Web  hindi.cri.cn
ताली का सौंदर्य
2011-12-28 16:13:09

दोस्तो, प्राचीन चाय-घोड़ा मार्ग पर श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रम का दूसरा भाग लेकर इस कार्यक्रम में फिर से उपस्थित हूं। जैसा कि आप सभी जानते हैं, हाल ही में सी आर आई द्वारा आयोजित चीन के सर्वश्रेष्ठ शहरों के चुनाव में पूरे विश्व के नेटिजनों द्वारा युननान प्रांत के ता ली शहर को भी सर्वश्रेष्ठ शहर का दर्जा दिया गया है। ता ली शहर भी प्राचीन चाय-घोड़ा मार्ग पर स्थित एक प्राचीन शहर है। यह शहर युननान प्रांत के पश्चिम भाग में स्थित पाय अल्पसंख्यक जाति का शहर है। आज से एक हजार से अधिक साल पहले, चीन के प्रसिद्ध थांग राजवंश के समय में यह शहर युननान का केंद्र था। आज का ता ली शहर भी अपनी सुंदरता को समेटे हुए, पाय अल्पसंख्यक जाति के मनमोहक रीति-रिवाजों व समृद्ध संस्कृति से सरोबार, चीन का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बना रहा है।

पवित्र मंदिर के तीन पगोडा ता ली शहर के ऐतिहासिक प्रतीक के साथ-साथ दक्षिणी चीन का सबसे प्राचीन भव्य वास्तु निर्माण है। मुख्य पगोडा का निर्माण लगभग एक हजार साल पहले थांग राजवंश में हुआ था। मुख्य पगोडा के बगल में दो सहायक पगोडा हैं जिनका निर्माण भी बहुत पहले यानी थांग राजवंश के बाद सुंग राजवंश के काल में किया गया था। इन तीनों पगोडों की निर्माण शैली थांग राजवंश की राजधानी छांग आन में स्थित वृहत येन पगोडा और छोटा येन पगोडा से मिलती-जुलती है। इस पगोडा के पीछे छांगशान नामक पहाड़ है जिसपर बारहों माह चारों ओर हरियाली का चादर फैला हुआ दिखाई देता है तथा हरे भरे पर्वतों के ऊपर सफेद सफेद बादल छाया रहता है, वहीं इस पगोडा के सामने एक विशाल झील है जिसका नाम है अर हाय । अर हाय झील का स्वच्छ पानी देखने में ऐसा लगता है जैसा सूर्य की रोशनी में दूर दूर तक चांदी की लम्बी परत बिछी हो। ये तीनों पगोडा ता ली आने वाले पर्यटकों के लिए देखने लायक एक अनिवार्य पर्यटन स्थल है। इस के बारे में स्थानीय पाय जाति के गाईड ली मिंग ने परिचय देते हुए कहाः

तीन पगोडा ता ली का प्रतीक है, क्योंकि ता ली में स्थित यह सबसे पुरानी इमारत है, साथ ही साथ दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में स्थित सबसे प्रसिद्ध तिकोना पगोडा समूह है। पाय जातीय आबादी क्षेत्र में पाय जाति का रीति-रिवाज और संस्कृति बहुत प्रसिद्ध है। पाय जाति आबाद क्षेत्र के आवास बड़ी संख्या में देश-विदेश के प्रसिद्ध अन्वेषकों व विशेषज्ञों को प्राचीन आवास व जातीय रीति-रिवाजों पर अनुसंधान के लिए आकर्षित करते हैं।

ता ली में तीन पगोडा के अलावा, बहुत सारे प्राकृतिक मनोहारी परिदृश्य हैं, जो दुनिया के हरेक कोने से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। पेइचिंग से श्रीमान् चोउ विशेषरूप से ता ली के वर्ष 2011 अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में भाग लेने आए हैं। उन्होंने कहा कि ता ली का प्राकृतिक सौंदर्य बहुत लुभावना है, जनजाति के रीति-रिवाज लोगों को आकर्षित किए बिना नहीं रह सकते, यहां पर्यावरण का संरक्षण भी अव्वल दर्जे का है।

ता ली की सुंदरता लाजवाब है। ता ली के जनजातीय रीति-रिवाज में विशेष पहचान व आकर्षण है, पाय जाति का गाँव अत्यन्त खूबसूरत है, इसके अलावा यहां की प्राकृतिक सुंदरता, सभी मनमोहक है। यहां के लोग अतिथि का स्वागत सत्कार बहुत सौहार्द के साथ करते हैं, वे मेहमाननवाज है, सीधे सादे हैं और ईमानदार हैं। चीन में ऐसी जगह बहुत कम देखने को मिलती है। मैंने भी ता ली की आवासीय व्यवस्था को देखा है। आम लोगों का आवासीय व्यवस्था बहुत आरामदायक है।

ता ली का सबसे मशहूर प्राकृतिक परिदृश्य छांगशान पहाड़ और अर हाय झील है। ता ली प्राचीन शहर के पश्चिम में छांग शान पहाड़ खड़ा है, जिस पर 19 पहाड़ी चोटियां हैं, वहां के बर्फ, बादल और फव्वारे बहुत प्रसिद्ध हैं। गर्मियों में भी नहीं पिघलने वाली बर्फों से आच्छादित छांग शान पहाड़ ता ली के चार प्रसिद्ध प्राकृतिक परिदृश्यों में से सब से श्रेष्ठ है।

ता ली प्राचीन शहर के पूर्व में प्रसिद्ध अर हाय झील स्थित है। पठार पर लेटी यह झील उत्तर से दक्षिण तक लंबाई में 40 किलोमीटर है और इसका कुल क्षेत्रफल 240 वर्ग किलोमीटर है। यह चीन की गहरा पानी वाली प्रसिद्ध पठारीय झील है। इस झील का पानी गहरा है, पानी स्वच्छा और अत्यन्त पारदर्शी है देखने में वह एक विशाल आइने की भांति चमकती है। जब पर्यटक इस झील में नौका की सवारी करते हैं तो ऐसा लगता है जैसे किसी पेंटिंग में विहार करते हो। नाव से पानी के अंदर झांकने पर झील के तल तक की वस्तुओं को साफ साफ देखा जा सकता है। श्रीमान् चोउ ने इस झील की सुंदरता के बारे में बताते हुए कहाः

मैं इस झील के स्वच्छ पानी से सबसे ज्यादा प्रभावित हूँ। यहां पर झील की जलराशि की रक्षा भली-भांति की गई है। पानी बहुत स्वच्छ और स्पष्ट है। इस झील को देखने के बाद मुझे वर्ष 1996 में देखे गए खुनमिंग शहर की त्यान झील की याद आयी है। उस समय त्यान झील भी इतनी ही सुंदर और स्वच्छ था, पर आज वह ऐसी नहीं रही। इसलिए मेरी आशा है कि इस झील की जलराशि को अच्छी तरह संरक्षित किया जाएगा।

ताली शहर में अर हाय झील और छांग शान पहाड़ के अलावा, इस शहर का सदियों पुराना इतिहास भी जानने लायक है। ताली प्राचीन शहर में अभी पुरानी दीवारें व परकोटे सुरक्षित हैं, शहर में प्राचीन इमारतें, शहर के अंदर पुरानी पत्थरों की बनी गलियां, मकान, मकानों के पिछवाड़े और आगे-पीछे गुजरती हुई छोटी-छोटी नदियां। इस में जीवन की शक्ति के लिए सब से अच्छा प्रमाण सिर्फ यहां आनेवाले पर्यटक ही दे सकते हैं। यहां के जीवंत वातावरण का वर्णन पर्यटक अपनी जबानी में कहते नहीं थकते।

प्राचीन ताली शहर में विदेशी लोगों का निवास स्थान भी है। विभिन्न देशों की संस्कृति वाली रेस्तरां, बार आदि देखने से ऐसा लगता है जैसे विदेशी संस्कृति भी पूर्व के इस प्राचीन शहर की संस्कृति में समाविष्ट हो गई है, जिससे यहां पर एक विविधतापूर्ण संस्कृति वाले माहौल का निर्माण होता है। यह भी एक अद्भुत दृश्य होता है जिससे सभी लोग मोहित हो जाते हैं। ताली मेडिकल कॉलेज में मेडिकल साइन्स की पढ़ाई कर रहे नेपाल का एक छात्र रोशन कुमार झा छुट्टियों में अपने दोस्तों के साथ अक्सर यहां की सैर करते हैं। इस प्राचीन शहर के इतिहास से रूबरू होते हैं। उस का कहना हैः

मैं यही कहना चाहूंगा कि ताली बहुत सुंदर है। मुझे यह जगह बहुत पसंद है। मुझे ताली में मेडिकल साइंस की पढ़ाई करने का अवसर मिला, इस पर मुझे गर्व है। सी आर आई के दोस्तों से मिलकर बहुत अच्छा लगा है।

दोस्तो, आज का कार्यक्रम यहीं समाप्त होता। अब विकास को आज्ञा दीजिए। लेकिन रेडियो बंद मत किजिए क्योंकि कार्यक्रम के अंत में हम आपके लिए लेकर आए हैं ताली का स्थानीय मधुर संगीत।

आप की राय लिखें
Radio
Play
सूचनापट्ट
मत सर्वेक्षण
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040