2014 अंतर्राष्ट्रीय थलसेना, जलसेना और घरेलू सुरक्षा उपकरण मेला (डिफ़ेन्स एक्सपो) 6 फरवरी को दिल्ली में उद्घाटित हुआ, जिसमें कई सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय हथियार उत्पादक भाग ले रहे हैं। साथ ही भारतीय स्वेदशी युद्ध सामग्रियों पर भी लोगों की नज़रें टिकी हैं।
आठवें भारतीय डिफ़ेन्स एक्सपो में रूसी रक्षा उद्योग की निर्यात कंपनी, अमेरिका की लॉक्हीड मार्टिन कंपनी और फ़्रांस के डेसॉल्ट ग्रुप समेत 30 से ज़्यादा देशों से आये 600 से अधिक हथियार उत्पादक उद्यमी हिस्सा ले रहे हैं। भारत के सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्ता रूस की ओर से 37 कंपनियां इस मेले में आई हैं।
पिछले कुछ वर्षों में भारत ने सैन्यीकरण बढ़ाने के लिये बड़े पैमाने पर आधुनिक हथियारों की खरीदारी की है। इस समय भारत दुनिया में हथियारों का सबसे बड़ा आयातक देश बन चुका है। स्टॉकहोम अंतर्राष्ट्रीय शांति अनुसंधान के अनुसार वर्ष 2008 से 2012 तक भारत द्वारा आयातित हथियार विश्व में आयातित हथियारों का 12 प्रतिशत हैं। वहीं दूसरी तरफ़ वर्ष 2014 में भारतीय वित्त मंत्रालय ने रक्षा बजट को कम किया है, भारतीय रक्षा मंत्रालय की कई मुख्य खरीदारी योजनाएं देरी से पूरी की जाएंगी। भारत के 2013-2014 वार्षिक बजट में रक्षा के लिये 20 खरब 36 अरब रुपये की राशि दी गयी है, जो भारत के घरेलू उत्पादन मूल्य का सिर्फ़ 1.8 प्रतिशत ही है। (लिली)