भ्रष्टाचार विरोधी बिल (लोकपाल बिल) पारित न होने से नाखुश दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 14 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस तरह 49 दिनों तक मुख्यमंत्री रहे केजरीवाल फिर से आम आदमी बन गए हैं।
अरविंद केजरीवाल ने ले.गवर्नर को सौंपे इस्तीफे में कहा कि कांग्रेस और भाजपा द्वारा लोकपाल बिल का विरोध करने की वजह रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के अध्यक्ष, भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के आरोपों के खिलाफ़ बदला लेना है।
इससे पहले अरविंद केजरीवाल समेत आप के सदस्यों ने मुकेश अंबानी और सरकार पर गैस की कीमतों में ग़ड़बड़ी करने का आरोप लगाया था। इस्तीफे में अरविंद केजरीवाल ने सरकार से दिल्ली विधान सभा भंग करके फिर एक बार चुनाव करवाने की मांग की थी।
हालांकि अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दिया, लेकिन यह आप की असफलता नहीं है। व्यापक भारतीय नेटिजनों ने अरविंद केजरीवाल को संवेदना देते हुए कहा कि कांग्रेस और भाजपा जान-बूझकर केजरीवाल का विरोध करते हैं। इसलिए अगले मई में आयोजित होने वाले आम चुनाव में व्यापक बदलाव की संभावना है।
(ललिता)