षिप्त इतिहास में चीन के इतिहास के बारे में काफी विस्तार से जानकारी दी गयी है, यह कार्यक्रम व्यापक श्रोताओं को पसंद आया है। चीन के संक्षिप्त इतिहास में मुख्यतः चीन की हान जाति के बारे में बताया गया है। आप हमारे नियमित श्रोता है और आप को जरूर इस कार्यक्रम से जानकारी प्राप्त हुई है । फिर भी यहां मैं आप को हान जाति के इतिहास के बारे में कुछ शब्द कहूंगा।
चीनी राष्ट्र का लिखित इतिहास अब तक पांच हजार साल पुराना हुआ है। मोटी तौर पर चीनी राष्ट्र के इतिहास की श्रीगणेश ईसापूर्व 30वीं सदी के आरंभ से हुई। चीनी ऐतिहासिक ग्रंथों के अनुसार ईसापूर्व 30वीं सदी से लेकर ईसापूर्व 21वीं शताब्दी तक चीन पंच सम्राटों के शासन काल में था, उस काम के पांच सम्राट और तीन महाराजा चीनी राष्ट्र के पूर्वज माने जाते हैं। ईसापूर्व 2070 से लेकर ईसापूर्व 1600 तक चीन में शा राजवंश कायम हुआ, जिस में 18 राजा क्रमशः गद्दी पर बैठे। ईसापूर्व 1600 से लेकर ईसापूर्व 1045 तक चीन का सांग राजवंश काल रहा, जिस में 32 राजा हुए। ईसापूर्व 1046 से लेकर ईसापूर्व 256 तक चीन का चो राजवंश था, जिस के 39 राजा हुए। चो राजवंश के अंतिम काल से छिन सम्राज्य की स्थापना तक चीन युद्धरत काल से गुजरा था। ईसापूर्व 221 में चीन का पहला सामंती राजवंश स्थापित हुआ, लेकिन उस के केवल दो सम्राट हुए। ईसापूर्व 206 से लेकर ईस्वी 220 तक चीन का हान राजवंश रहा, इस के 25 सम्राट हुए। सन् 220 से 280 तक चीन का मशहूर त्रिराज्य काल रहा। त्रिराज्य काल के बाद चीन च्येन राजकाल में आया, जो सन् 265 से 420 तक जारी रहा। इस के बाद उत्तर दक्षिण राज्यकाल आया, जो सन् 420 से 589 तक था, इस दौरान चीन के उत्तर और दक्षिण में क्रमशः दस राज्य स्थापित हुए। वर्ष 581 में श्वुन राज्य ने चीन का पुनरेकीकरण किया और श्वुन राजवंश की स्थापना की, जो 618 तक चला।
श्वुन के बाद चीन में थांग राजवंश आया, जो तत्कालीन विश्व का सब से शक्तिशाली और समृद्ध सम्राज्य बन गया था। थांग राजवंश के कुल 23 सम्राट हुए। थांग के बाद चीन पंच राज्यों में बंटा हुआ, जो 907 से 960 तक रहा । सुंग राजवंश ने 960 में चीन का पुनः एकीकरण किया , सुंग राजवंश काल 960 से 1279 तक चला, इस के कुल 18 सम्राट हो गए। सुंग राजवंश के अंतिम काल में चीन में ल्याओ, चिन और मंगोल जाति का युन राज्य भी कायम हुए। अंत में मंगोल जाति के कुबेले खान ने चीन का एकीकरण कर युन राजवंश कायम किया, जो 1206 से 1368 तक चला। युन के बाद चीन में मिंग राजवंश का सम्राज्य कायम हुआ, जिस के 17 सम्राट हुए। मिंग के बाद छिंग राजवंश था, जो सन् 1616 से 1911 तक था और इस के 12 सम्राट हुए। वर्ष 1911 में चीनी पूंजीवादी क्रांति हुई और चीन में चीन गणराज्य स्थापित हुआ। चीन गणराज्य 1912 से 1949 तक ,जो चीनी कोमिंगतांग पार्टी के शासन में था। पहली अक्तूबर 1949 को चीन लोक गणराज्य की स्थापना हुई, जो अब तक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में हो रहा है।
खैर, परस राम श्रीवास जी, चीनी राष्ट्र का इतिहास संक्षेप में इतना बताया है, आशा है कि आप संतुष्ट है। आप के नए सवालों के इंतजार में हैं।
अब कोआथ बिहार के प्रमोद कुमार केशरी और सनोज कुमार केशरी के इस सवाल का जवाब कि चाइना रेडियो इंटरनेशनल में कितनी भाषा में प्रसारण होता है और हिन्दी सेवा का आरंभ किस साल और कहां से हुआ है।
भाइयो, सी आर आई इस समय 43 भाषाओं में प्रसारण करता है, जिन में 38 विदेशी भाषाएं हैं। रेडियो प्रसारण के अलावा सी आर आई से इंटरनेट पर 55 भाषाओं में वेबसाइट खोली गयी । सीआरआई की हिन्दी सेवा की तैयारी 1957 में हुई थी और 15 मार्च 1959 को इस का औपचारिक प्रसारण शुरू किया गया। अभी कुछ समय पहले हमारी हिन्दी सेवा ने अपनी 50वीं जयंति मनायी थी और इस के लिए एक भव्य समारोह भी आयोजित हुआ है। चीन के विभिन्न संबंधित विभागों और चीन स्थित भारतीय दूतावास के राजनयिकों ने समारोह में भाग लिया और हिन्दी सेवा की 50वीं जयंति पर हार्दिक बधाई दी थी । हमें विश्वास है कि आप को भी हिन्दी सेवा की 50वीं जयंति की खबर सुनी हो।