निवेश संधि पर चीन और यूरोपीय संघ (ईयू) की वार्ता का पहला चरण 21 जनवरी को पेइचिंग में शुरू हुआ। तीन दिवसीय वार्ता में चीन और यूरोपीय संघ वार्ता के प्रबंधन और संबंधित मुद्दों सहित कई विषय पर विचार-विमर्श करेंगे। चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता शेन डेंगयांग ने संयुक्त साक्षात्कार में इस बात की जानकारी दी।
शेन के अनुसार चीन-यूरोपीय संघ की निवेश संधि पर चर्चा करने से दोनों पक्षों के एक दूसरे के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा इसके साथ ही चीन-यूरोपीय संघ के संपूर्ण साझेदारी संबंधों को भी और प्रगाढ़ बनाया जाएगा। यह चीन की खुली आर्थिक व्यवस्था की स्थापना के लिये एक महत्वपूर्ण पहल भी है। शेन ने कहा कि जब यूरोपीय संघ का अर्थतंत्र उभरता दिखाई पड़ता है तो चीन और यूरोपीय संघ निवेश संधि पर औपचारिक रूप से वार्ता भी होने लगी है। इस वार्ता से ऐसा विश्वास किया जा रहा है कि वर्ष 2014 में चीन और यूरोपीय संघ में आर्थिक, व्यापारिक सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा। चीन-यूरोपीय संघ के संपूर्ण साझेदारी संबंधों के लिये नए दशक की शुरुआत होगी।
शेन ने बताया कि यूरोपीय संघ चीन का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों पक्षों के व्यापार की राशि कई वर्षों के लिये 5 खरब डॉलर से अधिक दर्ज हुई है। वर्ष 2013 में दोनों पक्षों ने वार्ता से ही फ़ोटोवोल्टिक उत्पादन (पीवी) विवाद का हल निकाला था, लेकिन दोनों पक्षों के सामने और कुछ व्यापारिक विवाद अब भी मौजूद हैं। इतने बड़े व्यापार में इन छोटे विवादों को किसी तरह की अड़चन नहीं बनने दिया जाएगा। लेकिन ये अधिक महत्वपूर्ण है कि इन विवादों का निपटारा कैसे किया जाएगा। (लिली)