जर्मन विदेश मंत्री फ्रैंक वाल्टर स्टीन्मीयर ने 9 फरवरी को सरकारी घोषणा के बिना अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई से मुलाकात की।
स्टीन्मीयर की वर्तमान अफगानिस्तान यात्रा का उद्देश्य करजई के साथ नाटो व अफगानिस्तान के बीच शांति मिशन समझौते पर विचार करना है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा समझौते पर निर्णायक प्रभाव नहीं डालेगी। लेकिन उन्हें आशा है कि बर्लिन व काबुल के अच्छे संबंध दोनों पक्षों के बीच विचार-विमर्श का पुल बनेंगे। उन्होंने करजई से समझौते पर हस्ताक्षर करने का आग्रह भी किया।
नाटो की योजना के अनुसार सेना हटने के बाद वर्ष 2015 में नाटो अफगानिस्तान की सरकारी सेना को प्रशिक्षित करने के लिए 8 हजार से 12 हजार सैनिक भेजेगा। साथ ही नाटो ने अफगानिस्तान को 5 अरब अमेरिकी डॉलर की आर्थिक सहायता देने का वादा किया।
(मीनू)