पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ 18 फ़रवरी को पहली बार आदालत में पेश हुए। मुशर्रफ़ पर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है।
मुशर्रफ़ के वकील ने अदालत से पूछा कि क्या अदालत को इस मामले पर मुकदमा चलाने का अधिकार है? कारण यह है कि वर्ष 2007 में मुशर्रफ़ ने पाकिस्तान की थलसेना के चीफ़ कमांडर के रूप में आपात स्थिति लागू की थी, उनका मुकदमा सैन्य अदालत में चलाया जाना चाहिये।
अंत में अदालत ने मुशर्रफ़ के विरुद्ध आरोप-पत्र पेश नहीं किया। अदालत के अनुसार इस हफ़्ते इस मामले पर विशेष अदालत के अधिकार के बारे में फ़ैसला किया जाएगा।
वर्ष 2007 के नवंबर में पाक राष्ट्रपति और चीफ़ कमांडर मुशर्रफ़ ने आपात स्थिति लागू करने की घोषणा कर करीब 60 न्यायाधीशों को बरखास्त कर दिया था, इस कार्रवाई द्वारा संविधान का उल्लंघन देखा गया है। पाक सरकार ने पिछले साल 17 नवंबर को मुशर्रफ़ के खिलाफ़ देशद्रोह के आरोप में मुकदमा चलाया। मुशर्रफ़ पर अगर देशद्रोह का आरोप साबित होता है, तो उन्हें मौत या उम्रकैद की सज़ा दी जा सकती है। (लिली)