25 जनवरी को कोलकाता स्थित चीनी जनरल काउंसिल वांग श्वेफङ ने स्थानीय चीनी भाषा के अखबार में"ऐतिहासिक गाड़ी को पीछे चलाना अवश्य ही विफल होगा"शीर्षक लेख प्रकाशित किया।
जनरल काउंसिल वांग श्वेफङ ने अपने लेख में कहा कि जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध विस्फोट के बाद महान भारतीय कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने कई बार बातचीत और खुले पत्र जारी कर जापानी साम्राज्यवादी आक्रमण की कड़ी निंदा की थी और चीनी जनता का समर्थन किया।
लेख में वांग श्वफङ ने कहा कि जापानी प्रधानमंत्री शिन्जो अबे ने यासुकुनी मंदिर के दर्शन किए, यह जापानी साम्राज्यवादी आक्रमण और उपनिवेशवादी प्रशासन के शिकार विभिन्न देशों की जनता के लिए भारी नुकसान ही नहीं, विश्व भर में शांति प्रेमियों के लिए खुले आम उत्तेजना भी है। जापान की यह हरकत विश्व फ़ासिस्ट विरोधी युद्ध की विजय और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आधार पर युद्धोत्तर अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति के लिए बड़ी चुनौती है।
वांग श्वेफङ ने बल देते हुए कहा कि अबे को अपनी गलती मानकर उसमें सुधार करना चाहिए। उन्हें अपनी गलत कार्रवाई से पैदा हुए बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए वास्तविक कदम उठाना चाहिए। वरना एशियाई पड़ोसी देश और अंतरराष्ट्रीय समुदाय उन पर विश्वास नहीं करेंगे और वे बिल्कुल विफल होंगे।
(श्याओ थांग)