भ्रष्टाचार भारत में सबसे चर्चित मुद्दा है। जनवरी में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोकपाल बिल पारित किया, जिसके तहत भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए एक स्वतंत्र संस्था स्थापित की जाएगी। व्यापक भारतीय लोगों का विचार है कि संस्था के गठन के बाद भ्रष्टाचार पर लगाम कसी जा सकेगी। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि भ्रष्टाचार के विरोध में व्यवस्था में भी सुधार किया जाना चाहिए।
भ्रष्टाचार की वजह से न सिर्फ भारत के सामाजिक विकास, बल्कि आर्थिक विकास को भी नुकसान पहुंचा। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मनोरंजन मोहंती ने कहा कि लोकपाल बिल भ्रष्टाचार विरोध में एक अहम प्रगति है। कानून बनाने के साथ-साथ व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।
(ललिता)