जापानी मीडिया संस्था एनएचके के एक उच्चस्तरीय अधिकारी नाओकी ह्याकुटा ने 3 फरवरी को सार्वजनिक रूप से नानजिंग नरसंहार घटना से इन्कार किया है। इतिहास मामले पर वे फिर एक बार झूठ बोल रहे हैं।
नाओकी ह्याकुटा ने 3 फरवरी को टोक्यो की एक सड़क पर भाषण देते हुए नानजिंग नरसंहार घटना से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना ने टोक्यो पर हवाई हमला किया था और हिरोशिमा, नागासाकी पर परमाणु बम गिराए थे, वो नरसंहार है। इससे गंभीर और दुखद युद्ध अपराध कोई नहीं है।
इस बारे में जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव सुगा योशिहिदे ने 4 फरवरी को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ये कथन नाओकी ह्याकुटा का व्यक्तिगत बयान है। लेकिन दूसरी तरफ़ जापानी कोमेइ पार्टी के अधिकारी ने कहा कि नाओकी ह्याकुटा का कथन बहुत खतरनाक है।
25 जनवरी को कात्सुटो मोमिई ने अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वर्तमान के नैतिक विचारों के तहत "कंफ़र्ट विमिन" वेश्यालय प्रणाली का मामला गलत है। लेकिन इसके बाद उन्होंने यह कहा कि जो देश युद्ध में उलझे हुए थे, उनकी सेना के साथ कंफ़र्ट विमिन ले जायी जाती थीं। इस मामले में उन्होंने फ़्रांस और जर्मनी के नाम भी लिये। बाद में उन्होंने अपने इस बयान के लिए माफ़ी मांगी। (मीनू)