चीनी उप राष्ट्राध्यक्ष ली युएं छाओ ने 24 जनवरी को पेइचिंग में भारत के 65वें गणतंत्र दिवस के सत्कार समारोह और वर्ष 2014 चीन भारत मित्रवत आदान प्रदान वर्ष के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि चीन और भारत को हमेशा अच्छा पडोसी ,अच्छा मित्र और अच्छा साझेदार होना चाहिए।
चीन और भारत के बीच मित्रवत सह-अस्थित्व,पारस्पिरक लाभ वाला सहयोग और समान विकास दोनों देशों की 2 अरब 50 करोड़ की आबादी को लाभ पहुंचाएगा, एशिया और विश्व की शांति, स्थिरता को योगदान देगा। विश्व में चीन और भारत के समान विकास की पर्याप्त गुंजाइश है।
ली युएं छाओ और चीन स्थित भारत के नये राजदूत अशोक कंठ समेत 6 सौ देशी विदेशी अतिथि इस समारोह में उपस्थित थे।
ली युएं छाओ ने कहा कि राजनयिक संबंधों की स्थापना के 60 से अधिक वर्षों में चीन भारत संबंध निंतर परिपक्व होते जा रहे हैं। दो देशों ने शांति और समृद्धि के उन्मुख रणनीतिक साझेदारी स्थापित की है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है, जो विश्व में नवोदित बाजारों में से एक माना जाता है। चीन भारत की प्रगति से प्रसन्न है।
ली युएं छाओ ने बताया कि चीन-भारत संबंध विकास के नये अवसर का सामना कर रहे हैं। चीन भारत के साथ पारस्पिरक रणनीनिक विश्वास मजबूत कर विभिन्न क्षेत्रों में मित्रवत आदान प्रदान, आवाजाही को बढ़ाने ,लंबित ऐतिहासिक मुद्दों का समुचित समाधान करने, महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों में सहयोग बढ़ाने और द्विपक्षीय संबंध नई ऊंचाईयों पर पहुंचाना चाहते हैं।
अशोक कंठ ने अपने भाषण में कहा कि चालू वर्ष भारत चीनी मित्रों के साथ भारत-चीन मित्रवत आदान प्रदान वर्ष की गतिविधि चलाने से दोनों देशों के रणनीतिक सहयोग साझेदारी नये स्तर पर पहुंचाना चाहते हैं। विश्व को इसकी जरूरत है कि चीन और भारत मित्र और साथी बनें ताकि समान समृद्धि पूरी की जाए।
चीनी प्रधानमंत्री ली ख छ्यांग ने गत मई में भारत की यात्रा की थी। इस दौरान दोनों देशों के नेताओं ने वर्ष 2014 को मित्रवत आदान-प्रदान वर्ष निर्धारित किया है।