जापानी प्रधानमंत्री शिन्जो अबे की यासुकुनी मंदिर के दर्शन करने का कदम राजनीतिक और राजनयिक कार्रवाई है। अबे ने अपनी वास्तविक कार्रवाई से पूर्व प्रधानमंत्री तोमिची मुरायामा के वक्तव्य और कोनो स्टेटमेंट से इनकार किया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने 15 जनवरी को यह बात कही।
जापानी विदेश मंत्री फुमिओ किशिता ने 14 जनवरी को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आशा जताई कि संबंधित देश यासुकुनी मंदिर के दर्शन करने को राजनयिक मुद्दा नहीं बनाएंगे। फुमिओ किशिता ने आक्रमणकारी युद्ध छेड़ने के सवाल को टालते हुए कहा कि अबे ने पूर्व प्रधानमंत्री तोमिची मुरायामा के वक्तव्य और कोनो स्टेटमेंट से कभी इनकार नहीं किया है।
इस पर होंग लेई ने कहा किजापानी विदेशमंत्री के बयान से जाहिर है कि जापान सरकार जान-बूझकर आक्रमणकारी इतिहास से मुंह मोड़ रही है।
(ललिता)