चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ह्वा छुनयिंग ने 12 फरवरी को पेइचिंग में कहा कि चीन ने जापानी नेता से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और जापान में न्याय आवाज सुनने का आग्रह किया है, ताकि वे वास्तविक कार्रवाई से एशिया के पड़ोसी देशों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का विश्वास जीत सकें।
दक्षिण कोरिया की यात्रा पर गए जापान के पूर्व प्रधानमंत्री मुरायामा टोमीची ने 11 फरवरी को दक्षिण कोरिया में कहा कि मुरायामा का भाषण जापान के लिये आगे बढ़ने का आधार है। कोई व्यक्ति इसे नहीं ठुकरा सका। अगर जापान विकास प्राप्त करना चाहता है, तो उसे एशियाई देशों का विश्वास प्राप्त करना होगा। ठीक उसी दिन मुरायामा तीन कफर्ट वुमन से भी मिले।
इसके प्रति ह्वा छुनयिंग ने कहा कि जापानी नेता ने ऐतिहासिक मामले पर नकारात्मक कार्रवाई की है। जिससे न सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का कड़ा विरोध और निंदा हुई है, बल्कि जापान में ज्यादा से ज्यादा शांति प्रेमियों ने भी इसकी आलोचना की है। उन्होंने बल देकर कहा कि जापान के सैनिक शासन के दौरान आक्रमण और औपनिवेशिक इतिहास पर सही रुख अपनाना युद्ध के बाद जापान और एशियाई देशों के बीच संबंधों का पुनर्निर्माण करने और भविष्य में संबंधों का विकास करने का महत्वपूर्ण आधार और पूर्वशर्त है।
चंद्रिमा