इस्लामाबाद स्थित भ्रष्टाचार विरोधी अदालत ने 3 फरवरी को फिर से ज़रदारी के खिलाफ़ राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान संदिग्ध भ्रष्टाचार के आरोप पर मुकदमा चलाया। मुकदमे में ज़रदारी द्वारा दिलाये गये दया याचिका को खारिज किया गया है।
उस दिन ज़रदारी के सलाहकार, पाकिस्तान के पूर्व न्यायमंत्री फ़ारूख नायक ने ज़रदारी की ओर से अदालत में पेश होते हुए ज़रदारी पर लगे भ्रष्टाचार समेत 5 आरोपों के लिये दया याचिका की अपील की। फ़ारूख़ के अनुसार ज़रदारी के विरुद्ध आरोपों के लिये मज़बूत सबूत और गवाह नहीं हैं और अदालत को उन्हें आरोपों से बरी करना चाहिये।
उधर पाकिस्तान के नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो (एन.ए.बी.) ने अदालत से ज़रदारी की दया याचिका को खारिज करने की आपील की है। एन.ए.बी. के अनुसार ज़रदारी के खिलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप 90 के दशक से भी पुराने हैं, जब ज़रदारी की स्वर्गीय पत्नि बेनज़ीर भूट्टो पाकिस्तान की प्रधानमंत्री के पद पर काबिज़ थीं।
ज़रदारी पर लगे भ्रष्टाचार के मामले में अगले दौर का मुकदमा 24 फरवरी को चलाया जाएगा। (लिली)