अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी ने स्थानीय समयानुसार 11 फरवरी को सोची में यह घोषणा की कि भारतीय ओलंपिक कमेटी पर प्रतिबंध उठा लिया गया है, और उसे अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी का सदस्य बनने का मौका फिर से मिला है।
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी के इतिहास में यह पहली बार है कि ओलंपिक के दौरान किसी सदस्य पर प्रतिबंध उठाया गया है।
ओलंपिक कमेटी का सदस्य न होने के कारण तीन भारतीय खिलाड़ियों को स्वतंत्र खिलाड़ी के रूप में सोची शीतकालीन ओलंपिक में भाग लेना पड़ा। लेकिन अब वे भारतीय ओलंपिक कमेटी की ओर से खेल सकेंगे। ओलंपिक के समापन समारोह में भारतीय ध्वज उठाकर व्यायामशाला में प्रवेश कर सकेंगे। साथ ही सोची ओलंपिक गांव में एक विशेष समारोह भी आयोजित होगा, यानी भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराने का समारोह।
बीते वर्ष भारतीय ओलंपिक कमेटी ने अध्यक्ष के चुनाव में ओलंपिक चार्टर का उल्लंघन किया था, जिससे उसके अधिकार छीन लिये गए थे। इस वर्ष 9 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी के प्रतिनिधि की निगरानी में भारतीय ओलंपिक कमेटी ने फिर एक बार चुनाव किया। विश्व स्क्वाश संघ के अध्यक्ष नारायण रामचंद्रन कमेटी के नए अध्यक्ष बने हैं।
चंद्रिमा