भारतीय निजी समाचार चैनल के अनुसार वर्ष 2012 से अबे के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत और जापान के संबंध लगातार विकसित हो रहे हैं। भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले वर्ष में जापान की यात्रा की थी। दोनों देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और विश्वभर के समान रुचि वाले मामलों पर विचार-विमर्श किया था, भारत और जापान के बीच रणनीतिक और वैश्विक सहयोग साझेदार संबंधों को उन्नत और मजबूत बनाया। इस बार अबे की यात्रा से दोनों देशों के संबंधों में नया विषय शामिल होगा।
इंडियन एक्सप्रेस समाचार पत्र ने कहा कि अबे जापान के पहले प्रधानमंत्री बनेंगे, जिन्होंने दो बार भारत की यात्रा की। इसके अलावा इस वर्ष भारत के गणतंत्र दिवस पर अबे एक प्रमुख अतिथि भी बने हैं। बीते पाँच वर्षों में पूर्वी एशिया के कुल चार नेताओं ने इस गतिविधि में भाग लिया। यह जाहिर है कि इस क्षेत्र के देश अर्थव्यवस्था और रणनीति की दृष्टि से भारत पर बड़ा ध्यान दे रहे हैं।
हिन्दुस्तान टाइम्स समाचार पत्र के अनुसार भारत औऱ जापान का सहयोग भारत के द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण भाग है। जापानी प्रधानमंत्री की इस यात्रा में भारत को रेल निर्माण और ऊर्जा बचत कार्यक्रमों में 2 अरब अमेरिकी डॉलर ऋण देने की संभावना होगी। यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिये बहुत लाभदायक है। अगर भारत के प्रति जापान अपने वचन का पालन करता है, तो भारत की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा।
(चंद्रिमा)