संयुक्तराष्ट्र संघ व अरब लीग के संयुक्त विशेष प्रतिनिधि लख्दर ब्राहिमी ने 28 जनवरी की शाम मीडिया से कहा कि सीरिया सरकार और विपक्षी दल के बीच वार्ता की राह कठिनाई भरी है। लेकिन 31 जनवरी से पहले दोनों जिनेवा वार्ता मेज से नहीं हटेंगे।
ब्राहिमी की अध्यक्षता तले सीरिया सरकार और विपक्षी दल ने 25 जनवरी से जिनेवा में वार्ता की शुरूआत की। वार्ता में महिलाओं और बच्चों को मध्य सीरिया के होम्स शहर से हटाने, मानवीय सहायता सामग्री होम्स शहर में पहुंचाने की अनुमति और दोनों तरफ़ के बंदियों को रिहा करने समेत कई मामले शामिल हैं।
28 जनवरी को सीरिया मामले के दूसरे जिनेवा सम्मेलन में भाग ले रहे सीरियाई उप-विदेशमंत्री फ़ैसल मकदाद ने मीडिया से कहा कि दोनों पक्षों ने वार्ता में जिनेवा विज्ञप्ति की चर्चा की। सीरिया सरकार के विचार से विज्ञप्ति की कुंजी सीरिया में हिंसा कम करना है। लेकिन विपक्षी दल ने सीरिया सरकार द्वारा पेश हिंसक संघर्ष को खत्म करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
उधर विपक्षी दल के प्रवक्ता लौए साफ़ी ने संवाददाताओं से कहा कि विपक्षी दल ने सीरिया की सरकारी सेना से होम्स शहर और अन्य क्षेत्रों में घेराबंदी को बंद करने का आग्रह किया है। बदले में वे तीन शहरों की घेराबंदी बंद करेंगे। साथ ही साफ़ी ने कहा कि होम्स के नागरिकों के विचार में सीरिया सरकार स्थानीय महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा नहीं देगी, इसलिये उन्होंने अपनी पत्नि और बच्चों को वहां से हटाने से इनकार कर दिया।
ठीक उसी दिन फ़्रांसीसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पेरिस में कहा कि फ़्रांस सीरिया सरकार और विपक्षी दल के बीच जिनेवा में हुई वार्ता पर गंभीर है। फ्रांस को आशा है कि ये वार्ता सकारात्मक होगी।
चंद्रिमा