फु अर शहर विश्व में चाय की खेती व चाय की संस्कृति का प्रसिद्घ उद्गम स्थल होने के साथ-साथ विश्व प्रसिद्ध फु अर चाय का भी घर है। चीनी चाय परिसंचरण संघ ने वर्ष 2003 में औपचारिक रूप से फु अर को चाय शहर से नामकरण किया। यह शहर प्राचीन चाय-घोड़ा मार्ग का उद्रगम-स्थल है, जिसका इतिहास 1800 साल पुराना है। फु अर चाय की संस्कृति विश्व प्रसिद्ध है। इस साल मार्च में फु अर शहर ने राष्ट्रीय हरित आर्थिक परीक्षण क्षेत्र का निर्माण शुरू किया। फु अर में चाय व कोफी आदि हरित उद्योगों की आय जी.डी,पी के 90 प्रतिशत भाग से भी अधिक रही है। यहां पर थिएशीली व खांग एन बेई आदि प्रसिद्ध जैव उपक्रमों की स्थापना की गई है, जिससे इस शहर में औद्योगिक आधार निश्चित हुआ है।
फु अर क्षेत्र में अल्पसंख्यक जातियों के लोगों की संख्या 14 लाख 40 हजार है, जो कुल जनसंख्या का 61 प्रतिशत है। इस क्षेत्र में हानी, यी, ताई, लाकू, वा, पुलांग और याओ आदि कुल 36 अल्पसंख्यक जातियां हैं, जिनमें से 14 जातियों के लोग कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं। जातिय संस्कृति विविधतापूर्ण है। यहां पर सीमा क्षेत्रों की रंगारंग सभ्यता और संस्कृति दिखाई पड़ती है। यही फु अर शहर की विशेषता है।
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