पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर के प्रभुसत्ता के विवादों पर अमेरिका दोनों पक्षों के लिये समान रुख अपना रहा है। अमेरिका ने साथ ही ये भी कहा है कि इन क्षेत्रों के विभिन्न देशों को संयम बरतकर वार्ता का माध्यम अपनाए रखना चाहिये। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एशिया-प्रशांत मामलों से जुड़े सहायक मंत्री डैनियल रसेल ने 5 फरवरी को वॉशिंगटन में यह बात कही।
रसेल के अनुसार अमेरिका एशिया-प्रशांत क्षेत्र में समुद्र और प्रादेशिक भूमि को लेकर हुए तनाव से चिंतित है। उन्होंने कहा कि पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में विश्व व्यापार और ऊर्जा के लिये महत्वपूर्ण क्षेत्र है। साथ ही इस क्षेत्र में जापान, दक्षिण कोरिया और चीन समेत विश्व के महत्वपूर्ण आर्थिक समुदाय भी मौजूद हैं। एक गलत निर्णय या घटना से पूरी स्थिति में बदलाव की आशंका है।
रसेल के अनुसार संबंधित देशों को संयम रखकर इन विवादों का शांतिपूर्ण समाधान करना चाहिये।
रसेल ने बताया कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में दलों की आचार संहिता की घोषणा करने के लिये आसियान और चीन के प्रयासों का समर्थन करता है। साथ ही अमेरिका चीन-जापान संबंधों में आए तनाव से चिंतित है। विश्व के दूसरे और तीसरे बड़े आर्थिक समुदाय होने के नाते स्थिर वातावरण से चीन और जापान को ही लाभ मिलेगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने हाल ही में कहा कि वे इस महीने चीन की यात्रा करेंगे। ठोस परियोजना की जानकारी नहीं दिये जाने पर भी अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 5 फरवरी को बताया कि क्षेत्रीय समुद्री रक्षा मामले पर भी चर्चा की जाएगी। (लिली)