अगर भारत में सुप्रीम कोर्ट समुद्री डाकुओं और आतंक विरोधी कानून के अनुसार दो भारतीय मछुआरों को गलती से मारने वाले इटली के नौ सैनिकों सजा देता है, तो भारत और इटली व यूरोपीय संघ संबंधों को नुकसान पहुंचेगा। इसके साथ साथ वैश्विक समुद्री डाकू विरोधी कार्रवाई पर भी बुरा असर पड़ेगा। इटली सरकार ने 10 फरवरी को यह बात कही।
इटली के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि इटली आतंक प्रभावित देश नहीं है। भारत के निर्णय से इटली की प्रभुसत्ता संपन्न देश की मर्यादा को नुकसान पहुंचेगा। इटली के प्रधानमंत्री एनरिको लेट्टा ने ट्विटर पर कहा कि भारत का फैसला अस्वीकार्य है। यूरोपीय संघ ने भी इटली के रवैये का समर्थन किया।
गौरतलब है कि फरवरी 2012 में इटली की नौसेना के दो सैनिकों ने समुद्री डाकू विरोधी अभियान के दौरान दो भारतीय मछुआरों को मार डाला। 7 फरवरी 2014 को भारत ने समुद्री डाकू और आतंकवाद विरोधी कानून के अनुसार 10 फरवरी को अंतिम निर्णय करने को कहा। इटली ने इसका कड़ा विरोध किया। बताया जाता है कि भारत ने अंतिम सुनवाई 18 फरवरी तक स्थगित करने की घोषणा की है।
(ललिता)