जर्मन राष्ट्रपति जोआचिम गौक ने 27 जनवरी को रूसी राष्ट्रपति पुतिन के नाम लिखे एक पत्र में कहा कि सोवियत संघ के खिलाफ़ नाजी जर्मनी के आतिक्रमण की याद कर उनको गहरा दुख हुआ और वो इसपर शर्मिंदा हैं।
लेनिंग्राद सुरक्षा युद्ध की विजय की 70वीं वर्षगांठ की स्मृति के लिए गौक ने यह पत्र लिखा। ध्यान रहे सितंबर 1941 से नाजी जर्मनी की सेना ने लेनिंग्राद को ढाई साल तक अपने घेरे में रखा था। घेरे के दौरान 6 लाख से ज्यादा लोग भूखमरी और बमबारी से मारे गये थे। 27 जनवरी 1944 को सोवियत संघ की रेड आर्मी ने लेनिंग्राद पर जर्मन सेना का घेरा तोड़ा। 27 जनवरी 1945 को रेड आर्मी ने पोलैंड स्थित ऑस्विट्ज़ कैंप को मुक्त किया। इन दोनों महत्वपूर्ण तिथि की याद के लिए जर्मन संघीय संसद ने 27 जनवरी को स्मृति गतिविधि आयोजित की।
राष्ट्रपति गौक ने कहा कि जर्मनी नाजी सेना की बर्बर कार्रवाईयों पर ऐतिहासिक जिम्मेदारी उठाता है।