आक्रमणकारी इतिहास पर जापान का रुख यूरोप की तुलना में बिल्कुल अलग है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 18 जनवरी को प्रकाशित द इंडियन एक्सप्रेस पर"चीन के विकास से दुनिया और बेहतर होगी"शीर्षक लेख छापा।
अपने लेख में वांग यी ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के 68 साल बाद जापान अब भी इतिहास को स्वीकार नहीं करना चाहता। जापानी नेताओं ने बार-बार यासुकुनी मंदिर के दर्शन किए और युद्ध अपराधियों को हीरो की तरह से देखा।
वांग यी ने कहा कि यूरोप नाजी का अपराध पूरी तरह हटाने का रुख अपनाता है, जबकि जापान आक्रमणकारी इतिहास स्वीकार नहीं करता। इस मुद्दे पर जापान और यूरोप के रुख बिल्कुल अलग है। अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है, ताकि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाई जा सके।
(ललिता)